Wednesday, September 18, 2024
Homeरिपोर्टअंतरराष्ट्रीय100+ दिन से अंतरिक्ष में फँसीं सुनीता विलियम्स, बोइंग विमान लौटने के बाद पहली...

100+ दिन से अंतरिक्ष में फँसीं सुनीता विलियम्स, बोइंग विमान लौटने के बाद पहली बार की प्रेस कॉन्फ्रेंस: बताया- स्पेस में रहकर करेंगी US के चुनावों में मतदान

साल 1997 में टेक्सास के कानून द्वारा यह व्यवस्था की गई थी कि नासा के अंतरिक्ष यात्री अंतरिक्ष में रहते हुए भी अपने वोट डाल सकें। डेविड वुल्फ पहले ऐसे अंतरिक्ष यात्री थे जिन्होंने मीर स्पेस स्टेशन से वोट डाला था।

नासा के दो अनुभवी अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और बुच विलमोर इस समय अंतरिक्ष में फंसे हुए हैं और वे फरवरी 2024 तक वहीं रहेंगे। इस बीच, अमेरिका में नवंबर 2024 में राष्ट्रपति चुनाव होने वाले हैं। हालाँकि सुनीता विलियम्स और बुच विलमोर भले ही अंतरिक्ष में हों, फिर भी वो अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के लिए होने वाली वोटिंग में हिस्सा लेंगे और अपना वोट डालेंगे। नासा के एक विशेष प्रणाली के माध्यम से ये अंतरिक्ष यात्री अपने वोट अंतरिक्ष से ही डाल सकेंगे।

अंतरिक्ष में रहकर अमेरिकी चुनाव के लिए मतदान

नासा के अंतरिक्ष यात्री अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) साल 1997 से ही अपने वोट डालते आ रहे हैं। इसके लिए इलेक्ट्रॉनिक बैलट्स भेजे जाते हैं, जिन्हें अंतरिक्ष यात्री भरकर वापस धरती पर भेजते हैं। यह प्रक्रिया काफी सरल है। पहले, बैलट्स को ISS तक भेजा जाता है, जहां अंतरिक्ष यात्री उसे भरते हैं। इसके बाद, भरे हुए बैलट्स को इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से धरती पर वापस भेजा जाता है, जहाँ इन्हें संबंधित काउंटी क्लर्क द्वारा प्रोसेस किया जाता है। इस प्रक्रिया में सुरक्षा के लिए बैलट्स को एन्क्रिप्ट किया जाता है ताकि किसी भी तरह की गड़बड़ी न हो सके।

सुनीता विलियम्स और बुच विलमोर का वोटिंग अनुभव

हाल ही में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बुच विलमोर ने बताया, “मैंने आज अपना बैलट माँगा है। हमें यह कुछ हफ्तों में मिल जाएगा। यह एक महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है, जिसमें हम सभी नागरिकों के रूप में शामिल होते हैं। हम इसके लिए उत्साहित हैं।”

बता दें कि साल 1997 में टेक्सास के कानून द्वारा यह व्यवस्था की गई थी कि नासा के अंतरिक्ष यात्री अंतरिक्ष में रहते हुए भी अपने वोट डाल सकें। डेविड वुल्फ पहले ऐसे अंतरिक्ष यात्री थे जिन्होंने मीर स्पेस स्टेशन से वोट डाला था।

स्पेस सेंटर में फंसे हैं दोनों अंतरिक्ष यात्री

सुनीता विलियम्स और बुच विलमोर दोनों ही नासा के अनुभवी अंतरिक्ष यात्री हैं और दोनों ने हमेशा अंतरिक्ष को अपना ‘खुशहाल स्थान’ बताया है। हालाँकि, हाल ही में उन्होंने स्वीकार किया कि बीते कुछ महीनों में उनके लिए समय कठिन रहा है। बोइंग के स्टारलाइनर यान में आई तकनीकी समस्याओं के कारण वे ISS में फंसे हुए हैं। एक हफ्ते का परीक्षण मिशन कई महीनों तक खिंच गया और वे अगले साल फरवरी तक अंतरिक्ष में रहेंगे।

विलमोर ने बताया, “पिछले तीन महीनों का सफर कठिन रहा है। हमने हर कदम पर अपने यान की समस्याओं का आकलन किया है। यह कभी-कभी काफी मुश्किल हो जाता था।” सुनीता विलियम्स ने कहा कि उन्हें ISS पर रहने में कोई विशेष कठिनाई नहीं हुई, क्योंकि उनका पहले से ही यहाँ रहने का अनुभव है।

विलमोर ने यह भी बताया कि बोइंग को अपने यान में कुछ सुधार करने होंगे, लेकिन उन्होंने भरोसा जताया कि बोइंग और पूरी टीम इसे सफलतापूर्वक पूरा करेगी। उन्होंने कहा, “जब आप स्पेसक्राफ्ट के साथ ऐसे नए काम करते हैं जो पहले कभी नहीं किए गए, तो कुछ नई चुनौतियाँ जरूर सामने आती हैं।”

नासा के अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और बुच विलमोर भले ही अंतरिक्ष में फंसे हों, लेकिन वे अमेरिकी लोकतंत्र में अपनी भागीदारी निभाने के लिए तैयार हैं। नासा की यह विशेष वोटिंग प्रणाली उन्हें यह सुनिश्चित करने में मदद करेगी कि वे अपने नागरिक कर्तव्यों का पालन कर सकें, चाहे वे धरती पर हों या अंतरिक्ष में।

गौरतलब है कि सुनीता विलियम्स और बुच विलमोर 5 जून से अंतरिक्ष में हैं। अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और बुच विलमोर पिछले 3 महीने से ज्यादा समय से स्पेस में फंसे हुए हैं। वहीं, दूसरी तरफ जिस स्पेसक्राफ्ट स्टारलाइनर में वो दोनों इंटरनेशनल स्पेश स्टेशन गए थे, वह अब उन दोनों के बिना वापस आ चुका है।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

पेजर ब्लास्ट से 500+ की गई आँख, फिर भी क्यों इस्तेमाल करता है हिजबुल्लाह, हमास के आतंकी ऐसे हमलों से कितने महफूज: जानिए सब...

हिजबुल्लाह द्वारा पेजर का इस्तेमाल किए जाने के पीछे कारण है कि इसमें भेजे जाने वाले संदेश और उसे भेजने वाले को ट्रैक नहीं किया जा सकता।

दिल्ली के जिस कार्यक्रम में लगे ‘कश्मीर माँगे आजादी’ के नारे, उसके मंच पर गिलानी के साथ थे दिल्ली की नई CM के माता-पिता:...

आप की ही राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल ने आतिशी के माता-पिता पर एसएआर गिलानी से गहरे संबंध रखने के आरोप लगाए हैं।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -