चीन में कोरोना वायरस को लेकर खबरें दबाए जाने के बावजूद कुछ ऐसी जानकारियाँ सामने आ रही हैं, जिनसे कई अन्य देशों की मुश्किलें बढ़ने लगी हैं। चीन के पूर्वी हिस्से में स्थित शहर जिनान में एक नए क़िस्म का कोरोना वायरस मिला है। हैरत की बात ये है कि ये कोरोना वायरस बीफ और ट्राइप (गाय-भैंस इत्यादि का आँत, जिसे खाद्य पदार्थ के रूप में कई लोग प्रयोग करते हैं) में पाया गया है।
बीफ और ट्राइप की पैकेजिंग और ऐसे अन्य प्रोडक्ट्स के पैकेट्स पर भी कोरोना वायरस पाए गए हैं। ब्राजील, न्यूजीलैंड और बोलीविया से ये प्रोडक्ट्स आते हैं, जिसके बाद चीन ने अब फ्रोजन फ़ूड आइटम्स की जाँच करनी शुरू कर दी है। जिनान म्युनिसिपल हेल्थ कमीशन ने शनिवार (नवंबर 14, 2020) को बताया है कि ‘Guotai इंटरनेशनल समूह’ और ‘संघाई झोंगील डेवलपमेंट ट्रेड’ जैसे इम्पोर्टर्स के फ़ूड पैकेट्स पर ये पाया गया।
ये प्रोडक्ट्स शंघाई के यांगशन पोर्ट और अन्य आउटर पोर्ट्स से होकर चीन में घुसे थे। हालाँकि, शान्डोंग प्रान्त के शहर ने ये नहीं बताया है कि किन कंपनियों के प्रोडक्ट्स पर ये नए किस्म का कोरोना वायरस पाया गया है। इन प्रोडक्ट्स का प्रयोग करने वाले और इसके संपर्क में आने वाले लोगों की टेस्टिंग की गई है, जिनमें से 7500 नेगेटिव पाए गए हैं। इससे पहले सऊदी से आने वाले झींगा के माँस पर ये कोरोना वायरस पाया गया था।
China finds coronavirus on packaging of Saudi shrimp https://t.co/qYLebvQ0j6 pic.twitter.com/fUtBp7TeLT
— Reuters (@Reuters) November 14, 2020
ब्राजील और अर्जेंटीना से आने वाले बीफ पैकेट्स पर भी जाँच के दौरान यही पाया गया है। शुक्रवार को हेनान प्रान्त के झेंगझोउ शहर में अर्जेंटीना से आई बीफ पैकेट्स पर कोरोना वायरस पाया गया। वहाँ के प्रशासन ने ‘WeChat’ के माध्यम से ये जानकारी खुद की सार्वजनिक की है। साथ ही कोल्ड स्टोरेज से निकाले गए पोर्क के पैकेट्स पर इसे पाए जाने के बाद लोगों को जाँच के बाद ही ये सब प्रोडक्ट्स बेचे जा रहे हैं। बीफ और पोर्क की चीन में खासी खपत है, ऐसे में उनमें कोरोना वायरस का पाया जाना लोगों को आशंकित कर रहा है।
हालाँकि, WHO का कहना है कि फ्रोजन फूड प्रोडक्ट्स पर कोरोना वायरस के पाए जाने से किसी व्यक्ति के कोविड-19 से संक्रमित होने की सम्भावना नहीं है। चीन ने कई प्रोडक्ट्स के इम्पोर्ट पर प्रतिबंध भी लगा रखा है और इस सम्बन्ध में लोगों को चेतावनी जारी करता रहा है। जिन प्लांट्स में ये मामले आए हैं, उन्हें बंद कर के सारे कर्मचारियों की टेस्टिंग की प्रक्रिया चालू है। कई अन्य देश भी इस तरह की जाँच में लगे हैं।
कोरोना वायरस के पैदा होने से लेकर फैलने तक चीन की भूमिका हमेशा से संदिग्ध रही है। इस मुद्दे पर चीन हमेशा से सवालों के घेरे में रहा है। 2 महीने पहले ही खबर आई थी कि चीन अपने देश के लोगों को कोविड 19 की वैक्सीन शॉट्स दे रहा है, जबकि इस वैक्सीन का परीक्षण पूरा नहीं हुआ है। यानी, वैक्सीन कितनी असरदार है या उसके दुष्प्रभाव क्या हो सकते हैं, इस बात की पुष्टि भी नहीं हुई है।