Friday, November 15, 2024
Homeरिपोर्टअंतरराष्ट्रीयफिलिस्तीन के राष्ट्रपति ने 8 दिन बाद की इजरायल पर हमास के हमलों की...

फिलिस्तीन के राष्ट्रपति ने 8 दिन बाद की इजरायल पर हमास के हमलों की आलोचना, पर कुछ ही घंटों में सरकारी मीडिया ने हटाई टिप्पणी

"राष्ट्रपति ने इस बात पर भी जोर दिया कि हमास की नीतियाँ और कार्य फ़िलिस्तीनी लोगों का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं, और फ़िलिस्तीन मुक्ति संगठन की नीतियाँ, कार्यक्रम और निर्णय फ़िलिस्तीनी लोगों का एकमात्र वैध प्रतिनिधि के रूप में हैं।"

फिलिस्तीन के राष्ट्रपति महमूद अब्बास ने इस्लामी आतंकी संगठन हमास के इजरायल पर हमले की आलोचना की है। वेनेजुएला के राष्ट्रपति के साथ फ़ोन पर बातचीत में महमूद अब्बास ने कहा कि हमास की कार्यवाही फिलिस्तीनियों का प्रतिनिधित्व नहीं करती है।

दरअसल, फ़िलिस्तीनी राष्ट्रीय प्राधिकरण के अध्यक्ष महमूद अब्बास द्वारा इज़राइल पर आतंकी हमले के लिए हमास की निंदा करने के कुछ घंटों बाद ही इसकी आधिकारिक समाचार एजेंसी WAFA (विकलात अल-अनबा अल-फिलास्टिनिजा) ने रविवार (15 अक्टूबर, 2023) को इस्लामी आतंकवादी संगठन हमास के बारे में उनकी टिप्पणियों को हटा दिया। 

रिपोर्ट के अनुसार, अपने वेनेजुएला समकक्ष निकोलस मादुरो के साथ टेलीफोन पर बातचीत के दौरान अब्बास ने कहा कि हमास फिलिस्तीनियों का प्रतिनिधित्व नहीं करता है और फिलिस्तीन लिबरेशन ऑर्गनाइजेशन (पीएलओ) फिलिस्तीनी लोगों का एकमात्र प्रतिनिधि है।

उन्होंने दोनों पक्षों के नागरिकों की हत्या की भी निंदा की और कैदियों और बंदियों की रिहाई की माँग की। WAFA ने मूल रूप से रिपोर्ट किया था, “राष्ट्रपति ने इस बात पर भी जोर दिया कि हमास की नीतियाँ और कार्य फ़िलिस्तीनी लोगों का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं, और फ़िलिस्तीन मुक्ति संगठन की नीतियाँ, कार्यक्रम और निर्णय फ़िलिस्तीनी लोगों का एकमात्र वैध प्रतिनिधि के रूप में हैं।”

हालाँकि, कुछ घंटों के भीतर, फिलिस्तीनी राष्ट्रीय प्राधिकरण की आधिकारिक समाचार एजेंसी ने हमास के संदर्भ हटा दिए

मूल रिपोर्ट को एडिट किया गया था, राष्ट्रपति ने इस बात पर भी जोर दिया कि पीएलओ की नीतियाँ, कार्यक्रम और निर्णय फिलिस्तीनी लोगों को उनके एकमात्र वैध प्रतिनिधि के रूप में दर्शाते हैं, न कि किसी अन्य संगठन की नीतियों को।

वहीं WAFA ने अपने निर्णय के लिए कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया। बता दें कि फ़िलिस्तीनी राष्ट्रीय प्राधिकरण की स्थापना 1994 में हुई थी और यह वेस्ट बैंक क्षेत्र में एक स्वशासी निकाय है। 2007 में गाजा पर आतंकी संगठन के नियंत्रण के बाद से इसके राष्ट्रपति महमूद अब्बास हमास के विरोधी रहे हैं।

इजराइल-हमास युद्ध

बता दें कि 7 अक्टूबर को, हमास के सैकड़ों आतंकवादियों ने विभिन्न माध्यमों से इज़राइल में घुसपैठ की, और कुछ ही मिनटों में आयरन डोम पर 5,000 रॉकेटों से हमला कर दिया। उन्होंने कई आम इजरायली नागरिकों का भी अपहरण कर लिया और उन्हें गाजा ले गए।

वहीं इज़रायल-हमास युद्ध के बीच इज़रायली सेना द्वारा हमास पर जवाबी हमले में कथित तौर पर 1,500 से अधिक हमास आतंकवादी मारे गए हैं। हमास आतंकवादियों की तलाश करते समय, आईडीएफ ने कहा कि वह बंधकों की भी तलाश कर रहा था।

हमास के हमले में इज़राइल में मरने वालों की संख्या अब 1,300 से अधिक हो गई है,  3,300 से अधिक घायल हुए हैं, जिनमें मुख्य रूप से आम नागरिक शामिल हैं। हमास द्वारा आतंकी हमले के जवाब में इज़राइल ने गाजा में हमास के खिलाफ एक बड़ा हमला किया, बिजली और पानी की आपूर्ति को प्रतिबंधित कर दिया और क्षेत्र में आवश्यक वस्तुओं के प्रवेश को रोक दिया।

इस बीच, भारत ने ऑपरेशन अजय लॉन्च किया है और अब तक 918 भारतीय नागरिकों को इज़राइल से सुरक्षित निकाल लिया है।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

थीसिस पेश करने से लेकर, डिग्री पूरी होने तक… जानें जामिया मिलिया इस्लामिया में गैर-मुस्लिमों के साथ होता है कैसा बर्ताव, सामने आई रिपोर्ट

'कॉल फॉर जस्टिस' की फैक्ट फाइंडिंग रिपोर्ट से पता चलता है कि जामिया मिलिया इस्लामिया में गैर-मुस्लिमों के साथ न केवल भेदभाव हुआ बल्कि उन्हें धर्मांतरण के लिए उकसाया भी गया।

बांग्लादेश में संविधान का ‘खतना’: सेक्युलर, समाजवादी जैसे शब्द हटाओ, मुजीब से राष्ट्रपिता का दर्जा भी छीनो – सबसे बड़े सरकारी वकील ने दिया...

युनुस सरकार बांग्लादेश के संविधान से 'सेक्युलर' शब्द निकालने की तैयारी कर रही है। इसे इस्लामीकरण की दिशा में एक कदम के तौर पर देखा जा रहा है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -