प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार (नवंबर 17, 2020) को ब्रिक्स (BRICS) सम्मेलन को संबोधित किया। पीएम मोदी ने इस दौरान आतंकवाद को दुनिया की सबसे बड़ी समस्या बताते हुए नाम लिए बिना पाकिस्तान पर निशाना साधा। पीएम मोदी ने कहा, ”आतंकवाद आज विश्व के सामने सबसे बड़ी समस्या है। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि आतंकवादियों को समर्थन और सहायता देने वाले देशों को भी दोषी ठहराया जाए, और इस समस्या का संगठित तरीके से मुकाबला किया जाए।”
आतंकवाद आज विश्व के सामने सबसे बड़ी समस्या है।
— BJP (@BJP4India) November 17, 2020
हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि आतंकवादियों को समर्थन और सहायता देने वाले देशों को भी दोषी ठहराया जाए और इस समस्या का संगठित तरीके से मुकाबला किया जाए: पीएम @narendramodi
PM Shri @narendramodi addressing the 12th #BRICSSummit on Global Stability, Shared Security and Innovative Growth. https://t.co/rXvw6dCwao
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पीएम मोदी ने संयुक्त राष्ट्र संघ, विश्व व्यापार संगठन और विश्व स्वास्थ्य संगठन जैसी बहुपक्षीय संस्थाओं में सुधार पर जोर देते हुए कहा है कि इन संस्थाओं की क्रेडिबिलिटी और विश्वसनीयता पर सवाल उठ रहे हैं। इसकी वजह है कि समय के साथ इनमें बदलाव नहीं आया। ये अभी भी 75 साल पुरानी सोच पर हैं। भारतीय सुरक्षा परिषद में सुधार की आवश्यकता है। इसमें हमें ब्रिक्स साथियों के सहयोग की जरूरत है।
This is the 75th anniversary of UN. India has been a core supporter of multi-laterism & in Indian tradition, the entire world is considered a family.
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Our commitment towards UN’s values has been paramount: PM @narendramodi pic.twitter.com/fYzDvXPa7K
पीएम मोदी ने कहा, ”हमने ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान के तहत एक व्यापक सुधार प्रक्रिया को शुरू किया है। यह कैंपेन इस विश्वास पर आधारित है कि आत्मनिर्भर भारत कोविड-19 महामारी के बाद वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए फोर्स मल्टीपल्यार हो सकता है और ग्लोबल वैल्यू चेन्स में मजबूत योगदान दे सकता है। इसका उदहारण हमने COVID के दौरान भी देखा, जब भारतीय फार्मा उद्योग की क्षमता के कारण हम 150 से अधिक देशों को आवश्यक दवाइयाँ भेज पाए। हमारी वैक्सीन उत्पादन और डिलीवरी क्षमता भी इस तरह मानवता के हित में काम आएगी।”
Due to the strength of India’s pharma sector, we were able to provide medicines to over 150 countries during COVID-lockdown era.
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Our vaccine production and delivery ability will help mankind in the same way: PM @narendramodi
12वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी ने एक तरफ जहाँ रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की जमकर तारीफ की तो दूसरी तरफ चीनी राष्ट्रपति का जिक्र भी नहीं किया। ब्रिक्स की भूमिका को अहम बताते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ब्रिक्स संगठन में शामिल देश वैश्विक अर्थव्यवस्था के इंजन है।
इस वर्ष दूसरे विश्व युद्ध की 75वीं वर्षगांठ पर हम वीरगति पाए सैनिकों को श्रद्धांजलि देते हैं।
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भारत से भी 2.5 मिलियन से अधिक वीर इस युद्ध में यूरोप, अफ्रीका, और साउथ ईस्ट एशिया जैसे कई फ्रंट्स पर सक्रिय थे: पीएम @narendramodi
प्रधानमंत्री ने कहा, “इस वर्ष दूसरे विश्व युद्ध की 75वीं वर्षगाँठ पर हम वीरगति पाए सैनिकों को श्रद्धांजलि देते हैं। भारत से भी 2.5 मिलियन से अधिक वीर इस युद्ध में यूरोप, अफ्रीका, और साउथ ईस्ट एशिया जैसे कई फ्रंट्स पर सक्रिय थे।” प्रधानमंत्री ने कहा, “2021 में BRICS के 15 वर्ष पूरे हो जाएँगे। पिछले सालों में हमारे बीच लिए गए विभिन्न निर्णयों का मूल्यांकन करने के लिए एक रिपोर्ट बना सकते हैं। 2021 में अपनी अध्यक्षता के दौरान हम BRICS के तीनों स्तंभों में intra-BRICS सहयोग को मजबूत करने का प्रयत्न करेंगे।”
India feels that reforms in the UN Security Council is very important. We expect support from our BRICS partners on this issue. Several other international organizations aren’t functioning according to the contemporary realities. Institutions such as WTO, IMF,WHO need improvement pic.twitter.com/MNeeb5C9En
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अपने संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि विश्व एक संकट से गुजर रहा है। ब्रिक्स में सुधार की जरुरत है। IMF, WTO, WHO में भी सुधार की जरुरत है।
पीएम मोदी ने आगे कहा, “इस कठिन कार्यकाल में, रूस के नेतृत्व में, लोगों से लोगों के कनेक्शन को बेहतर बनाने के लिए कई पहल की गईं जैसे कि ब्रिक्स फिल्म समारोह, युवा वैज्ञानिकों की बैठकें आदि की गई। ब्रिक्स के अपने नेतृत्व के दौरान, भारत ब्रिक्स देशों के बीच डिजिटल स्वास्थ्य और पारंपरिक चिकित्सा को बढ़ावा देगा।”