Friday, November 15, 2024
Homeरिपोर्टअंतरराष्ट्रीय'समय बीत रहा' चीन के खिलाफ खड़ा हो अंतरराष्ट्रीय समुदाय: तिब्बत की निर्वासित सरकार...

‘समय बीत रहा’ चीन के खिलाफ खड़ा हो अंतरराष्ट्रीय समुदाय: तिब्बत की निर्वासित सरकार का आह्वान

सेरिंग ने भारत के धर्मशाला स्थित CTA के मुख्यालय से कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को 2022 के बीजिंग विंटर ओलंपिक के पहले चीन के अत्याचारों के खिलाफ एकजुट हो जाना चाहिए क्योंकि समय बीत रहा है और बाद में लड़ने का कोई मतलब नहीं।

तिब्बत की निर्वासित सरकार अथवा सेंट्रल तिब्बतन एडमिनिस्ट्रेशन (CTA) के शीर्ष राजनैतिक नेता पेनपा सेरिंग ने शुक्रवार (मई 21, 2021) को चीन द्वारा तिब्बतियों के ‘सांस्कृतिक नरसंहार’ की आशंका जताई और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से चीन के खिलाफ एकजुट होने की माँग की।

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक CTA के नवनिर्वाचित अध्यक्ष पेनपा सेरिंग ने कहा कि वह चीन के साथ शांति संधि करना चाहते हैं लेकिन चीन की वर्तमान नीतियाँ तिब्बत के लिए खतरा हैं। सेरिंग ने भारत के धर्मशाला स्थित CTA के मुख्यालय से कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को 2022 के बीजिंग विंटर ओलंपिक के पहले चीन के अत्याचारों के खिलाफ एकजुट हो जाना चाहिए क्योंकि समय बीत रहा है और बाद में लड़ने का कोई मतलब नहीं।  

मानवाधिकार समूह और तिब्बत के निवासी लगातार चीन पर सांस्कृतिक प्रतिबंध लगाने और क्षेत्र में सरकारी सहयोग से हान समुदाय को बसाने का आरोप लगाते रहते हैं। सेरिंग ने कहा कि हालाँकि वह बहुसंस्कृतिवाद के विरोधी नहीं हैं लेकिन एक बहुसंख्यक समुदाय द्वारा सरकार के सहयोग से अल्पसंख्यक समुदाय पर आधिपत्य स्थापित किया जा रहा है। सेरिंग ने कहा कि यदि चीन को नहीं रोका गया तो वह कुछ भी कर सकता है।

अगले दलाई लामा एक स्वतंत्र देश में जन्म लेंगे

CTA के अध्यक्ष पेनपा सेरिंग ने कहा कि वह तिब्बत के मुद्दे पर बातचीत करने के लिए चीन की सरकार तक पहुँचने का पूरा प्रयास कर रहे हैं, लेकिन यदि चीन की सरकार कोई ठोस सहयोग नहीं करती है तो तिब्बत का मुद्दा अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उठाया जाता रहेगा। मीडिया से बात करते हुए सेरिंग ने कहा कि अपनी इच्छा के अनुसार अगले दलाई लामा एक स्वतंत्र देश में जन्म लेना चाहते हैं।

सेरिंग ने कहा कि चीन 15वें दलाई लामा को लेकर क्यों परेशान है जबकि 14वें दलाई लामा ही अभी जीवित हैं और चीन जाना चाहते हैं। चीन कहता है कि अगला दलाई लामा चुनने का अधिकार उसके पास ही है। सेरिंग ने यह भी कहा कि चीन को पहले बौद्ध धर्म के बारे में जान लेना चाहिए।

तिब्बतियों के पास है अपना दलाई लामा चुनने का अधिकार

आपको बता दें कि चीन और CTA के मध्य 2010 से ही वार्ता बंद है। पिछले कुछ सालों में तिब्बत के मुद्दे को अच्छा-खासा अंतरराष्ट्रीय समर्थन प्राप्त हुआ है। पिछले साल ही नवंबर में सेरिंग के पूर्वाधिकारी लोबसांग सांगे ने अमेरिका की यात्रा की थी। इसके एक महीने के बाद ही अमेरिकी कॉन्ग्रेस ने तिब्बत पॉलिसी एण्ड सपोर्ट एक्ट पास किया। इस एक्ट में तिब्बतियों को अपना दलाई लामा चुनने और तिब्बत की राजधानी ल्हासा में अमेरिकी दूतावास स्थापित करने का अधिकार दिया गया है।

1950 में चीन के सैनिकों ने तिब्बत पर अधिकार कर लिया था। 1959 में तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा निर्वासित हो गए थे। कई तिब्बती भी निर्वासित होकर भारत आ गए थे। इसके बाद ही CTA की स्थापना हुई थी। CTA की धर्मशाला में अपनी कार्यकारी, विधायी और न्यायिक संस्थाएँ हैं। वर्तमान में लगभग 1,50,000 तिब्बती निर्वासन में जी रहे हैं।

चीन हमेशा से ही तिब्बत में उसके द्वारा किए जा रहे मानवाधिकारों के उल्लंघन के आरोपों को नकारता रहा है। हालाँकि, इस समय तिब्बत विश्व के कुछ बेहद संवेदनशील इलाकों में से एक है। चीन की सरकार ने इस क्षेत्र में पत्रकारों, राजनयिकों या बाहरी लोगों की यात्रा को प्रतिबंधित कर रखा है।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

‘वोट जिहाद’ के ₹100+ करोड़ वाले केस में ED ने मारे छापे, गुजरात-महाराष्ट्र में हुई तलाशी: सिराज अहमद पर है गड़बड़ी का आरोप

भाजपा ने इस पैसे का इस्तेमाल वोट जिहाद के लिए किए जाने का शक जताया है। भाजपा नेता किरीट सोमैया ने इस मामले में को लेकर चुनाव आयोग को एक पत्र भी लिखा है।

बांग्लादेशी लड़कियों को भारत में हर महीने में ₹1 लाख: घुसपैठ के बाद देह-व्यापार का धंधा, बनवाया जाता था फर्जी ID से लेकर सिम...

रोनी मंडल को इस गिरोह का सरगना माना जा रहा है, जो बांग्लादेशी लड़कियों को अवैध तरीके से भारत लाने और उनकी तस्करी में सक्रिय भूमिका निभाता था। रोनी मंडल खुद अवैध घुसपैठिया है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -