पाकिस्तान में अल्पसंख्यक खासकर हिंदुओं का उत्पीड़न थमने का नाम नहीं ले रहा है। हिंसा और जबरन धर्मांतरण की खबरें लगातार सामने आती रहती हैं। पाकिस्तान के सिंध प्रांत के पीरबक्स जरवार गाँव में 13 वर्षीय हिंदू लड़की के साथ 6 हथियारबंद युवकों ने बर्बरता से गैंगरेप किया। यह घटना सिंध प्रांत के मीरपुरखास में दिलबर खान पुलिस स्टेशन के अंतर्गत की है।
पाकिस्तानी मानवाधिकार कार्यकर्ता राहत ऑस्टिन ने बताया कि 6 हथियारबंद लोग 13 वर्षीय हिंदू लड़की के घर में जबरन घुस गए। इसके बाद उन्होंने परिवार के लोगों के साथ मारपीट करके लड़की को अगवा करके ले गए। इसके बाद उन दरिंदों ने रात भर हिंदू लड़की के साथ बेरहमी से बलात्कार किया। इधर लड़की के परिजन उसे ढूँढते रहे, मदद के लिए गुहार लगाते रहे।
6 armed men entred in a house beat the family & taken a 13-Year-old Hindu girl Permi Bheel. Raped her all night in wilderness.Her family searched for her all night, crying, asking people for help.Village Pirbux Jarwar,Police station Dilber Khan, Mirpurkhas,Sindh-Pakistan.2-6-2020 pic.twitter.com/CPlcfHI0Ci
— Rahat Austin (@johnaustin47) June 2, 2020
अल्पसंख्यकों के खिलाफ क्रूरता पाकिस्तान के आतंकवादी राज्य में बेरोकटोक जारी है। इनके अत्याचार के कई उदाहरण हैं, खासकर हिंदुओं और सिखों के खिलाफ हाल ही में कई मामले रिपोर्ट किए गए हैं।
अक्टूबर 2019 में, एक हिंदू लड़की का कथित तौर पर अपहरण कर लिया गया और उसे इस्लाम में परिवर्तित कर दिया गया। बाद में हिंदू पीड़िता की अपहरणकर्ता से जबरन शादी करा दी गई।
यह भयावह खबर नम्रता चंदानी की हत्या के ठीक एक महीने बाद आई, जो पिछले साल सितंबर में अपने हॉस्टल के कमरे में मृत पाई गई थी। वह बेड पर पड़ी हुई थी, जिसके गले में रस्सी बँधी हुई थी, जबकि उसका कमरा अंदर से बंद था। कॉलेज प्रशासन ने इसे आत्महत्या मानकर टालने की कोशिश की। हालाँकि, उसकी पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट ने खुलासा किया था कि सितंबर 2019 में उसके हॉस्टल के कमरे में बलात्कार के बाद उसकी हत्या कर दी गई थी।
इससे पहले, एक हिंदू स्कूल के प्रिंसिपल के खिलाफ ईश निंदा के आरोप के बाद मुस्लिम दंगाइयों ने हिंदू मंदिरों, दुकानों और अल्पसंख्यकों के घरों में तोड़फोड़ की थी। हालाँकि, बाद में यह पता चला कि हिंदुओं पर हमला एक बाल अपहरण की घटना को कवर करने के लिए एक पूर्व नियोजित घटना थी। स्कूल के प्रिंसिपल ने कट्टरपंथी इस्लामवादी नेता मियाँ मिट्ठू के सहयोगियों द्वारा अपहरण की गई एक हिंदू लड़की को शरण देने के इस्लामवादियों के प्रयासों को विफल कर दिया था।