पाकिस्तान के हैदराबाद में एक हिंदू युवक पर कुरान का अपमान करने का आरोप लगाकर उसे मारने की माँग की जा रही है। सामने आई वीडियोज में युवक के घर के बाहर सैंकड़ों की तादाद में खड़े कट्टरपंथियों को ‘सर तन से जुदा’ का नारा देते सुना जा सकता है। ये भीड़ युवक के घर में घुसकर उसको मारने की माँग कर रही थी और पुलिस से भी चहती थी कि वो हिंदू युवक को भीड़ को सौंपें।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, हिंदू युवक की पहचान अशोक कुमार के तौर पर हुई है। वह हैदराबाद के सदर में राबिया सेंटर पर सफाईकर्मी का काम करता है। पुलिस ने उसके खिलाफ ईशनिंदा कानून की धारा 295 बी के तहत केस को दर्ज किया है। शिकायत देने वाला एक दुकानदार बिलाल अब्बासी है।
Pakistan 🇵🇰⚡। A Hindu family has been accused of blasphemy in Hyderabad. There’s a huge mob gathered outside the Chandni mobile market in Saddar, Hyderabad.
— Ashwini Shrivastava (@AshwiniSahaya) August 21, 2022
Mob is trying to enter the house to ki।। the family.
CC@UNHumanRights @UN @AskAnshul @nytimes
+ pic.twitter.com/gycapRZbis
अब्बासी ने ही पुलिस में कहा कि सफाईकर्मी अशोक ने कुरान का अपमान किया। इसके बाद पुलिस सफाईकर्मी को पकड़ने उसके घर गई, लेकिन तब सैंकड़ों लोग सड़कों पर इकट्ठा हो गए। इन लोगों की माँग थी कि बस अशोक को उनके हाथ में सौंप दिया जाए। भीड़ का नारा था- ‘गुस्ताख-ए-नबी की एक सजा सर तन से जुद, सर तन से जुदा।’
Hyderabad police dispersed a violent mob which was demanding handing over a Hindu sanitary worker accusing him of #blasphemy Police claims the sanitary worker was targeted because of a personal clash with a local resident pic.twitter.com/CnSFLNLqhH
— Mubashir Zaidi (@Xadeejournalist) August 21, 2022
हैदराबाद में बिगड़ते हालात को देखने के बाद पुलिस ने भीड़ पर लाठी चार्ज किया और आँसू गैस भी छोड़े। लेकिन भीड़ तितर-बितर होकर भी अशोक को मारने की माँग करती रही। इसके बाद पुलिस ने अशोक को गिरफ्तार कर लिया।
बताया जा रहा है कि वास्तविकता में एक मुस्लिम महिला ने कुरान की प्रति को जलाया था, अशोक ने नहीं। मगर हिंदू सफाईकर्मी से बिलाल अब्बासी की पहले से कोई लड़ाई थी। इसी के चलते अब्बासी ने अशोक पर ईशनिंदा जैसा गंभीर इल्जाम लगाया और हिंदू युवक समेत उसके पूरे परिवार को खतरे में डाल दिया।
There were total 18 Hindus were living in Tibia center Saddar(Hyderabad, Pakistan), where a Muxs।im woman threw Isx।αmic pages but they are targeting Himndu family !!@UN @UNHumanRights @JoeBiden @POTUS @FLOTUS @AskAnshul #Pakistan pic.twitter.com/LqAqUtv4TX
— Ashwini Shrivastava (@AshwiniSahaya) August 21, 2022
बता दें कि पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों पर अत्याचार करने का एक ढंग यह भी है कि उन पर ईशनिंदा का इल्जाम लगा दिया जाए। इसके बाद क्या होता है, वो सब जानते ही हैं। कुछ को बेरहमी से सड़क पर मौत के घाट उतार दिया जाता है तो कुछ लोगों को अदालत के जज मौत की सजा सुना देते हैं।
सेंटर फॉर रिसर्च एंड सेक्योरिटीस स्टडीज जैसा थिंकटैंक बताता है कि 1947 से लेकर अब तक 1415 मामले हैं जब पाकिस्तान में ईशनिंदा के केस रिपोर्ट हुए। इनमें 18 महिलाएँ और 71 आदमियों को कानून ने मौत की सजा सुनाई। वहीं असली संख्या अनुमान से कही ज्यादा हो सकती है।
पाकिस्तान में ईशनिंदा के इल्जाम के अलावा अपहरण, हत्या, धर्मांतरण वो तरीके हैं जिनसे अल्पसंख्यकों को सताया जाता है।