बांग्लादेश में दुर्गा पूजा से पहले हिंदू समूहों का अपने समुदाय की सुरक्षा को लेकर डर सही साबित हुआ। खुलना में इस्लामी कट्टरपंथियों ने हिंदुओं को धमकाते हुए कहा है कि अगर उन लोगों को दुर्गा पूजा करनी है तो उन्हें 5 लाख टका देने ही होंगे। बताया जा रहा है कि कई हिंदू मंदिरों को खुलना जिले में गुमनाम नाम से धमकी भरे पत्र आए हैं जिसमें लिखा है कि अगर भुगतान नहीं किया गया तो दुर्गा पूजा नहीं होने दी जाएगी और उन्हें गंभीर परिणाम भी भुगतने होंगे।
पत्र डाक के जरिए हिंदू मंदिरों को भेजे गए हैं। इसमें साफ कहा गया है कि अगर प्रशासन और मीडिया को इस बारे में सूचना दी गई तो सिर कलम करवा दिए जाएँगे। ये भी कहा गया है कि अगर पैसे नहीं दिए गए तो उनके घर लूट लिए जाएँगे ठीक वैसे जैसे आवामी लीग के ज्वाइंट सेक्रेट्री महबूब उल आलम हानिफ का घर लूटा गया था।
पत्र में लिखा है, “सुनो, अगर तुम 2024 में दुर्गा पूजा करना चाहते हो तो तुम्हें हर मंदिर से पाँच लाख टका का चंदा देना होगा। नहीं तो तुम किसी भी तरह से पूजा नहीं कर पाओगे। जैसा हनीफ के प्रोजेक्ट में हुआ, वैसा ही तुम्हारा हश्र होगा। एक सप्ताह के अंदर सारा पैसा तैयार रखना। कालीनगर बाजार में जो जगह बताई जाएगी, वहाँ पैसे दे देना। बाद में जगह बता देंगे।”
पत्र में आगे कहा गया, “अगर तुमने ये बातें प्रशासन, पत्रकारों या किसी और को बताई तो याद रखना कि तुम्हें काट दिया जाएगा। तुम्हारे परिवार को भी नहीं बख्शा जाएगा। ये बात अपने आस-पास के सभी मंदिरों को बता देना क्योंकि हम सभी मंदिरों के नाम नहीं जानते। प्रशासन और सेना के हमें बरगलाने से कोई फायदा नहीं होगा, पैसे तो देने ही पड़ेंगे। अल्लाह के नाम पर अगर हमें पैसे नहीं मिले तो हम तुम्हारे टुकड़े-टुकड़े कर देंगे। हम तुम पर नजर बनाए हुए हैं।”
बता दें कि ये पत्र 9 सितंबर 2024 को लिखा गया है। अब इन्हें हिंदू मंदिरों और पूजा समितियों के अध्यक्षों और महासचिवों को भेजा जा रहा है। इनके प्राप्त होने के बाद खुलना के चार अलग-अलग मंदिरों ने डाकोप पुलिस स्टेशन से संपर्क किया और पत्र दिखाते हुए शिकायतें दीं।
शिकायत मिलने के बाद थाना प्रभारी अधिकारी सिराजुल इस्लाम ने इस मामले में कहा है कि वो लोग इस बाबत जाँच कर रहे हैं कि आखिर पत्र कहाँ से आया। हम लोग मंदिरों की सुरक्षा के प्रयास करेंगे। हम सेना की टीम के साथ पुलिस स्टेशन से नियमित रूप से गश्त कर रहे हैं। गाँव की पुलिस और यूनियन पुलिस के अधिकारी चौबीसों घंटे गश्त पर हैं।
एक मंदिर के महासचिव ने बताया कि पत्र मिलने के बाद वे इस मामले को लेकर काफी चिंता में हैं। उन्होंने अपने इलाके में लोगों के साथ बैठक की है। लोगों ने यही माना कि इस वर्ष पूजा का आयोजन न करना ही बेहतर होगा, लेकिन अंत में कुछ मान गए कि सामूहिक रूप से पूजा-अर्चना होनी ही चाहिए।
रिपोर्ट बताती हैं कि कुछ मंदिर समितियों ने खतरे के कारण दुर्गा पूजा का आयोजन न करने का निर्णय लिया है जबकि कुछ अन्य ने कहा है कि वो इस पूजा का आयोजन शांति से करेंगे। इस मामले पर डाकोप के कमरखोला सर्वजनिन दुर्गा पूजा उत्सव समिति के अध्यक्ष शेखर चंद्र गोलदार ने भी बयान दिया। उन्होने कहा कि इस वर्ष बहुत छोटे पैमाने पर पूजा आयोजित करने की बात चल रही है।
गौरतलब है कि कुछ दिन पहले ही नेशनल हिंदू अलायंस ने दुर्गा पूजा की बाबत बांग्लादेश की अंतरिम सरकार से अपनी सुरक्षा की माँग की थी। उन्होंने डिमांड की थी कि पंडालों पर सीसीटीवी फुटेज रिकॉर्ड की जाए। सुरक्षा हेतु वहाँ पुलिसकर्मी और सेना के लोग तैनात हों ताकि अराजक तत्व पूजा के दौरान कोई उपद्रव न कर सकें।