प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र (UN) के 75 वर्ष पूरे होने के मौके पर अपने सम्बोधन में कहा कि आज UN ‘विश्वास के संकट’ से जूझ रहा है और बिना सुधारों के इसका समाधान नहीं किया जा सकता है। पीएम मोदी ने कहा कि विश्व को आज एक व्यापक सुधारों वाले बहुपक्षीय ढाँचे की ज़रूरत है, जो आज की वास्तविकता के हिसाब से हो, सभी हितधारकों को आवाज़ दे, समसामयिक चुनौतियों के समाधान की ओर प्रयास करे और जनहित में काम करे।
बता दें कि भारत ने UN की सुरक्षा परिषद में चुने हुए अस्थायी प्रतिनिधि के रूप में एक सीट प्राप्त करने में कामयाबी पाई है और जनवरी 1, 2021 को उसका कार्यकाल शुरू होगा, जो 2 वर्षों का होगा। इसीलिए, पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा UN में व्यापक सुधारों की बात करना और बहुपक्षीय ढाँचे को नया रूप रूप देने की पैरवी करना महत्वपूर्ण है। पीएम ने स्पष्ट कहा कि हम पुराने ढाँचे को लेकर आज की चुनौतियों का सामना नहीं कर सकते।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार (सितम्बर 21, 2020) को संयुक्त राष्ट्र जनरल असेम्बली की एक उच्च-स्तरीय बैठक को सम्बोधित करते हुए उक्त बातें कहीं, जो UN की 75वीं वर्षगाँठ के मौके पर आयोजित की गई थी। इस अवसर पर 193 सदस्यीय जनरल असेंबली ने आगे के समय को ध्यान में रखते हुए एक राजनीतिक घोषणापत्र को स्वीकृत किया, जिसमें आतंकवाद से लड़ाई के लिए पूरे तंत्र को मजबूत करने की बात की गई है।
इसमें बहुपक्षीय ढाँचे में सुधार, समावेशी विकास और कोरोना वायरस जैसी आपदाओं से निपटने के लिए बेहतर तैयारियों का खाका तैयार किया गया है। पीएम मोदी ने UN में सुधारों की बात करते हुए कहा कि आज की इंटरकनेक्टेड दुनिया में ये आवश्यक है। साथ ही आश्वासन दिया कि भारत इस दिशा में सभी देशों के साथ मिल कर काम करेगा। भारत कहता आ रहा है कि 1945 में गठित UN सुरक्षा परिषद आज की चुनौतियों का सामना करने में अक्षम है और इसमें भी सुधार की ज़रूरत है।
अमेरिका, यूके, फ़्रांस और रूस सुरक्षा परिषद में भारत के लिए स्थायी सीट की दावेदारी का समर्थन कर रहे हैं। पीएम मोदी ने कहा कि हमारे कामकाज के तौर-तरीके तेज होने चाहिए और साथ ही आजकल की परस्थितियों के अनुकूल भी। उन्होंने सेक्रेटरी-जनरल में चल रहे सुधारों का समर्थन करते हुए UN के सभी 3 बड़े संगठनों में बदलाव की अपेक्षा की। उन्होंने इकोनॉमिक और सोशल काउन्सिल में भी सुधारों की बात कर के उन्हें नई ऊर्जा देने को कहा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज से 75 साल पहले जब दुनिया युद्ध की विभीषिका से जूझ रही थी कि आशा की नई किरण आई। उन्होंने कहा कि इतिहास में पहली बार पूरी दुनिया के देशों की एक संस्था का गठन हुआ। उन्होंने बताया कि भारत UN संस्थापक चार्टर का हस्ताक्षरकर्ता है और उसने वो ‘वसुधैव कुटुम्बकम्’ की विचारधारा में विश्वास रखता है, जिसमें पूरी दुनिया को एक परिवार माना गया है – इसी सोच के साथ भारत ने इस महान कार्य का समर्थन किया।
उन्होंने कहा कि UN की वजह से आज दुनिया एक बेहतर जगह है। उन्होंने भारत की प्रबल भागीदारी वाले UN ‘पीसकीपिंग मिशन’ के लिए बलिदान देने वाले सैनिकों सहित उन सभी लोगों को भी श्रद्धांजलि दी, जिन्होंने संयुक्त राष्ट्र के बैनर तले काम करते हुए बलिदान दिया। 71 में से 50 ‘पीसकीपिंग मिशन’ में भारत ने 2 लाख सैनिकों का सहयोग दिया है। पीएम मोदी ने आधुनिक डिजिटल तकनीक का लाभ उठाने, क्लाइमेट चेंज का समाधान करने और भेदभाव मिटाने की बात की।
UN के तजा सुधारों वाले डिक्लेरेशन में किसी को भी पीछे नहीं छोड़ने, पृथ्वी को बचाने, अंतरराष्ट्रीय न्याय प्रणाली के हिसाब से न्याय दिलाने, महिलाओं और बच्चियों को केंद्र में रखने, विश्वास बढ़ाने, डिजिटल सहयोग मजबूत करने, UN को अपग्रेड करने और परस्पर सहयोग को बढ़ावा देने के लिए वित्तीय फंडिंग को मजबूती देने युवाओं की आवाज़ सुनने और उनके साथ काम करने पर बल दिया गया।