बताया जा रहा है कि तालिबान ने अफगानिस्तान से उड़ान भरने को तैयार 6 विमानों को रोक रखा है। इन विमानों पर अमेरिकी समेत अन्य लोग सवार हैं। रिपोर्ट्स में आशंका जताई जा रही है कि अमेरिका से अपनी बात मनवाने के लिए तालिबान इन यात्रियों को बंधक बना सकता है।
यह खबर भी आई है कि अफगानिस्तान में चलाए गए रेस्क्यू ऑपरेशन के बावजूद अब भी वहाँ 100 से 200 अमेरिकी फँसे हुए हैं और तालिबान की नजरों से छिपे-छिपे घूम रहे हैं। इनमें से एक कैलिफोर्निया की रहने वाली नसरिया (Nasria) भी हैं। 25 वर्षीय नसरिया किसी भी तरह बस अफगानिस्तान से निकलना चाहती हैं। उनके मुताबिक, वह जून में परिवार से मिलने आई थीं और इसके बाद उन्होंने अफ़ग़ानिस्तान में रहने वाले प्रेमी से शादी कर ली। अभी वह गर्भवती हैं और तालिबान से बचती घूम रही हैं।
वॉयस ऑफ अमेरिका से बात करते हुए उन्होंने कहा, “ऐसे दिन आ गए हैं कि जब मैं सोचती हूँ कि क्या मैं यही (अफगानिस्तान में) घर बनाने जा रही हूँ? या क्या मैं यहाँ रहने वाली हूँ? क्या मैं यहाँ मर जाऊँगी?” हालातों को बयान करते हुए वह कहती हैं कि अब जब अमेरिकी फौजी देश से जा चुके हैं तो तालिबानी घर-घर अमेरिकियों की तलाश कर रहे हैं और ब्लू पासपोर्ट देखने की कोशिश कर रहे हैं।
बता दें कि नसरिया की आपबीती उस वक्त सामने आई है जब टेक्सास के प्रतिनिधि माइक मैककॉल ने रविवार (सितंबर 5, 2021) को बताया कि उनका मानना है कि तालिबान अमेरिकियों को देश छोड़ने से रोक रहा है और यूएस से डिमांड करते हुए मजार-ए-शरीफ अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर छह विमानों पर सवार यात्रियों को रोक दिया है। इनमें अमेरिकी भी शामिल हैं। माइक ने इन हालातों को होस्टेज सिचुएशन जैसा बताया, जहाँ तालिबान अपनी बात मनवाने के लिए लोगों को बंदी बना रहा है।
जानकारी के मुताबिक कैलिफोर्निया निवासी नसरिया भी उन सैंकड़ों लोगों में से थीं जो 31 अगस्त को अफगानिस्तान छोड़ना चाहते थी। हालाँकि तालिबान ने ऐसा नहीं होने दिया। इस बीच नसरिया के पाँव में गोली भी मारी गई। नसरिया जैसे अमेरिकियों को अफगानिस्तान से निकालने में प्रयासरत कैलिफ़ोर्निया प्रतिनिधि डैरिल इस्सा ने बताया कि कैसे एयरपोर्ट पर नसरिया के पेट पर लात मारी गई। नसरिया बताती हैं कि तालिबानियों ने एयरपोर्ट एंट्रेंस को ही बंद कर दिया था ताकि कोई अंदर न जा सके। उनके मुताबिक फ्लाइट तक जाना ही बहुत मुश्किल था। लोग एक दूसरे के ऊपर चढ़-चढ़ कर जा रहे थे।
वह बताती हैं कि जब फ्लाइट कैंसिल हुई तो नसरिया ने राज्य विभाग से संपर्क किया और उनको जवाब मिला कि वो एयरपोर्ट से बाहर आएँ और इंतजार करें। हालाँकि कोई नहीं आया। 12-13 घंटे वह बिन खाने-पीने के रही। वह याद करती हैं कि कैसे अमेरिकी फौजी उनके इंतजार में थे, लेकिन तालिबानियों ने उनका रास्ता ब्लॉक कर दिया। जब उन्होंने खुद आगे जाने की कोशिश की तो उनके पाँव में गोली मारी गई। ये सब पहली बार हो रहा था। इससे पहले उन्होंने ऐसे दृश्य फिल्मों में देखे थे। नसरिया के पति ने भी तालिबानियों से बोला कि उनकी पत्नी को जानें दें, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।
वह कहती हैं कि वो अपने पति और उनका बच्चा अपने पिता के बिन नहीं रहेगा। सरकार ने उन्हें आश्वासन दिया है कि वो जल्द उन्हें निकालेंगे। लेकिन हालात देख कर उनकी उम्मीद टूटती जा रही है। वह कहती हैं, “एयरपोर्ट से जब 15 कदम की दूरी पर मुझे कहा गया कि लोग आकर ले जाएँगे और कोई नहीं आया तो मैं अब क्या उम्मीद करूँ।”