19वीं सदी में पंजाब पर शासन करने वाले महाराजा रणजीत सिंह की 180वीं पुण्यतिथि (जो कि 29 जून को है) के मौक़े पर लाहौर में आज (जून 27, 2019) उनके स्मारक का अनावरण होगा। महाराजा ने 40 साल तक शासन किया था।
यह स्मारक लाहौर किले में माई जिंदियन हवेली के बाहर एक खुली जगह में बना है, जहाँ रणजीत सिंह की समाधि और गुरु अर्जुन देव के गुरुद्वारा डेरा साहिब की इमारत भी है। यह हवेली रणजीत सिंह की सबसे छोटी रानी के नाम पर है जहाँ पर सिख कलाकृतियों की एक स्थायी प्रदर्शनी है, जिसे सिख गैलरी कहा जाता है।
आयोजन के निमंत्रण पत्र के अनुसार, रणजीत सिंह की 8 फीट ऊँची प्रतिमा, जिसमें उन्हें घोड़े पर चढ़ा हुआ दिखाया गया है वह लाहौर के Walled City of Lahore Authority (WCLA) के तत्वाधन में स्थापित किया जा रहा है और यह सब ब्रिटेन स्थित सिख संस्था, एसके फाउंडेशन के सहयोग से हो रहा है।
दैनिक जागरण खबर के मुताबिक शहर के महानिदेशक कामरान लशैरी ने बताया है, “जैसा कि आप जानते हैं धार्मिक पर्यटन हमारी सरकार के मुख्य विषयों में से एक है। करतारपुर साहिब, ननकाना साहिब को इस सरकार से अधिक ध्यान मिला है। रणजीत सिंह की प्रतिमा भी उसी का एक हिस्सा है।”
लशैरी ने इंडियन एक्सप्रेस से हुई फोन पर बातचीत में बताया कि यह सही है कि प्रतिमा का अनावरण लाहौर में किया जा रहा है, जहाँ रणजीत सिंह ने 1801-1939 तक पंजाब पर शासन किया। इसके आयोजन में पाकिस्तान सरकार ने रणजीत सिंह की पुण्यतिथि के लिए भारत के सिख तीर्थ यात्रियों को 450 से अधिक वीजा भी जारी किए हैं। जबकि खबरों के अनुसार इस्लामाबाद में मौजूद इंडियन हाई कमीशन के किसी भी प्रतिनिधि को आयोजन में आमंत्रित नहीं किया गया है।
बता दें रणजीत सिंह का स्मारक फ़कीर सैयद सैफ़ुद्दीन के निर्देशन में लाहौर के नेशनल कॉलेज ऑफ आर्ट और नक़्श स्कूल ऑफ़ आर्ट के तीन कलाकार-मूर्तिकारों द्वारा बनाया गया था। सैफ़ुद्दीन के मुताबिक यह स्मारक कोल्ड ब्रोंज तकनीक के इस्तेमाल से बनाया गया है, जिसे बनने में लगभग 8 महीने लगे और जो अमृतसर और दिल्ली में मौजूद रणजीत सिंह के स्मारकों से भी ज्यादा खूबसूरत है।
महाराजा रणजीत सिंह से जुड़ा एक किस्सा बहुत फेमस है। उन्हें होली मनाना अच्छा लगता था। इसके लिए बाग में बड़े-बड़े टेंट लगाए जाते थे, इन टेंट्स को काफ़ी अच्छे से सजाया जाता था और दोनों तरफ से सैनिकों से सुसज्जित रखा जाता था। उस दिन बाग की शोभा देखते ही बनती थी। रणजीत सिंह की होली पर अंग्रेज अधिकारी भी आमंत्रित रहते थे। अक्सर होली पर महाराजा सर हेनरी नाम के एक अंग्रेज अफसर के टकले पर गुलाल मल दिया करते थे।