प्रधानमंत्री शेख हसीना का तख्ता पलट होने के बाद बांग्लादेश में उनकी पार्टी आवामी लीग के 400 से अधिक नेताओं एवं कार्यकर्ताओं की हत्या कर दी गई है। बांग्लादेश सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी आवामी लीग का दावा है कि इस साल जुलाई से लेकर अभी तक इस्लामी कट्टरपंथी संगठन जमात-ए-इस्लामी द्वारा इन हत्याओं को अंजाम दिया गया है। वहीं, हसीना के तख्ता पलट के चेहरा रहे छात्र नेता ने कहा कि बांग्लादेश की नई सरकार के भारत के हिंदुत्व के खिलाफ है।
आवामी लीग ने अपने पार्टी के ऐसे 394 नेताओं एवं कार्यकर्ताओं की सूची जारी की है, जिनकी हत्या कर दी गई। पार्टी का कहना है कि यह शुरुआती सूची है और आने वाले समय में उन लोगों के नामों वाली ऐसी और सूची जारी की जाएँगी, जिनकी हत्या कर दी गई है। जानकारों के अनुसार, बांग्लादेश में अराजकता के बाद से आवामी लीग के अधिकांश सदस्यों की हत्या कर दी गई।
हत्या जमात-ए-इस्लामी द्वारा बांग्लादेश में विपक्ष पर हमला करने के लिए अपनाई गई एक खास शैली है। जमात की छात्र शाखा छात्र शिबिर ऐसी हत्याओं के लिए पूरे मुल्क में कुख्यात है। इस साल 5 अगस्त को बांग्लादेश में तख्ता पलट के बाद आवामी लीग के लिए नेताओं एवं कार्यकर्ताओं का बहुत ही व्यवस्थित तरीके से निशाना बनाया गया है। उसी दिन उनकी पार्टी के 29 नेताओं एवं उनके परिवार के लोगों की हत्या कर दी गई।
बांग्लादेश को भारत का हिंदुत्व पसंद नहीं
शेख हसीना सरकार के खिलाफ छात्रों के विद्रोह का प्रमुख चेहरा रहे 26 वर्षीय आसिफ महमूद का कहना है कि बांग्लादेश के लोग हिंदुत्व के खिलाफ हैं। मोहम्मद यूसुफ के नेतृत्व वाली सरकार में सलाहकार की भूमिका निभा रहे आसिफ महमूद ने दैनिक भास्कर से बातचीत में कहा कि भारत के कई नेता बांग्लादेश के खिलाफ नफरत फैला रहे हैं।
महमूद ने कहा, “हमारे लोग भारत से नाराज हैं, क्योंकि भारत शेख हसीना की मदद कर रहा है। शेख हसीना वहाँ रहकर स्पीच दे रही हैं। अगर भारत उन्हें वापस भेजता है तो इससे बांग्लादेश के साथ उसके रिश्ते सुधरेंगे।” महमूद ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों, खासकर हिंदुओं पर होने वाले हमलों को राजनीतिक मसला बताया।
हिंदुत्व को लेकर आसिफ महमूद ने कहा, “BJP भारत में सरकार चला रही है। उसका हिंदू घोषणापत्र है, जिसके हम लोग खिलाफ हैं। बांग्लादेश के लोगों को हिंदुत्व पसंद नहीं है। साल 2019 में भारत में CAA-NRC एक्ट पास हुआ। हमने इसका विरोध किया। भारत से बड़ी संख्या में प्रवासी बांग्लादेश वापस आ सकते हैं। ये पॉलिसी मुस्लिमों के खिलाफ है। इससे हमें खतरा महसूस हो रहा है।”
बांग्लादेश के विभिन्न हिस्सों ‘बैन भाजपा’ के पोस्टर को लेकर आसिफ ने कहा, “हम उन लोगों के खिलाफ हैं, जो शेख हसीना सरकार के साथ थे। यही भारत के लिए नफरत की वजह है। इसीलिए बांग्लादेश के लोग इंडियन प्रोडक्ट बैन करने की माँग कर रहे हैं।” महमूद ने माना कि शेख हसीना की सत्ता जाने के बाद आवामी लीग के 10 हजार लोगों को कैद किया गया है।
‘जय बांग्ला’ को राष्ट्रीय नारा नहीं मानने और वहाँ की नोटों से शेख मुजीबुर्रहमान की फोटो हटाने की तैयारी को लेकर महमूद ने कहा कि बांग्लादेश ने 1947, 1971 और 1990 में लड़ाई लड़ी है। उन्होंने कहा कि देश का कोई एक राष्ट्रपिता नहीं हो सकता। आजादी की जंग में कई लोग शामिल थे। उन्होंने कहा, “हमारे पास मौलाना हामिद खान वसानी, हुसैन सुहरावर्दी और जोगेन मंडल जैसे कई संस्थापक पिता हैं।”