हॉन्गकॉन्ग के एक मदरसे में मौलवी द्वारा छात्र को की पिटाई किए जाने का मामला सामने आया है। बताया जा रहा है कि मौलवी मूल रूप से पाकिस्तान निवासी छात्र द्वारा कुरान की आयत न सुना पाने से नाराज था। पिटाई से पीड़ित 13 वर्षीय छात्र को गंभीर चोटें आईं हैं जिसकी आँख को काफी नुकसान पहुँचा है। मामले की शिकायत पुलिस में की गई है। पुलिस घटना की जाँच कर रही है। घटना शनिवार (5 अगस्त 2023) की बताई जा रही है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जिस मदरसे में छात्र की पिटाई हुई है वहाँ ज्यादातर पाकिस्तान मूल के बच्चे इस्लामी शिक्षा लेते हैं। घटना के दिन मदरसे में पढ़ाने वाले मौलवी ने छात्र से कुरान की आयत सुनाने को कहा। छात्र द्वारा आयत न सुना पाने के नाराज आरोपित ने छात्र की पिटाई की। इस पिटाई से छात्र की बाईं आँख को काफी नुकसान पहुँचा। घटना के अगले दिन रविवार (6 अगस्त) को पीड़ित ने अपने परिजनों को आँख में दर्द होने की जानकारी दी। छात्र ने अपने परिवार से मौलवी द्वारा अपनी पिटाई का भी जिक्र किया।
बताया जा रहा है कि पहले पीड़ित छात्र के परिजन उसे हॉन्गकॉन्ग के चाई वान इलाके के ईस्टर्न अस्पताल ले कर गए। डॉक्टरों ने आँख की चोट को गंभीर बताते हुए सर्जरी की। डॉक्टरों के मुताबिक 6 माह बाद एक बार फिर से पीड़ित की आँखों की सर्जरी की जाएगी। घायल छात्र के परिजनों ने आरोपित मौलवी के खिलाफ पुलिस में तहरीर दी है। पुलिस के मुताबिक वह पीड़ित के परिजनों सहित मदरसे के अधिकारियों के सम्पर्क में है और जाँच के साथ-साथ जरूरी कार्रवाई कर रही है।
वहीं हांककांग के इस्लामिक काउंसिल ने इस घटना की निंदा की है। काउंसिल के देश के मुस्लिमों से मदरसों में CCTV लगवाने और ऐसे मामलों पर लगाम लगाने का वादा किया है। इसी संस्था के संस्थापक अदील मलिक के मुताबिक वो पीड़ित को न्याय दिलाएँगे। वहीं शहर के इमाम मुफ़्ती मोहम्मद अरशद का दावा है कि छात्र की आँख में पहले से कुछ दिक्कत थी। हालाँकि उन्होंने आरोपित मौलवी द्वारा पीड़ित की पिटाई से इंकार नहीं किया। मुफ़्ती मोहम्मद अरशद ने मदरसे के टीचरों को बच्चों को पढ़ाने के लिए एक ट्रेनिंग दिए जाने की जरूरत पर जोर दिया है।