Tuesday, December 3, 2024
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चीनी दूतावास में फिर हुई पाकिस्तानी PM शहबाज शरीफ की पेशी? अपने नागरिकों पर लगातार हमले से नाराज है बीजिंग, बता चुका है ‘असहनीय’

अपने नागरिकों की सुरक्षा को लेकर चिंतित चीन चाहता है कि पाकिस्तान में काम कर रहे उसके नागरिकों की सुरक्षा के लिए उसके अपने बख्तरबंद वाहन और सुरक्षा बल हों। इस साल सितंबर में कहा गया था कि पाकिस्तान में काम कर रहे चीनी नागरिकों की सुरक्षा के लिए चीन और पाकिस्तान संयुक्त सुरक्षा कंपनियाँ स्थापित करने के एक समझौते पर पहुँचने के करीब हैं।

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने इस साल दूसरी बार बुधवार (6 नवंबर) को चीनी दूतावास का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने कराची में चीनी नागरिकों पर गोलीबारी की निंदा की। इस गोलीबारी में दो चीनी नागरिक घायल हो गए थे। यह घटना मंगलवार (5 नवंबर) को कराची के SITE औद्योगिक क्षेत्र में हुई थी।

चीनी नागरिक कराची में लिबर्टी मील में नई मशीनरी लगाने के लिए गए थे। इस दौरान उन्होंने सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध नहीं किए थे। रिपोर्ट में कहा गया है कि चीनी नागरिक रोजाना बुलेटप्रूफ वाहन में आते थे। उन्हें एक निजी एजेंसी और सिंध पुलिस की विशेष सुरक्षा इकाई (एसपीयू) द्वारा सुरक्षा भी प्रदान की जाती थी।

शहबाज शरीफ ने पाकिस्तान में चीनी राजदूत जियांग जैदोंग से कहा, “मैं यहाँ चीनी नागरिकों पर हुए हमले की निंदा करने और घायलों का हाल-चाल जानने आया हूँ। मैं व्यक्तिगत रूप से इस घटना में शामिल लोगों को पकड़ने की प्रक्रिया की निगरानी कर रहा हूँ और यह सुनिश्चित कर रहा हूँ कि उन्हें उचित सजा मिले।”

पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने दावा किया कि चीन पाकिस्तान का पुराना मित्र है, लेकिन ऐसा लगता है कि भारत से शत्रुता रखने वाला उशका पड़ोसी कुछ और नहीं, बल्कि चीन की कठपुतली और उपनिवेश है। ऐसा लगता है कि पाकिस्तान में चीनी नागरिकों की सुरक्षा करने में विफल रहने पर पाकिस्तानी नेता को फटकार लगाने के लिए चीन द्वारा समय-समय पर बुलाया जाता है।

हालाँकि, पाकिस्तानी प्रधानमंत्री कार्यालय ने चीनी राजदूत के साथ शरीफ की मुलाकात को संवेदना व्यक्त करने और कार्रवाई का आश्वासन देने वाला एक मुलाकात बताया है। हकीकत ये है कि पाकिस्तानी प्रधानमंत्री आमतौर पर अन्य देशों के दूतावासों का दौरा नहीं करते हैं। राजदूतों को प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा तलब किया जाता है। इससे पता चलता है कि चीन ने पाकिस्तानी प्रधानमंत्री को तलब किया था।

CPEC प्रोजेक्ट पर काम कर रहे नागरिकों पर हमले से चीन चिंतित

अक्टूबर 2024 में बलूच विद्रोहियों ने हवाई अड्डे के पास एक कार पर घात लगाकर हमला कर दिया था, जिसमें कई चीनी नागरिक मारे गए थे। खबर है कि कराची के जिन्ना अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के पास हुए इन विस्फोटों में दो चीनी नागरिक मारे गए थे। बलूच लिबरेशन आर्मी के मजीद ब्रिगेड ने इस आत्मघाती विस्फोट की जिम्मेदारी ली थी।

इस साल मार्च में खैबर पख्तूनख्वा क्षेत्र में एक बाँध परियोजना पर काम कर रहे पाँच चीनी नागरिक एक आत्मघाती बम विस्फोट में मारे गए थे। बताया जा रहा है कि एक आत्मघाती हमलावर ने विस्फोटकों से लदे अपने वाहन को इन चीनी इंजीनियरों के काफिले में घुसा दिया था। उस समय चीनी नागरिक बख्त ज़हीर में CPEC से जुड़े बाँध परियोजना स्थल की ओर जा रहे थे।

इसके कुछ ही घंटों के भीतर ही प्रधानमंत्री शरीफ तनाव कम करने और अपनी संवेदना व्यक्त करने के लिए चीनी दूतावास पहुँचे। उल्लेखनीय है कि हाल के दिनों में पाकिस्तान में चीनी नागरिकों पर हमले बहुत बढ़ गए हैं और कई रिपोर्टों से पता चलता है कि इनके पीछे बलूच विद्रोहियों का हाथ है। बलूच इन परियोजनाओं का विरोध कर रहे हैं।

साल 2022 में कराची विश्वविद्यालय में एक वैन में विस्फोट हुआ था, जिसमें तीन चीनी प्रशिक्षक और उनके पाकिस्तानी चालक की मौत हो गई थी। इसी तरह साल 2021 में उत्तरी पाकिस्तान में एक बस में हुए विस्फोट में 13 लोग लोगों की मौत हो गई थी। इन मृतकों में 9 चीनी नागरिक भी शामिल थे।

हमलों को रोकने में पाकिस्तान की विफलता पर चीन नाराज़

पिछले महीने पाकिस्तान ने चीन के साथ एक संयुक्त बयान में कहा था कि उसने दक्षिण एशियाई देश में चीनी नागरिकों और परियोजनाओं की सुरक्षा बढ़ाने के लिए प्रतिबद्धता है। उस दौरान बीजिंग ने बलूच विद्रोहियों द्वारा हमलों में वृद्धि के जवाब में तत्काल सुरक्षा कदम उठाने की माँग की थी। चीन ने पाकिस्तान में चीनी नागरिकों पर हमलों की गहन जाँच की भी माँग की थी।

चीन के विदेश मंत्रालय के अनुसार, “(टीम ने) माँग की कि पाकिस्तानी पक्ष घटना के बाद की स्थिति को उचित तरीके से सँभाले और घायलों के इलाज में कोई कसर न छोड़े। इसके साथ ही घटना की सच्चाई की जाँच करे, अपराधियों को पकड़े और दंडित करे तथा पाकिस्तान में चीनी कर्मियों, संस्थानों एवं परियोजनाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कड़े कदम उठाए।”

चीनी नागरिकों की सुरक्षा को प्राथमिकता देने के बार-बार के वादों के बावजूद पाकिस्तान अपनी धरती पर चीनी नागरिकों की सुरक्षा करने में विफल रहा है। इसको लेकर चीन की नाराजगी इस तथ्य से समझी जा सकती है कि 31 अक्टूबर 2024 को चीन ने पाकिस्तान को फटकारते हुए कहा कि यह चीन के लिए अस्वीकार्य है कि उसके नागरिकों पर पाकिस्तान में बार-बार हमला किया जाए।

क्या पाकिस्तान में आएगी चीनी सेना?

अपने नागरिकों की सुरक्षा को लेकर चिंतित चीन चाहता है कि पाकिस्तान में काम कर रहे उसके नागरिकों की सुरक्षा के लिए उसके अपने बख्तरबंद वाहन और सुरक्षा बल हों। इस साल सितंबर में कहा गया था कि पाकिस्तान में काम कर रहे चीनी नागरिकों की सुरक्षा के लिए चीन और पाकिस्तान संयुक्त सुरक्षा कंपनियाँ स्थापित करने के एक समझौते पर पहुँचने के करीब हैं।

प्रस्तावित समझौते में पाकिस्तान में चीनी सुरक्षा बल शामिल मौजूद रहेंगे, जिसका पाकिस्तान ने चीनी दबाव के बावजूद पहले विरोध किया था। इस व्यवस्था के परिणामस्वरूप चीनी नागरिकों को बख्तरबंद वाहनों में इधर-उधर ले जाया जा सकता है। प्रस्ताव में वाहन-माउंटेड मोबाइल सुरक्षा उपकरण और बैलिस्टिक-संरक्षित बख्तरबंद वाहनों जैसे उन्नत सुरक्षा उपायों को शामिल करना शामिल है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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