अफगानिस्तान के पूर्वोत्तर प्रांत पंजशीर में कब्जे के लिए तालिबान और नेशनल रजिस्टेंस फोर्स के बीच लड़ाई जारी है। नॉर्दर्न एलायंस ने रविवार (सितंबर 5, 2021) को दावा किया कि पंजशीर घाटी से तालिबान का सफाया कर दिया गया है और कम से कम 1,000 तालिबानियों को पकड़ लिया गया है।
नॉर्दर्न एलायंस के प्रवक्ता फहीम दशती ने ट्वीट किया, “पंजशीर के विभिन्न जिलों में सुबह से अब तक करीब 600 तालिबान का सफाया हो चुका है। 1,000 से अधिक तालिबानियों को पकड़ लिया गया है या उन्होंने आत्मसमर्पण कर दिया है।” प्रवक्ता ने आगे कहा कि तालिबान को अन्य अफगान प्रांतों से आपूर्ति नहीं मिल पा रही है।
#پریان #پنجشیر از لوث وجود #طالبان کاملا پاکسازی شد. دستکم هزار تروریست به دلیل انسداد مسیر برگشت و خروج گیر افتاده بودند، تمام مهاجمان هنگام فرار و عقبنشینی توسط مردم محل با کمک رزمندگان #مقاومت کشته، تسلیم یا اسیر شدند. شمار زیادی از این اسرا خارجی و بیشتر #پاکستانی اند.
— Fahim Dashti فهیم دشتی (@FahimDashty) September 5, 2021
इस बीच, क्षेत्र में बारूदी सुरंगों की मौजूदगी के कारण पंजशीर रजिस्टेंस फोर्स के खिलाफ तालिबान का आक्रमण धीमा हो गया है। तालिबान के एक सूत्र ने कहा कि पंजशीर में लड़ाई जारी है, लेकिन राजधानी बाजारक और प्रांतीय गवर्नर के परिसर की ओर जाने वाली बारूदी सुरंगों की वजह से आगे बढ़ने में परेशानी हो रही है।
वहीं तालिबान का दावा है कि उसने पंजशीर के चार जिलों पर कब्जा कर लिया है। तालिबान के प्रवक्ता बिलाल करीमी ने कहा, “हमने पंजशीर प्रांत के सात में से चार जिले हमारे कब्जे में आ चुके हैं। हम अब पंजशीर की ओर बढ़ रहे हैं।”
गौरतलब है कि पूर्व उप-राष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह और नॉर्दन एलायंस के नेता अहमद मसूद ने उन खबरों को खारिज कर दिया, जिनमें कहा जा रहा था कि तालिबान ने इस क्षेत्र पर कब्जा कर लिया है। लेकिन उन्होंने स्वीकार किया कि तालिबान की ओर से फोन, इंटरनेट और बिजली लाइनों को बंद करने से परिस्थितियाँ कठिन हैं। अफगानिस्तान के पूर्व उपराष्ट्रपति सालेह ने कहा कि दोनों पक्षों में हताहत हुए हैं। उन्होंने कहा, “इसमें कोई संदेह नहीं है कि हम एक मुश्किल स्थिति में हैं। हम पर तालिबान का हमला हुआ है। हमारी सेना आत्मसमर्पण नहीं करेगी।”
बता दें कि पंजशीर नेशनल रजिस्टेंस फोर्स का गढ़ है, जिसका नेतृत्व पूर्व अफगान गुरिल्ला कमांडर अहमद शाह मसूद के बेटे अहमद मसूद और अफगानिस्तान के पूर्व उपराष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह कर रहे हैं, जिन्होंने खुद को कार्यवाहक राष्ट्रपति घोषित किया हुआ है।