पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और सत्ताधारी PML-N के मुखिया नवाज शरीफ ने स्वीकार किया है कि पाकिस्तान ने 1999 का द्विपक्षीय लाहौर समझौते का उल्लंघन किया। लाहौर समझौता तोड़ने के लिए उन्होंने पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने यह बात पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ कि मौजूदगी में कही।
पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने कहा, “पाकिस्तान ने 1998 में परमाणु धमाके किए। इसके बाद भारतीय प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी पाकिस्तान आए और दोनों देशों के बीच समझौता हुआ। वो अलग बात है कि हमने वो समझौता तोड़ दिया, इसमें हम कसूरवार हैं। इसमें हमारी गलती है। अब शहबाज शरीफ प्रधानमंत्री है, यह पाकिस्तान का रुख मोड़ें।”
We broke the Lahore Agreement (1999) with India. It was our fault, says PML-N supremo Nawaz Sharif.
— Sidhant Sibal (@sidhant) May 28, 2024
PS: He made the remarks at an event where he bcm president of PML N party (party which the PM Shehbaz Sharif comes). pic.twitter.com/BI6CNhbGRH
नवाज शरीफ ने यह बातें सत्ताधारी PML-N के एक कार्यक्रम में कहीं। यह PML-N का अध्यक्ष बनने के बाद उनका पहला सार्वजनिक भाषण था। इसमें उन्होंने पाकिस्तान के आंतरिक मुद्दे उठाए। इस दौरान मंच पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री और उनके छोटे भाई शहबाज शरीफ भी मौजूद थे।
गौरतलब है कि फरवरी 1999 में भारतीय प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने भारत-पाकिस्तान के सम्बन्धों को लेकर एक समझौता किया था। इसे लाहौर में अंतिम रूप दिया गया था, इसलिए इसे लाहौर समझौता कहा गया था।
इस समझौते में दोनों देश इस बात पर राजी हुए थे कि वह आपस में परमाणु हथियारों की दौड़ नहीं करेंगे, जम्मू कश्मीर समेत बाकी सीमा पर शान्ति के लिए काम करेंगे। इस समझौते में दोनों देशों ने इस बात पर सहमति जताई थी कि वह इस क्षेत्र में मिल कर काम करेंगे।
इस समझौते पर हस्ताक्षर के लिए प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी दिल्ली से लाहौर बस से गए थे। इसी दिन से दिल्ली से लाहौर सीधी बस सेवा चालू हुई थी। इस समझौते को दोनों देशों की संसद में भी मंजूरी दी गई थी। हालाँकि, यह समझौता ज्यादा दिन नहीं टिक सका।
समझौते के कुछ ही दिनों के भीतर पाकिस्तानी फ़ौज ने भारत के कारगिल क्षेत्र घुसपैठ कर दी और कुछ हिस्सों पर कब्जा कर लिया। बताया गया कि यह काम तत्कालीन पाक फ़ौज के मुखिया परवेज़ मुशर्रफ ने किया। इसके बाद भारत ने पाकिस्तानी घुसपैठियों को भगाने के लिए ऑपरेशन विजय चलाया था। दोनों देशों के बीच कारगिल युद्ध के बाद काफी दरार आई थी।