Sunday, April 28, 2024
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ग्रूमिंग जिहाद गिरोह ने शिकार बनाया, टुकड़े-टुकड़े कर के कबाब पकाया, लोगों को खिला दिया: 14 साल की लड़की के साथ हुई थी हैवानियत, आरोपित हो गए बरी

इस मामले की जाँच कर रही लंकाशायर पुलिस ने शुरुआत में कहा था कि चार्लीन भाग गई है। लेकिन, जल्द ही यह स्पष्ट हो गया कि 14 साल की लड़की के साथ कुछ ऐसा हुआ है जो बेहद डराने वाला था।

चार्लीन डाउन्स (Charlene Downes) अगर जीवित होती तो 25 मार्च, 2023 को वह 33 साल की हो गई होती। लेकिन, 1 नवंबर, 2003 को जब वह महज 14 साल की थी तब ब्रिटेन के लंकाशायर में स्थित ब्लैकपूल से अचानक ‘लापता’ हो गई। इस बात की आशंका जताई गई कि ग्रूमिंग जिहाद गिरोह ने उसकी हत्या कर दी। हालाँकि, कथित तौर पर यह भी कहा गया कि उसके शरीर के टुकड़े कर उसका कबाब बनाया गया और एक टेकअवे रेस्ट्रॉं में लोगों को खिला दिया गया।

इस मामले की जाँच कर रही लंकाशायर पुलिस ने शुरुआत में कहा था कि चार्लीन भाग गई है। लेकिन, जल्द ही यह स्पष्ट हो गया कि 14 साल की लड़की के साथ कुछ ऐसा हुआ है जो बेहद डराने वाला था। पुलिस ने इस बात की आशंका जताई थी कि चार्लीन का लापता होना ब्लैकपूल के ग्रूमिंग गिरोहों से जुड़ा हो सकता है। पुलिस ने यह भी पाया कि कम से कम 60 नाबालिग लड़कियों को शहर में टेकअवे में सेक्सुअल गतिविधियों के लिए तैयार किया गया था।

इस मामले में पुलिस ने दो आरोपितों इलियाद अलबतिख और मोहम्मद रेवेशी को गिरफ्तार किया। लेकिन, बाद में अदालत ने सबूतों के अभाव चलते दोनों को बरी कर दिया। साथ ही लंकाशायर पुलिस को मामले को सही तरीके से जाँच नहीं करने को लेकर फटकार भी लगाई गई।

चार्लीन डाउन्स (साभार: dailymail.co.uk)

चार्लीन डाउन्स को लापता हुए अब करीब 20 साल का वक्त निकल चुका है। लेकिन, इसके बाद भी यह मामला अब तक अनसुलझा है। इस घटना को इस तरह से भी देखा जा सकता है कि इस्लामिक ग्रूमिंग गिरोह इंग्लैंड में बिना किसी डर के लगातार ‘ग्रूमिंग जिहाद’ फैला रहे हैं और कई बलात्कारी फरार हैं। इन सबके पीछे एक बड़ी वजह यह भी है कि पुलिस इस्लामवादी आरोपितों के मजहब को खुलकर बताने से डरती है।

कैसे हुआ पूरा घटनाक्रम

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 1 नवंबर, 2003 को दोपहर करीब 3.35 बजे चार्लीन को सीसीटीवी में टाउन सेंटर पर सड़क पार करते हुए देखा गया था। शाम 7.15 बजे, उसकी माँ ने उससे कहा कि वह आर्केड की ओर जा रही है और जल्द ही लौटेगी। रात 9.03 बजे कथित तौर पर चार्लीन को ब्लैकपूल बार के बाहर काले कोट पहने एक महिला के साथ सीसीटीवी में आखिरी बार देखा गया था।

चार्लीन डाउन्स जब अपने घर नहीं लौटी तो उसके घरवालों ने 2 नवंबर 2003 को पुलिस को सूचना दी। पुलिस लगातार जाँच करनी की बात कहती रही। साल 2006 तक पुलिस ने चार्लीन के घरवालों को यह नहीं बताया कि अब मामला सिर्फ लापता होने का नहीं है। बल्कि चार्लीन की हत्या कर दी गई है।

कुछ दिनों बाद, इस मामले में पुलिस ने कहा कि एक बड़ी सफलता उनके हाथ लगी है। पुलिस का कहना था कि उसने एक 51 वर्षीय व्यक्ति को गिरफ्तार किया है जो चार्लीन के लापता होने के समय ब्लैकपूल में ही था। लंकाशायर पुलिस के एक प्रवक्ता ने कहा था, “चार्लीन के लापता होने के समय ब्लैकपूल में रहने वाला 51 वर्षीय को हिरासत में लिया गया है।”

इसके बाद, मई 2007 में इस्लामवादी इल्याद अलबतिख और मोहम्मद रेवेशी नामक दो लोगों पर अदालत में मुकदमा चला। अल्बतिख पर चार्लीन की हत्या करने और रेवेशी पर उसके शव को ठिकाने लगाने में मदद करने का आरोप लगाया गया था। लेकिन पुलिस कोर्ट में पर्याप्त सबूत पेश नहीं कर सकी। पुलिस की गलतियों के कारण मामले की सुनवाई बंद कर दी गई। कहा गया कि अब हत्यारे का कभी पता नहीं लगाया जा सकता।

अप्रैल 2008 में पुर्नविचार याचिका दायर की गई। इसकी सुनवाई के समय अदालत को बताया गया कि फास्ट फूड शॉप के मालिक ने मजाक में कहा था कि चार्लीन डाउन्स को काटकर कबाब में डाल दिया गया और लोगों को खिला दिया गया। पुलिस इस बार भी कोई ठोस सबूत पेश नहीं कर सकी। इसलिए कोर्ट ने दोनों आरोपितों को बरी करते हुए प्रत्येक को £250,000, यानी करीब 2.5 करोड़ रुपए बतौर मुआवजा देने की बात कही।

कोर्ट से मिली फटकार और तमाम आलोचनाएँ झेलने के बाद लंकाशायर पुलिस ने साल 2016 में एक बात फिर से जाँच शुरू की। इस बार पुलिस के हाथ एक नया सीसीटीवी फुटेज लगा। इसमें चार्लीन अपनी बहन रेबेका के साथ घूमते हुए देखी गई थी। पुलिस ने इस सीसीटीवी फुटेज को नवंबर 2016 में सार्वजनिक कर दिया।

चार्लीन डाउन्स के माता-पिता ने लंकाशायर पुलिस पर मामले की जाँच सही तरीके से न करने का आरोप लगाया

चार्लीन डाउन्स के माता-पिता ने साल 2017 में लंकाशायर पुलिस पर मुकदमा दायर कर दिया। दरअसल, उन्हें यह पता चला था कि चार्लीन के अंतिम समय के वीडियो पुलिस के पास बीते 13 सालों से पड़े हुए थे। लेकिन पुलिस ने उस पर ध्यान नहीं दिया। चार्लीन के माता-पिता ने अफसोस जताते हुए कहा कि यदि यह फुटेज पहले मिल गया होता तो जिन दो आरोपितों को कोर्ट ने बरी किया था। शायद वह बरी नहीं होते। चार्लीन की माँ ने पुलिस के खिलाफ मुकदमा करते हुए सार्वजनिक माफी और मुआवजे की माँग की।

चार्लीन की माँ करेन डाउन्स (साभार: dailymail.co.uk)

इस मामले में आरोपितों को पकड़ने के लिए £100000 यानी करीब 10 करोड़ रुपए का इनाम भी रखा गया। लेकिन पुलिस मामले की तह तक नहीं पहुँच पाई। यहाँ तक कि पुलिस यह भी साबित नहीं कर सकी कि उसने जिन दो लोगों को गिरफ्तार किया था वह चार्लीन की हत्या में संलिप्त थे या नहीं। हालाँकि लंकाशायर पुलिस ने यह कहा था कि इस जाँच के दौरान यह सामने आया है कि इस मामले में मुस्लिम ग्रूमिंग गिरोह शामिल था।

चार्लीन की हत्या के मामले की जाँच कर रहे पुलिस अधिकारियों ने खुलासा किया कि ब्लैकपूल के रेस्टोरेंट में काम करने वाले लोगों ने कम से कम 60 लड़कियों को सेक्स के लिए ‘ग्रूमिंग जिहाद’ में फँसाया था। पुलिस ने इस मामले को रोशडेल बाल शोषण की घटना की तरह माना। जहाँ लड़कियों को खाने, पीने और सिगरेट के बदले सेक्स के लिए तैयार किया जा रहा था। पुलिस को शक था कि चार्लीन डाउन्स के साथ भी ऐसा ही हुआ होगा। पुलिस ने इस मामले में 4800 से अधिक गवाहों के बयान लिए, लेकिन इसके बाद भी उसके हाथ पूरी तरह खाली है।

आरोपितों से डरकर अधिकारियों ने ढंग से जाँच नहीं की

इस मामले की जाँच में जुलाई 2022 में सामने आया कि इस्लामी ग्रूमिंग गिरोह ने 1000 से अधिक बच्चों का उपयोग ग्रूमिंग जिहाद के लिए किया गया। रिपोर्ट में पाया गया कि मामले की जाँच करने वाली प्रमुख एजेंसियों ने बाल शोषण को बाल वेश्यावृत्ति’ मानने से इनकार कर दिया। एजेंसियों ने इसके लिए न तो बच्चों को दोषी ठहराया और न ही इसके लिए उन्हें फँसाने वाले लोगों को।

जाँच में यह भी सामने आया कि मामले की जाँच रहे अधिकारी आरोपितों से डरे हुए थे। इसलिए उन्होंने सही ढंग से कार्रवाई नहीं की। रिपोर्ट के अनुसार, साल 1989 के बाद से लंकाशायर शहर में एक बड़ा ग्रूमिंग गिरोह काम कर रहा है। ये लोग पुरुष टैक्सी ड्राइवर से लेकर फूड डिलीवरी बॉय बनकर लड़कियों से संपर्क करते थे। फिर उन्हें अपने प्यार के जाल में फँसाते और लड़कियों को लिफ्ट देते थे।

ग्रूमिंग गिरोह के लोग लड़कियों को शराब और सिगरेट ऑफर करते थे और बाद में उन्हें यौन गतिविधियों में शामिल होने के लिए प्रेरित करते थे। बच्चों को विश्वास दिलाया जाता था कि उनके साथ जो कुछ भी हो रहा है सब कुछ एक सामान्य घटना है। शायद ऐसा ही चार्लीन डाउन्स के साथ हुआ। इस्लामवादी ग्रूमिंग गिरोह के जाल में फँसकर एक 14 साल की लड़की ‘लापता’ हुई और अब तक न्याय के इंतजार में है और आरोपित खुले घूम रहे हैं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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