पाकिस्तान के हिंदू भी अब भारत आकर गंगा में अपने मृत परिजनों की अस्थियों को प्रवाहित कर सकते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) की अगुवाई वाली केंद्र सरकार ने स्पॉन्सरशिप नीति (Sponsorship Policy) में बदलाव किया है। इसके फलस्वरूप अब 426 मृत पाकिस्तानी हिंदुओं की अस्थियों को हरिद्वार स्थित गंगा नदी में प्रवाहित किया जा सकता है।
हिंदू धर्म में मान्यता है कि गंगा नदी में अस्थियों को प्रवाहित करने से उक्त आत्मा को सद्गति प्राप्त होती है। इसलिए, पाकिस्तान में भी कई हिन्दुओं की इच्छा रहती है कि मरणोपरांत उनकी अस्थियों को गंगा नदी में प्रवाहित किया जाए। हालाँकि स्पॉन्सरशिप नीति की वजह से ऐसा होना आसान नहीं था। दरअसल पहले यह प्रावधान था कि पाकिस्तान में रहने वाले हिंदू के परिवार का भारत में रहने वाला कोई सदस्य या करीबी उन्हें स्पॉन्सर करे। इसके बाद हीं उन्हें वीजा दिया जा सकता था। दोनों देशों के बीच विभाजन हुए काफी समय बीत गए। ऐसे में पाकिस्तान में रहने वाले काफी कम हिन्दुओं के परिवार ही अब भारत में बचे हैं।
अब नीति में बदलाव के तहत मृत हिंदू के परिवार के सदस्यों को उनकी अस्थियाँ विसर्जित करने के लिए भारत का 10 दिनों का वीजा दिया जाएगा। इसके तहत 426 हिंदू परिवार अपने मृत परिजनों की अस्थियों को गंगा में प्रवाहित करने में सक्षम होंगे। हालाँकि वर्ष 2011 और 2016 के बीच 295 हिंदुओं की अस्थियों को वाघा बॉर्डर भेजा गया था। लेकिन, ऐसा पहली बार होगा कि हिंदू परिवार खुद इन अस्थियों को लेकर भारत आएँगे और पूरे क्रिया-कर्म से अस्थियों का विसर्जन करेंगे।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पाकिस्तान के कराची में सोनपुर श्मशान घाट में 300 हिंदुओं की अस्थियाँ रखी हुईं हैं। इसके साथ हीं अन्य जगहों पर भी 128 अस्थियाँ गंगा में प्रवाहित होने का इंतजार कर रही हैं।पाकिस्तान में ऐसे बहुत सारे हिंदू हैं जो अपने प्रियजनों का अंतिम संस्कार करने के बाद अस्थियों को मंदिरों या श्मशान में सुरक्षित रख देते हैं। इन लोगों को आशा थी कि किसी न किसी दिन वे अपने प्रियजनों (मृतकों) की अस्थियाँ गंगा में प्रवाहित कर सकेंगे। मोदी सरकार के इस फैसले से ऐसे लोगों की मनोकामना पूरी होगी।