बांग्लादेश की स्वतंत्रता की 50वीं वर्षगाँठ पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 26 मार्च 2021 को देश की राजधानी ढाका जाने वाले हैं। ऐसे में खबर है कि शुक्रवार (मार्च 19, 2021) को वहाँ के मुस्लिम और कुछ छात्र कार्यकर्ताओं ने उनके इस दौरे के विरोध में प्रदर्शन करते हुए मार्च निकाला है।
जुमा की नमाज के बाद 500 मुस्लिमों ने बैतुल मोकर्रम मस्जिद के बाहर मार्च किया। वीडियो में देख सकते हैं कि बड़ी तादाद में इस्लामी टोपी पहने और बड़ी-बड़ी दाढ़ी रखे लोग सड़कों पर भारत और भारत के प्रधानमंत्री के विरुद्ध नारेबाजी कर रहे हैं। इन सभी के हाथ में चप्पल है और ये माँग कर रहे हैं कि प्रधानमत्री मोदी के ढाका दौरे को निरस्त किया जाए।
Protest rallies of Islamist parties started from Baitul Mukarram National Mosque in #Dhaka on Friday after Jummah Prayer demanding cancellation of #Modi‘s visit…#ModiNotWelcome#GoBackModi #GoBackFascistModi pic.twitter.com/f6X3vE7cGx
— Nznn Ahmed (@na_nznn) March 19, 2021
दूसरे प्रोटेस्ट में छात्र कार्यकर्ताओं ने ढाका यूनिवर्सिटी के कैंपस के बाहर मार्च किया। प्रदर्शनकारियों के बैनर पर लिखा था, “गो बैक मोदी” “गो बैक इंडिया” “गो बैक किलर मोदी।”
प्रदर्शनकारियों ने मार्च के दौरान इल्जाम लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी हिंदू नेशनलिस्ट पार्टी भारत में मुस्लिमों को दबा रही है। उन्होंने ये भी इल्जाम लगाए कि आए दिन भारतीय सीमा पर बांग्लादेशी मारे जा रहे हैं। हालाँकि, सच्चाई ये है कि भारतीय सीमा पर गोली सिर्फ़ उन पर चलती है जो या तो तस्करी करते पकड़े जाते हैं या फिर घुसपैठ करते हुए।
हम तालिबानी बन जाएँगे- बांग्लादेशी प्रदर्शनकारी
प्रदर्शनकारियों में से एक मोहम्मद अनवर ने कहा कि भारत की अधीनस्थ हसीना सरकार ने मोदी को आमंत्रित किया है, हम इसका विरोध करने के लिए यहाँ हैं। वहीं बांग्लादेशी हिंदू कार्यकर्ता राजू दास द्वारा शेयर एक अन्य वीडियो में एक मुस्लिम व्यक्ति को कहते सुना सकता है, “अगर नरेंद्र मोदी को बांग्लादेश आने को कहा गया तो हम आतंकी बन जाएँगे। बंगाल बनेगा अफगानिस्तान और हम बनेंगे तालिबान।”
They Say:
— Raju Das 🇧🇩 (@RajuDas7777) March 20, 2021
If Narendra Modi is allowed to come to Bangladesh, we will all become terrorists. Bengal will be Afghan, we will be Taliban. We will rise with the roar of Osama bin Laden, we will not obey any obstacle. We are Rasul soldier, don’t be afraid of bullet bombs. pic.twitter.com/GHdEapsTMq
प्रदर्शनकारी कहता है, “हम ओसामा बिन लादेन की हुंकार के साथ उठेंगे। हम किसी भी बाधा को पार कर लेंगे। हम रसूल के फौजी हैं, बम और बुलेट्स से नहीं डरते। बस याद रहे अल्लाह तुम्हारे साथ है। हम ये बर्दाश्त नहीं करेंगे। इस्लाम, कुरान और देश की खातिर हम साथ में लड़ेंगे।” बता दें कि पूरे प्रदर्शन में ये प्रदर्शनकारी पीएम मोदी को आतंकी बताते हुए सुनाई दिए और तिरंगे पर क्रॉस का निशान लगाए दिखे।
भारत के ख़िलाफ़ पहले भी इस्लामी संगठनों ने किया था विरोध
ऐसा ही नजारा पिछले साल फरवरी में भी बांग्लादेश में देखने को मिला था। ढाका की प्रमुख मस्जिद के बाहर दिल्ली में हुए दंगों के लिए भारत सरकार के ख़िलाफ़ प्रदर्शन हुआ था। सैंकड़ों की संख्या में मुस्लिम बैतुल मोकर्रम मस्जिद के बाहर इकट्ठा हुए थे और उन्होंने रैली में शामिल होकर जोर-जोर से पीएम मोदी के विरुद्ध नारेबाजी की थी।
प्रदर्शनकारियों की माँग थी कि हसीना सरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को शेख मुजीबुर रहमान की 100वें जन्मदिवस पर न बुलाए। उनका मत था कि ये आमंत्रण 1971 में हुए युद्ध का अपमान है। उस समय मार्च का आयोजन 6 मुस्लिम राजनीतिक समूहों ने किया था। स्थिति ऐसी थी कि भारी तादाद में पुलिस को मौके पर मौजूद रहना पड़ा था।
भारत में रहकर बांग्लादेशी छात्रा कर रही थी भारत विरोधी काम
पिछले साल ही केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एक बांग्लादेशी छात्रा को भारत छोड़ने का फरमान सुनाया था। छात्रा पर देश विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप था। अफसरा अनिका मीम नाम की यह छात्रा पश्चिम बंगाल की विश्वभारती विश्वविद्यालय में पढ़ रही थी। छात्रा को कोलकाता में फॉरन रिजनल रजिस्ट्रेशन ऑफिस की तरफ से नोटिस थमाया गया था। उसे 29 फरवरी 2020 तक भारत छोड़ने को कहा गया था।
दरअसल, मीम ने 8 फरवरी को CAA के खिलाफ पश्चिम बंगाल में आयोजित प्रदर्शन में हिस्सा लिया था। यह प्रदर्शन बीरभूम जिले में हुआ था और लेफ्ट विंग के छात्रों की तरफ से आयोजित किया गया था। अनिका बांग्लादेश की कुश्तिया जिले की रहनेवाली थी। उसने सीएए विरोधी प्रदर्शनों की तस्वीरें फेसबुक पर पोस्ट की थीं। उसने 2018 में विश्वभारती यूनिवर्सिटी के डिजाइनिंग कोर्स में दाखिला लिया था।
उस पर आरोप था कि साल 2019 में भारत सरकार ने नागरिकता संशोधन कानून को संसद से पास किया था, उसके बाद से वह उसका विरोध कर रही थी। छात्रा ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट से सीएए विरोधी प्रदर्शन की तस्वीरें शेयर की थी। बाद में वह पोस्ट काफी वायरल हुआ था और उसकी काफी आलोचना भी हुई थी। इसके बाद छात्रा को फॉरन रिजनल रजिस्ट्रेशन ऑफिस की तरफ से 14 फरवरी को नोटिस थमा दिया गया। उसे 15 दिन का समय दिया गया था।