Friday, November 15, 2024
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अमेरिकी अदालत में निखिल गुप्ता ने खुद को बताया निर्दोष, खालिस्तानी आतंकी पन्नू की हत्या की साजिश रचने का है आरोप: चेक गणराज्य से लाने का Video आया सामने

निखिल गुप्ता के वकील जेफरी चेब्रोवी ने कहा कि यह काफी जटिल मामला है और इसमें दोनों देश जुड़े हैं। उन्होंने कहा कि हमें मामले को समझे बगैर ऐसे ही इसके निष्कर्षों पर नहीं जाना चाहिए। जेफरी ने कहा कि वह कोर्ट ने निखिल को बचाने का पूरा प्रयास करेंगे।

खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू को मारने की साजिश में गिरफ्तार भारतीय नागरिक निखिल गुप्ता ने खुद को दोषी नहीं माना है। निखिल गुप्ता ने एक अमेरिकी कोर्ट में पेशी के दौरान यह किया। निखिल गुप्ता को इससे पहले चेक गणराज्य से प्रत्यर्पित करके लाया गया था।

जानकारी के अनुसार, सोमवार (17 जून, 2024) को निखिल गुप्ता को न्यूयॉर्क में एक कोर्ट में पेश किया गया। यहाँ सुनवाई के दौरान निखिल ने खुद को निर्दोष बताया। निखिल गुप्ता को 28 जून, 2024 तक हिरासत में भेजा गया है। निखिल गुप्ता को जमानत नहीं दी गई।

निखिल गुप्ता के वकील जेफरी चेब्रोवी ने कहा कि यह काफी जटिल मामला है और इसमें दोनों देश (अमेरिका और भारत) जुड़े हैं। उन्होंने कहा कि हमें मामले को समझे बगैर ऐसे ही इसके निष्कर्षों पर नहीं जाना चाहिए। जेफरी ने कहा कि वह कोर्ट ने निखिल को बचाने का पूरा प्रयास करेंगे।

इस बीच निखिल गुप्ता को चेक गणराज्य से अमेरिका प्रत्यर्पित किए जाने का एक वीडियो भी सामने आया। इसमें कुछ पुलिसकर्मी निखिल गुप्ता को एक एयरपोर्ट पर ले जाते हुए दिखते हैं। निखिल गुप्ता को शुक्रवार को चेक गणराज्य से अमेरिका प्रत्यर्पित किया गया था। इस बात की पुष्टि चेक गणराज्य के न्याय मामलों के मंत्री ने भी की।

इससे पहले निखिल गुप्ता ने चेक गणराज्य से प्रत्यर्पण रोकने के लिए वहाँ के स्थानीय कोर्ट में याचिका भी लगाई थी लेकिन मई, 2024 में कोर्ट ने उसके प्रत्यर्पण का रास्ता साफ़ कर दिया था। इससे पहले फरवरी, 2024 में इस पर रोक लगाई गई थी।

कोर्ट ने इस दौरान कहा था कि गुप्ता को प्रत्यर्पित किए जाने से उनके मूलभूत अधिकारों को लेकर कोई खतरा नहीं उत्पन्न होता है, ऐसे में उन्हें प्रत्यर्पित जा सकता है। इसके बाद उनके अमेरिका जाने का रास्ता साफ़ हो गया था। अब यह खबर आई है कि उसे अमेरिका भेज दिया गया है। निखिल गुप्ता जून 2023 से ही चेक गणराज्य में था।

गौरतलब है कि अमेरिका के जस्टिस विभाग ने आरोप लगाए थे कि निखिल गुप्ता अमेरिका में खालिस्तानी आतंकी गुरवतपन्त सिंह पन्नू को मरवाने की साजिश में शामिल था। निखिल गुप्ता पर आरोप था कि उसने अमेरिका में पन्नू को मारने के लिए एक हत्यारे को सुपारी दी।

अमेरिका ने आरोप लगाया था कि निखिल गुप्ता ने 1 लाख डॉलर (लगभग ₹83 लाख) पन्नू को मारने के लिए दिए थे। निखिल गुप्ता पर अमेरिका की एजेंसियों की आरोप ने लगाया था कि वह भारतीय खुफिया एजेंसियों से मिल कर काम कर रहा था और और यह सुपारी उसने भारतीय एजेंटों के कहने पर ही दी थी। इसके लिए 15,000 डॉलर का अग्रिम भुगतान किया गया था।

निखिल गुप्ता ने जिसको पैसे दिए थे वह अमेरिकी खुफिया एजेंसियों का ही सदस्य था। इसी कारण से पूरा मामला खुलने की बात कही गई थी। निखिल गुप्ता के परिवार ने इस बीच आरोप लगाया था कि निखिल को बीफ और पोर्क खिलाया जा रहा था जो उनके धार्मिक मूल्यों के विरुद्ध है।

इस मामले में भारत ने अमेरिका के आरोपण को खारिज किया है कि वह पन्नू को मारने की साजिश जैसी कोई बात थी और इस पूरे मामले में जाँच के लिए एक कमेटी गठित की है। निखिल गुप्ता के अमेरिका प्रत्यर्पित किए जाने को लेकर विदेश मंत्रालय ने कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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