G20 शिखर सम्मेलन में शामिल होने के बाद मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद जुगनाथ सोमवार (11 सितंबर, 2023) को वाराणसी पहुँचे। यहाँ उन्होंने अपने परिवार के साथ बाबा विश्वनाथ के दर्शन किए। इससे पहले उन्होंने दशाश्वमेध घाट पर अपने ससुर की आत्मा की शांति के लिए अनुष्ठान किया। फिर मणिकर्णिका घाट पर अस्थियों का विसर्जन किया।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद जुगनाथ सुबह 11 बजे वाराणसी एयरपोर्ट पहुँचे थे। वहाँ योगी आदित्यनाथ सरकार में मंत्री अनिल राजभर ने उनका स्वागत किया था। इसके बाद वह ताज होटल के लिए रवाना हुए थे। वहाँ रास्ते में स्कूली बच्चों द्वारा हाथों में झंडा व पारंपरिक गीत-नृत्य के साथ उनका स्वागत किया गया।
#WATCH | Uttar Pradesh: Mauritius PM Pravind Kumar Jugnauth offers prayers at Dashashwamedh Ghat in Varanasi pic.twitter.com/TEQq6viuCe
— ANI (@ANI) September 11, 2023
इसके बाद वह अपने परिवार के साथ दशाश्वमेध घाट पहुँचे। जहाँ उन्होंने अपने साले और पत्नी के साथ ससुर की आत्मा की शान्ति के लिए पूजा-पाठ की। फिर नाव में सवार हो मणिकर्णिका घाट पहुँचे। यहाँ उन्होंने घाट के सामने गंगा की धारा में अपने ससुर का अस्थि कलश विसर्जित किया।
VIDEO | Mauritius PM Pravind Jugnauth offers prayers at Kashi Vishwanath Temple in Varanasi. pic.twitter.com/difd61m9Ew
— Press Trust of India (@PTI_News) September 11, 2023
इसके बाद वह श्री काशी विश्वनाथ मंदिर पहुँचे। मंदिर में 60 बटुकों और डमरू दल ने मंत्रोच्चार के बीच डमरू बजाकर उनका स्वागत किया। मंदिर आगमन पर श्री काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुनील वर्मा ने मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद जुगनाथ को स्मृति चिह्न के तौर पर मंदिर का काष्ठ मॉडल यानि लड़की का मॉडल भेंट किया।
भारत से थे प्रविंद जग्नाथ के पूर्वज
मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रवींद जुगनाथ का उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के रसडा के रहने वाले थे। भारत में मॉरीशस के उच्चायुक्त रहे जगदीश्वर गोवर्धन ने कहा था कि प्रधानमंत्री प्रविंद जगन्नाथ के पूर्वज 1873 में गिरमिटिया मजदूर के रूप में कोलकाता से जलमार्ग के रास्ते मॉरीशस गए थे। अब उनकी 5वीं पीढ़ी के व्यक्ति प्रवींद वहाँ के प्रधानमंत्री हैं।
बताया जाता है कि मॉरीशस के पीएम प्रविंद जुगनाथ के पूर्वज ‘अहीर’ जाति से थे। जुगनाथ ने अपने पूर्वजों से मिलने की इच्छा भी जाहिर की थी। इसके लिए उन्होंने पीएम नरेंद्र से भी आग्रह किया था। इसके बाद उनके पूर्वजों की तलाश शुरू की गई थी। लेकिन इसमें सफलता नहीं मिल पाई।