भारत सरकार द्वारा आर्टिकल 370 पर लिए फैसले के बाद अमेरिका में रह रहे कश्मीरी पंडितों ने अपनी खुशी जाहिर की है। उन्होंने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 निष्प्रभावी करने के फैसले का स्वागत करते हुए अमेरिका में रैली निकाली।
उल्लेखनीय है कि 5 अगस्त को भारत सरकार ने अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधान हटाते हुए जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को दो अलग-अलग केन्द्रशासित प्रदेश बनाने का फैसला किया था। जिसके बाद अमेरिका में रह रहे कश्मीरी पंडितों द्वारा अटलांटा में सीएनएन मुख्यालय के समक्ष रैली निकाली गई।
The Kashmiri Pandit community in the US held a rally applauding the Indian govt’s decision to #Article370Revoked in Jammu and Kashmir. #JammuAndKashmir https://t.co/444bZwkXLd
— The New Indian Express (@NewIndianXpress) August 25, 2019
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो कश्मीरी मूल के अटलांटा निवासी और नेशनल फेडरेशन ऑफ इंडियन अमेरिकन एसोसिएशन (एनएफआईए) के पूर्व अध्यक्ष सुभाष राजदान ने बताया कि अनुच्छेद 370 में इन संशोधनों की आवश्यकता थी, क्योंकि इसके कारण लगभग सभी कश्मीरी अल्पसंख्यकों (जैसे शिया, दलित, गुर्जर, कश्मीरी पंडित, कश्मीरी सिखों) के साथ हद से ज्यादा भेदभाव हो रहा था। लेकिन अब उन्हें कानून के समक्ष बराबरी का अवसर मिलेगा।
गौरतलब है कि इस रैली के माध्यम से कश्मीरी पंडितों ने अपने पलायन और वापस अपनी मातृभूमि पर लौटने की तड़प को जगजाहिर किया। कभी उन्हें बढ़ते अतिवाद के कारण घाटी छोड़ना पड़ा था।
इस बीच, लैंसेट पत्रिका के प्रधान संपादक डॉ. रिचर्ड होर्टन को लिखे एक पत्र में कश्मीरी-मूल के प्रवासी चिकित्सकों ने कहा है कि 17 अगस्त को प्रकाशित उनकी हालिया राय में कई प्रासंगिक तथ्यों की अनदेखी की गई है।