पाकिस्तान द्वारा किए जा रहे अत्याचारों से पीड़ित अल्पसंख्यक अहमदिया मुस्लिम समुदाय ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (UNHRC) में मदद के लिए आवाज उठाई है। यहाँ UNHRC की 42वीं सालाना बैठक के दौरान अहमदिया समुदाय के प्रतिनिधियों ने पाक की हुकूमत पर अत्याचार का आरोप लगाते हुए न्याय की गुहार लगाई।
दैनिक जागरण की रिपोर्ट के मुताबिक ब्रिटेन में रहने वाली अहमदिया मुस्लिम समुदाय के प्रतिनिधि फरीद अहमद ने इस बैठक में कहा, “हमारे समुदाय के लोगों को निशाना बनाया जा रहा है। पाकिस्तान में सैकड़ों अहमदियों की हत्या कर दी गई थी और अब भी हजारों सदस्यों को उत्पीड़न का सामना करना पड़ा रहा है।”
उनके मुताबिक पाकिस्तान में उनके समुदाय के कई लोगों को फर्जी मामलों में फँसाया जा रहा है और समुचित शिक्षा व्यवस्था तक उनकी पहुँच नहीं हैंं। उनकी मानें तो आज भी उन्हें पाकिस्तान में मतदान का अधिकार नहीं है।
Pakistan has been exposed at #UNHRC meeting in #Geneva, where Ahmadiyya community members spoke about the atrocities on them in Pakistan, and demanded justice pic.twitter.com/ns4Typ1XIM
— Hindustan Times (@htTweets) September 24, 2019
इस मामले में पाकिस्तान की दोहरे चेहरे की पोल खोलते हुए समुदाय से ताल्लुक रखने वाले सर इफ्तियार अहमद अयाज ने कहा, “पाकिस्तान के संविधान में हर नागरिक के लिए समान अधिकार का वादा किया गया है, लेकिन हमारे अहमदिया समुदाय के लोग अत्याचार का सामना कर रहे हैं। समुदाय के लोगों को हर चीज से वंचित किया जा रहा है।”
यहाँ उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान में लंबे समय से अहमदिया समुदाय पर अत्याचार हो रहा है। उन्हें साल 1974 में संविधान में संशोधन के साथ गैर मुस्लिम घोषित कर दिया गया था। इसके बाद 1984 में जनरल मुहम्मद जिया-उल-हक के शासन में एक सख्त अध्यादेश जारी किया गया था। जिसमें कहा गया था कि अगर कोई अहमदिया खुद को मुस्लिम बताएगा, तो वो अपराध की श्रेणी में आएगा और ऐसा करने वाले को 3 साल की सजा और जुर्माने की सजा का प्रावधान किया गया है।