पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने जम्मू कश्मीर को लेकर दुनियाभर में जितना हो-हल्ला मचाया, उससे उन्हीं के देश के नेता ख़ुश नहीं है। पाकिस्तान के विपक्षी नेताओं को लगता है कि इमरान ने कश्मीर को लेकर जो कुछ भी किया, उसका पाकिस्तान पर कोई सकारात्मक असर नहीं हुआ। इधर भारत की कूटनीति सफल रही और पीएम मोदी ने किसी भी अंतरराष्ट्रीय मंच पर बिना इमरान का नाम लिए पाकिस्तान को धो डाला। मौलाना फज़ल-उर-रहमान की ‘आज़ादी मार्च’ में भी कश्मीर मुद्दा गूँजा। इस दौरान पाकिस्तान नेताओं में जम्मू कश्मीर को लेकर अपने देश की नाकामी का दर्द छलका।
मौलाना ने आज़ादी मार्च में लाखों की भीड़ को सम्बोधित करते हुए इमरान ख़ान पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि जब नरेंद्र मोदी भारत में चुनाव प्रचार अभियान चला रहे थे, तब पाक पीएम इमरान ख़ान ने कहा था कि जब मोदी जीत कर आएँगे तो वो कश्मीर मसले को हल कर देंगे। मौलाना ने पाकिस्तान सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि देखो मोदी कामयाब भी हो गया और कश्मीर का मसला हल भी हो गया। उन्होंने इमरान ख़ान के उस बयान को भी आड़े हाथों लिया, जिसमें उन्होंने कहा था कि वो कश्मीर की जंग लड़ रहे हैं।
मौलाना ने कहा कि इमरान ख़ान कश्मीर की जंग नहीं लड़ रहे हैं बल्कि वो कश्मीर को बेच कर कमाने की फ़िराक़ में हैं। उन्होंने इमरान की सरकार को ‘कश्मीरफरोश’ करार देते हुए कहा कि वो सभी मगरमच्छ के आँसू बहा रहे हैं। इमरान ख़ान ने संयुक्त राष्ट्र जनरल असेंबली के मंच पर लम्बा-चौड़ा भाषण दिया था, जिसमें उन्होंने इस्लाम, पैगम्बर मुहम्मद और कश्मीर को ही मुद्दा बनाया था। बाद में इमरान के भाषण की उनकी पार्टी ने ख़ूब प्रशंसा की थी। मौलाना ने पूछा कि अगर इमरान ने यूएन में इतनी अच्छी तकरीर की तो उसका कोई फ़ायदा क्यों नहीं हुआ?
सही फ़रमाया मौलाना फ़ज़ल-उर-रहमान ने
— Major Surendra Poonia (@MajorPoonia) November 3, 2019
“इमरान खान ने कहा था जब मोदी दुबारा चुनाव जीतेंगे तो कश्मीर समस्या का हल क़र देंगे,वो चुनाव भी जीत गये,कश्मीर समस्या को भी सुलझा दिया,कश्मीर मुद्दे पर UN में हमेशा Pak को वोट देने वालों ने भी हमारा साथ नहीं दिया”?@narendramodi शुक्रिया सर? pic.twitter.com/t8a7O6PRyQ
मौलाना ने इस ओर इशारा किया कि कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान एकदम अलग-थलग पड़ चुका है। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय मंचों पर जब भी वोटिंग का मौक़ा आया, तब उन देशों ने भी पाकिस्तान के ख़िलाफ़ वोट दिया, जो अब तक पाकिस्तान का साथ देते आ रहे थे। इसके बाद मौलाना के ‘आज़ादी मार्च’ में उपस्थित नेताओं ने ‘मोदी का यार है, गद्दार है, गद्दार है’ का नारा लगाते हुए अपने ही प्रधानमंत्री को घेरा। रैली में उपस्थित जनता ने भी इस नारे को जोर से दोहराया। मौलाना ने एक तरह से कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान सरकार को पूरी तरह नाकाम करार दिया।
सरकार-विरोधी मार्च में मौलाना को पाकिस्तान की जनता और दोनों प्रमुख विपक्षी दलों का भरपूर सहयोग मिल रहा है। नवाज़ शरीफ की पार्टी ने उनके भाई शाहबाज़ शरीफ की अध्यक्षता में बैठक बुला कर चर्चा की है कि मौलाना को कब तक समर्थन देना है? आज़ादी मार्च में कैम्प लगा कर लोगों के सोने व खाने-पीने की भी व्यवस्था की जा रही है। लाहौर हाईकोर्ट में मौलाना के ख़िलाफ़ मुक़दमा दायर किया गया है। मौलाना ने एक बैठक बुला कर आगे की रणनीति पर चर्चा की है और कहा है कि उनके पास प्लान बी और प्लान सी भी है।