स्वीडन में सैकड़ों की संख्या में संप्रदाय विशेष की भीड़ ने सड़क पर उतर कर हिंसा की। ‘अल्लाह हू अकबर’ के नारों के साथ भीड़ ने पुलिस पर जमकर पत्थरबाजी की। टायर जलाकर आगजनी की और सड़क को जाम करने की कोशिश की। घटना दक्षिणी स्वीडन के माल्मो शहर की है। संप्रदाय विशेष की भीड़ ने स्वीडन के धुर दक्षिणपंथियों की ओर से कुरान बर्निंग रैली आयोजित करने के विरोध में दंगों को अंजाम दिया।
रात के समय अचानक से जुटे दंगाइयों ने मजहबी नारों के साथ हिंसा शुरू कर दी। उनकी संख्या 300 के करीब बताई जा रही है। जब पुलिस ने रोकने की कोशिश की तो उन्होंने पत्थरबाजी शुरू कर दी। बता दें कि हाल ही में फार-राइट डेनिश पार्टी के एक नेता को गिरफ्तार कर लिया गया था। इसके बाद धुर दक्षिणपंथियों ने कुरान जला कर प्रदर्शन किया था।
माल्मो पुलिस का कहना है कि वो अभी भी दंगों को नियंत्रित करने में लगे हुए हैं। टायर जलाने के बाद पूरे क्षेत्र में धुआँ फ़ैल गया, जो काफी ऊपर तक गया और दूर से ही दिखाई दे रहा था। पुलिस के प्रवक्ता का कहना है कि फ़िलहाल स्थिति नियंत्रण में नहीं है लेकिन इसके लिए प्रयास जारी है। पुलिस ने इस बात की पुष्टि की है कि 1 दिन पहले कुरान जलाए जाए के कारण ही ये हिंसा हुई है।
जहाँ कुरान जलाया गया, ठीक उसी जगह से हिंसा भी शुरू हुई। इससे पहले ‘हार्ड लाइन’ के नेता रासमस पालदन को स्वीडन के माल्मो में बैठक में हिस्सा लेने से रोक दिया गया था। उन्हें स्वीडन की सीमा से ही गिरफ्तार किया गया।
Massive police presence in #Malmo, #Sweden, after “Stram kurs” a Danish group burned the Quran in public on the street causing riots. pic.twitter.com/nhZS3VNxmP
— SV News 🚨 (@SVNewsAlerts) August 28, 2020
वे अक्सर इस्लाम और संप्रदाय विशेष को लेकर दिए गए विवादों के कारण चर्चा में रहते हैं। उन पर 2 साल के लिए स्वीडन में घुसने पर प्रतिबंध लगा था और सीमा पर अंदर घुसने का प्रयास करते वक्त उन्हें गिरफ्तार किया गया। पुलिस का कहना है कि वो क़ानून तोड़ने आ रहे थे, इसीलिए ये कार्रवाई की गई। साथ ही बताया गया है कि उनका व्यवहार समाज के लिए ख़तरा हो सकता है।
उनके रैली में नहीं पहुँचने के बाद कुरान की प्रति जलाई गई। इसके बाद कट्टरवाद और घृणा फैलाने के आरोप में 3 लोगों को गिरफ्तार किया गया। दक्षिणपंथी नेता ने कहा कि उन्हें 2 साल के लिए देश-निकाला दिया गया है, वहीं दूसरी तरफ हत्यारों और बलात्कारियों का स्वागत किया जाता है। स्वीडन में घुसपैठियों की संख्या बढ़ने के कारण लोगों में गुस्सा है।
इससे पहले नवम्बर 2019 में नार्वे में इस्लाम के ख़िलाफ़ हुई रैली में एक व्यक्ति ने कुरान जला दी थी, जिसके बाद हंगामा शुरू हो गया था। प्रदर्शन में लगे एक समूह के नेतृत्व कर रहे लार्स थोर्सन ने पवित्र कुरान की पुस्तक में आग लगा दी थी। इसके बाद विरोध-प्रदर्शन कर रहे गुट और इस्लाम समर्थक गुट के बीच जम कर झड़प होने के बाद हालात बिगड़ गए थे।