पाकिस्तान के पहले सिख टेलीविजन एंकर हरमीत सिंह अपने छोटे भाई रविंद्र सिंह के हत्यारों द्वारा कथित तौर पर धमकी मिलने के बाद देश छोड़ने का विचार बना रहे हैं।
बता दें, पिछले साल जनवरी 2020 में हरमीत सिंह के भाई रविन्द्र सिंह की पेशावर में गोली मारकर बेरहमी से हत्या कर दी गई थी। जिस वक्त वह अपनी शादी की खरीदारी करने गए थे। उनकी हत्या उसी की मंगेतर का ब्वॉयफ्रेंड एजाज और एक दूसरे शख्स इब्राहिम ने की थी। जिसके बाद पुलिस को उसका शव खैबर एजेंसी की चौकी चमकिनी पुलिस स्टेशन के पास मिला।
खबरों के मुताबिक, हरमीत सिंह का आरोप है कि उसे जेल से धमकी भरे फोन आ रहे हैं, जिसमें उसके भाई की हत्या के एक आरोपित बंद है। पुलिस की निष्क्रियता के साथ मिल रहे धमकी कॉल ने सिंह को किसी अन्य देश में जाने के लिए मजबूर कर दिया है।
हरमीत ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया, “ऐसी सूरत में मेरे पास पाकिस्तान छोड़ने के सिवाए और कोई दूसरा विकल्प नहीं है। वह मुझे और मेरे परिवार को धमकी दे रहा है। यदि पुलिस हत्या के आरोपित एजाज और इब्राहिम के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर सकती है तो आखिर वो और क्या कर सकते हैं।” सिंह ने कथित तौर पर कहा कि भारत में रहना उनके लिए कोई विकल्प नहीं है और वह किसी अन्य देश पर विचार करेंगे।
हरमीत सिंह के छोटे भाई रविन्द्र सिंह (कुछ रिपोर्ट्स में उनका नाम परविन्दर सिंह और परविंदर सिंह का भी उल्लेख है) को उनकी मंगेतर प्रेम कुमारी के बॉयफ्रेंड एजाज़ और एक अन्य व्यक्ति इब्राहिम ने मार डाला था। इस केस में प्रेम कुमारी और एजाज जमानत पर बाहर हैं जबकि दूसरा शख्स इब्राहिम अभी भी पेशावर जेल में सलाखों के पीछे है।
हरमीत सिंह ने कहा कि पेशावर जेल में बंद मोहम्मद इब्राहिम ने सरकारी नंबर के जरिए उन्हें और उनके परिवार को कॉल करके धमकी दे रहा है। हरमीत सिंह का आरोप है कि आरोपित इब्राहिम उन्हें उनके भाई के मामले में सुलह करने के लिए दबाव बना रहा है और नहीं मानने पर गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दे रहा है। सिंह ने कहा कि वह यह देखकर हैरान रह गए कि इब्राहिम ने धमकी देने के लिए सरकारी नंबर का इस्तेमाल किया था।
हरमीत सिंह ने आशंका जताई है कि अल्पसंख्यक समुदाय से होने के कारण वह अपने भाई के मामले को आगे नहीं बढ़ा पाएँगे। उन्होंने आरोप लगाया कि अधिकारी भी इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं क्योंकि आरोपित बहुसंख्यक समुदाय से हैं।
उन्होंने कहा कि इस संबंध में उसने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी, लेकिन उसकी तहरीर पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री इमरान खान और मुख्य न्यायाधीश से मामले में हस्तक्षेप करने की अपील की है।
गौरतलब है कि पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों को आए दिन उत्पीड़न का सामना करना पड़ता है। वहीं इस मामले में वहाँ के अधिकारी भी उनकी किसी भी प्रकार से मदद नहीं करते हैं। अल्पसंख्यक समुदायों की लगभग हर दिन लड़कियों के अपहरण और इस्लाम में परिवर्तित होने की खबरें आती रहती हैं। यहीं नहीं पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के धार्मिक स्थल भी सुरक्षित नहीं हैं। हर दूसरे दिन वहाँ मंदिर, चर्च या गुरुद्वारे पर हमला किया जाता है।