पाकिस्तान के क्वेटा शहर में हुए सुसाइड अटैक में पाकिस्तान के फ्रंटियर कोर के तीन लोग मारे गए हैं। इसके अलावा खबरों के मुताबिक हमले में 20 अन्य घायल भी हुए हैं। इस बीच इस घटना की जिम्मेदारी तहरीक-ए-तालिबान (टीटीपी) ने ले ली है।
रिपोर्ट के मुताबिक, विस्फोट रविवार (7 सितंबर 2021) की सुबह 7.30 बजे क्वेटा के मस्टैंग रोड पर हुआ। हमले में सोहाना खान एफसी चेक पोस्ट को निशाना बनाया गया था। इस बात की पुष्टि बलूचिस्तान काउंटर-टेररिज्म डिपार्टमेंट ने की है।
A #suicide #blast occurred at FC Check Post Sohna Khan, Mastung Road, #Quetta at about 7:30 am.
— Azaz Syed (@AzazSyed) September 5, 2021
3 FC personnel martyred, more than 20 injured.Investigation has been launched.Spokesman Counter Terrorism Department (CTD) of #Balochistan #Police. pic.twitter.com/7yqkIwYFPr
पुलिस का कहना है कि आत्मघाती हमलावर जिस मोटरसाइकिल को चला रहा था उसे ही उसने कानूनी एजेंसियों की गाड़ी में घुसा दिया था। बहरहाल मामले की आगे की जाँच जारी है।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने एक बयान जारी कर इस बर्बर हमले की निंदा की। उन्होंने कहा, “क्वेटा के मस्तुंग रोड स्थित एफसी चेकपोस्ट पर किए गए सुसाइड अटैक की निंदा करता हूँ। मेरी संवेदनाएँ शहीदों के परिवारों के साथ हैं और घायलों के ठीक होने की प्रार्थना करता हूँ। विदेशों से समर्थन पाने वाले आतंकवादियों के मंसूबों को नाकाम कर हमें सुरक्षित रखने के लिए हमारे सुरक्षा बलों और उनके कुर्बानियों को सलाम।”
पाकिस्तान के ‘मानवाधिकार’ मंत्री शिरीन मजारी ने हमले की निंदा करते हुए आरोप लगाया कि हमले के पीछे भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ का हाथ है। उन्होंने कहा, “आज क्वेटा में एफसी चेकपोस्ट पर टीटीपी का हमला निंदनीय है। शहीदों के परिवारों के प्रति संवेदना और प्रार्थना है। हमारे बहादुर सुरक्षा बल रॉ द्वारा वित्त पोषित टीटीपी के आतंकवादियों के मंसूबों को नाकाम करना जारी रखेंगी।”
उल्लेखनीय है कि यह हमला तालिबान द्वारा अफगानिस्तान पर नियंत्रण करने के कुछ दिनों बाद ही हुआ है। तालिबान ने सत्ता में आने के बाद कई आतंकवादियों को जेलों से मुक्त कराया है, जिनमें से कईयों को लेकर माना जाता है कि वे टीटीपी संबद्ध हैं। जबकि अफगान तालिबान ने पाकिस्तान समेत दूसरे लोगों को आश्वासन दिया है कि उसकी धरती का इस्तेमाल आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए नहीं किया जाएगा। बावजूद इसके उसका पड़ोसी इस बात को लेकर चिंतित है कि टीटीपी पाकिस्तानी जमीन पर अपनी गतिविधियाँ बढ़ा सकता है।
यह भी ध्यान देने वाली बात है कि तालिबान ने पाकिस्तान की कुख्यात खुफिया एजेंसी आईएसआई की मदद से अफगानिस्तान पर काबिज हो गया, हालाँकि, टीटीपी का नया जोश पाकिस्तान के लिए महंगा साबित हो सकता है। आईएसआई प्रमुख काबुल के दौरे पर हैं और ऐसी खबरें हैं कि पाकिस्तान तालिबान को उसकी सेना के पुनर्गठन में मदद करेगा।