फ्रांस की राजधानी पेरिस में शनिवार (3 दिसंबर 2023) को एक कट्टरपंथी मुस्लिम ने चाकू और हथौड़े से कई सैलानियों पर हमला कर दिया। प्रसिद्ध एफिल टावर के पास अंजाम दी गई इस घटना में एक जर्मन नागरिक की मौत हो गई है, जबकि दो लोग घायल हो गए हैं। पुलिस ने आरोपित को गिरफ्तार कर लिया है। वह फिलिस्तीन में मुस्लिमों के मारे जाने से दुखी था।
हमले के बाद प्रधानमंत्री एलिज़ाबेथ बोर्न ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, “हम आतंकवाद के आगे नहीं झुकेंगे।” वहीं, राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन ने कहा कि वह इस आतंकवादी हमले में मारे गए एक जर्मन के परिवार के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त कर रहे हैं। इस मामले की जाँच वहाँ की आतंकवाद रोधी एजेंसी कर रही है।
आरोपित ने जिस पर्यटक की चाकू गोदकर हत्या की, उसका जन्म 1999 में हुआ था। वहीं, जिन दो अन्य लोगों को उसने घायल किया है, उन पर आरोपित ने हथौड़े से हमला किया। इसके बाद उसने सीन नदी के दूसरी ओर भागने की कोशिश की। हालाँकि, बीर हकीम पुल के पास पुलिस ने उसे घेर लिया। यह क्षेत्र आमतौर पर पर्यटकों और स्थानीय लोगों से भरा रहता है।
गृहमंत्री डर्मैनिन के अनुसार, आरोपित ने एक जोड़े पर हमला किया था। यह जोड़ा फिलीपींस में पैदा हुए थे और वर्तमान में जर्मनी के नागरिक थे। जब एक टैक्सी ड्राइवर ने आरोपित को ऐसा करते हुए देखा तो उसे रोकने की कोशिश की। इसके बाद हमलावर ने दूसरों पर हमला करते हुए नदी पार किया। इस दौरान उसने एक वयक्ति को हथौड़े से घायल कर दिया।
पुलिस ने उसका पीछा किया और टेजर गन का इस्तेमाल करते हुए उसे गिरफ्तार कर लिया गिरफ्तारी के बाद वह ‘अल्लाह हू अकबर’ चिल्लाने लगा और पुलिस को बहुत हिंसक तरीके से धमकाने लगा। पुलिस ने बताया कि आरोपित को अफगानिस्तान और फिलिस्तीन में मुस्लिमों का मारा जाना बर्दाश्त नहीं था। इसलिए उसने यह हमला किया।
लोगों का कहना है कि उसने ‘अल्लाह हू अकबर’ चिल्लाते हुए लोगों पर हमले किए थे। स्थानीय अधिकारी हमलावर को एक कट्टरपंथी इस्लामवादी के रूप में जानते थे और उसकी मानसिक बीमारी का इलाज किया जा रहा था। 26 साल का आरोपित पेरिस के दक्षिण में एसोन्ने क्षेत्र में अपने अम्मी-अब्बू के साथ रहता था।
अधिकारियों का कहना है कि आरोपित हमलावर साल 1997 में पैदा हुआ था और वह फ्रांस का नागरिक है। उसे हत्या और हत्या के प्रयास के मामले में गिरफ्तार कर लिया गया है। इससे पहले उस शख्स ने साल 2016 में एक हमले को अंजाम देने की योजना बनाई थी। हालाँकि, इसमें वह विफल रहा था। इस मामले में उसे चार साल जेल की सजा हुई थी।
दरअसल, 7 अक्टूबर 2023 को इजरायल पर आतंकी संगठन हमास के हमले और बाद में इजरायल द्वारा गाजा पट्टी पर बमबारी को लेकर फ्रांस में यहूदी और मुस्लिम आबादी के बीच तनाव बढ़ गया है। इसको लेकर देश में अलर्ट भी जारी है।