Sunday, December 22, 2024
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कहीं तोड़ी माँ की मूर्ति, कहीं पंडाल में फेंके पेट्रोल बम: भारत से बांग्लादेश तक दुर्गा पूजा में इस्लामी कट्टरपंथियों ने हिंदू आस्था पर किया हमला, पढ़ें 10 घटनाएँ

बांग्लादेश ही नहीं, भारत में भी इस्लामी कट्टरपंथियों ने दुर्गा पूजा के आयोजनों में विघ्न डालने की कोशिश की, जिसमें कई स्थानों पर विवाद और हिंसा की घटनाएँ सामने आईं। गोंडा से लेकर कोलकाता तक कई घटनाएँ दर्ज हुई हैं।

दुर्गा पूजा, जो हिंदुओं का एक प्रमुख त्योहार है, हर साल भारत और बांग्लादेश दोनों में बड़े पैमाने पर मनाया जाता है। लेकिन इस साल, पूजा के दौरान दोनों देशों में कई ऐसी घटनाएँ सामने आईं, जहाँ इस्लामी कट्टरपंथियों ने त्योहार के उत्सव को विघ्नित करने की कोशिश की। इन घटनाओं ने न केवल पूजा के धार्मिक महत्व को ठेस पहुँचाई, बल्कि हिंदू समुदाय के मनोबल पर भी गहरा असर डाला।

बांग्लादेश में दुर्गा पूजा के दौरान बमबाजी और मूर्तियों के विखंडन जैसी 35 सांप्रदायिक घटनाएँ हुईं, जिससे हिंदू अल्पसंख्यक समुदाय में भय का माहौल बन गया है। पुलिस महानिरीक्षक (IGP) ने कहा कि इन घटनाओं में शामिल 17 आरोपितों को गिरफ्तार किया गया है। कट्टरपंथियों द्वारा लगातार हो रहे हमलों ने हिंदू समुदाय को एकजुट होने और अपनी रक्षा के लिए आवाज उठाने के लिए प्रेरित किया।

भारत में भी इस्लामी कट्टरपंथियों ने दुर्गा पूजा के आयोजनों में विघ्न डालने की कोशिश की, जिसमें कई स्थानों पर विवाद और हिंसा की घटनाएँ सामने आईं। ये घटनाएँ यह दर्शाती हैं कि धार्मिक असहिष्णुता का खतरा दोनों देशों में बढ़ रहा है, और इस पर सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है। आइए इन घटनाओं को विस्तार से समझते हैं:

ढाका में पेट्रोल बम हमला

11 अक्टूबर 2024 को बांग्लादेश की राजधानी ढाका में दुर्गा पूजा पंडाल पर पेट्रोल बम से हमला हुआ। यह घटना टाटी बाजार इलाके में घटी, जहाँ इस्लामी कट्टरपंथियों ने पूजा स्थल पर बम फेंक दिया, जिससे भगदड़ मच गई और एक व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हो गया। आरोपित मोहम्मद और उसके साथी इस घटना के पीछे थे, जिन्हें बाद में पुलिस ने गिरफ्तार किया। यह हमला बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों के प्रति बढ़ते खतरे का प्रतीक है, जिसने देश के हिंदू समुदाय को झकझोर कर रख दिया।

पुलिस ने इस मामले में सक्रियता दिखाई और हमलावरों को गिरफ्तार कर लिया। घटना के बाद कई संगठनों ने दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की माँग की। इस्लामी कट्टरपंथियों के इस हमले ने बांग्लादेश के हिंदू अल्पसंख्यक समुदाय में डर और असुरक्षा की भावना को और बढ़ा दिया है।

चटगाँव में दुर्गा पूजा के मंच पर कब्जा कर गाए इस्लामी गाने

9 अक्टूबर 2024 को बांग्लादेश के चटगाँव में दुर्गा पूजा मंडप पर एक और घटना घटी, जब कुछ मुस्लिम युवकों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम के दौरान इस्लामी गाने गाने शुरू कर दिए। आरोपियों में से छह युवकों को बाद में गिरफ्तार किया गया। उन्होंने पहले आयोजकों से देशभक्ति के गाने गाने की अनुमति माँगी थी, लेकिन मंच पर कब्जा कर इस्लामी क्रांति का प्रचार करने लगे। उनकी इस हरकत ने पूजा में आए श्रद्धालुओं को स्तब्ध कर दिया और वहाँ तनाव का माहौल बना दिया।

चटगाँव में इस घटना ने सांप्रदायिक तनाव को बढ़ावा दिया, क्योंकि यह बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर था। पुलिस ने तेजी से कार्रवाई करते हुए आरोपितों को गिरफ्तार किया और मामले की जाँच शुरू की। यह घटना दिखाती है कि किस तरह से कट्टरपंथी ताकतें धार्मिक समारोहों को विघ्नित करने की कोशिश कर रही हैं।

दुर्गा पूजा के दौरान मूर्तियों पर हमला और तोड़फोड़

चटगाँव में ही दुर्गा पूजा के दौरान एक और गंभीर घटना घटी, जब कुछ इस्लामी कट्टरपंथियों ने एक मंदिर पर हमला किया और दुर्गा मूर्तियों को तोड़ दिया। यह घटना पूजा के मुख्य कार्यक्रम के दौरान हुई, जब स्थानीय हिंदू समुदाय पूजा में व्यस्त था। हमलावरों ने मूर्तियों को नुकसान पहुँचाया और पूजा स्थल पर तोड़फोड़ की, जिससे पूजा स्थल में अफरा-तफरी मच गई।

पुलिस ने इस घटना पर भी तेजी से कार्रवाई की, लेकिन अधिकांश आरोपी फरार हो गए। इस तरह के हमलों ने बांग्लादेश में धार्मिक असहिष्णुता की स्थिति को और बढ़ा दिया है। हिंदू समुदाय के नेताओं ने सरकार से ऐसे कट्टरपंथी तत्वों के खिलाफ सख्त कदम उठाने की मांग की है, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचा जा सके।

बौद्ध समुदाय पर कट्टरपंथियों का दबाव: त्योहार रद्द

बांग्लादेश में सिर्फ हिंदू ही नहीं, बल्कि बौद्ध समुदाय भी इस्लामी कट्टरपंथियों के निशाने पर आ गया। इस साल, बौद्ध समुदाय को अपने प्रमुख त्योहार ‘कथिन चीवर दान’ को रद्द करना पड़ा। इस्लामी कट्टरपंथियों ने हिंदुओं को दुर्गा पूजा और मूर्ति विसर्जन से रोकने की धमकी दी थी, और साथ ही बौद्ध समुदाय को भी अपने त्योहार न मनाने की चेतावनी दी।

धमकियों के चलते, स्थानीय बौद्ध समुदाय ने अपना त्योहार रद्द कर दिया, ताकि सांप्रदायिक हिंसा से बचा जा सके। यह घटना बांग्लादेश में धार्मिक अल्पसंख्यकों के प्रति बढ़ते खतरे का प्रतीक है, जहां कट्टरपंथी ताकतें अपने एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए डर और धमकियों का सहारा ले रही हैं।

बांग्लादेश के IGP का बयान: 35 घटनाओं में 17 गिरफ्तार

बांग्लादेश के पुलिस महानिरीक्षक (IGP) मोहम्मद मोइनुल इस्लाम ने बयान में कहा है कि इस साल दुर्गा पूजा के दौरान कुल 35 हमलों की घटनाएँ हुई हैं, जिनमें पूजा पंडालों पर हमले और सांप्रदायिक हिंसा शामिल है। अब तक 17 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। हैरानी की बात ये है कि बांग्लादेश के आईजीपी मोहम्मद मोइनुल इस्लाम ने हिंदुओं पर हमलों की घटनाओं को कमतर बताते हुए कहा कि ऐसी घटनाएँ मुस्लिमों के त्योहार के समय भी होती है।

मोहम्मद मोइनुल इस्लाम ने कहा, “पूरे बांग्लादेश में 32000 मंडप लगे हैं। ऐसी घटनाएँ हिंदुओं ही नहीं, मुस्लिमों के त्योहार के समय भी होती हैं।” रिपोर्ट्स के अनुसार, इन हमलों में ज्यादातर हमलावर इस्लामिक कट्टरपंथी थे, जो हिंदू धार्मिक स्थलों और त्योहारों को निशाना बना रहे थे। इन घटनाओं से बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय की स्थिति पर गहरा प्रभाव पड़ा है, जो अब अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं।

उत्तर प्रदेश के बलरामपुर में दुर्गा पूजा पंडाल पर हमला

भारत में भी दुर्गा पूजा के दौरान मुस्लिम कट्टरपंथियों द्वारा हिंसा की घटनाएँ दर्ज की गईं। उत्तर प्रदेश के बलरामपुर में दुर्गा पूजा के दौरान इस्लामिक कट्टरपंथियों ने पंडाल में घुसकर महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार किया। आरोपितों में कलीम, अरबाज़, इमरान और मुख़्तार शामिल हैं, जिन्होंने महिला श्रद्धालुओं से अभद्रता की और पंडाल में लगे भगवा ध्वज को नोचकर नाली में फेंक दिया। महिलाओं ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया गया। यह घटना दुर्गा पूजा के शांतिपूर्ण उत्सव में बाधा डालने का एक स्पष्ट उदाहरण है। हिंदू संगठनों ने इस घटना की कड़ी निंदा की और आरोपितों को कड़ी सजा देने की माँग की। पुलिस ने भी मामला दर्ज कर जाँच शुरू कर दी है।

गोंडा में दुर्गा पूजा के दौरान पथराव

उत्तर प्रदेश के गोंडा में दुर्गा पूजा के दौरान आतिशबाजी को लेकर विवाद हुआ। असलम पुत्र लल्लन, सुल्तान पुत्र अजात, मुन्ना पुत्र इदरीश की अगुवाई में इस्लामिक कट्टरपंथियों ने आतिशबाजी पर आपत्ति जताई और फिर पूजा स्थल पर पथराव शुरू कर दिया। यह घटना सांप्रदायिक तनाव का परिणाम थी, जिसमें दोनों पक्षों के बीच झड़पें हुईं। पुलिस ने पथराव में शामिल आरोपितों में से कई को गिरफ्तार किया। इस घटना के बाद स्थानीय प्रशासन ने इलाके में सुरक्षा बढ़ा दी और पुलिस गश्त तेज कर दी। हालाँकि, इस प्रकार की घटनाओं ने क्षेत्र में सांप्रदायिक सौहार्द को खतरे में डाल दिया है।

कोलकाता में माइक की आवाज पर विवाद

कोलकाता में एक दुर्गा पूजा पंडाल में मुस्लिमों ने माइक की आवाज को लेकर विवाद खड़ा किया। अजान के दौरान माइक की आवाज को बंद करने की माँग करते हुए इस्लामी कट्टरपंथियों ने पूजा समारोह को बाधित किया। आयोजकों ने उसकी बात मानने से इनकार कर दिया, जिसके बाद इस्लामिक कट्टरपंथियों ने हंगामा शुरू कर दिया।

शिकायत में कहा गया है कि 11 अक्तूबर की सुबह न्यू बंगाल स्पोर्टिंग क्लब द्वारा जब अष्टमी और नवमी के अनुष्ठान किए जा रहा था, तब आज दोपहर 1.13 बजे लगभग 50-60 उपद्रवी लोग आए और उन्होंने पूजा को रोकने को कहा और पूजा को भंग करने का प्रयास किया। उन्होंने धमकी दी कि अगर पूजा नहीं रोकी गई तो वो मां दुर्गा की प्रतिमा को तोड़ देंगे। इस दौरान उन्होंने धक्का-मुक्की की और हमारी महिला सदस्यों के खिलाफ गलत शब्दों का भी इस्तेमाल किया।

कुशीनगर में दुर्गा मूर्ति पर पथराव

उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में एक और गंभीर घटना सामने आई, जब दुर्गा पूजा के दौरान मुस्लिम कट्टरपंथियों ने मूर्ति पर पथराव किया। इस घटना में 10 से अधिक लोग घायल हो गए। पुलिस ने स्थिति को काबू में करने के लिए आरोपितों को गिरफ्तार किया और इलाके में सुरक्षा बढ़ा दी। इस तरह की घटनाएँ पूजा के दौरान सांप्रदायिक हिंसा को बढ़ावा देती हैं और समाज में दरार पैदा करती हैं। हिंदू समुदाय ने प्रशासन से आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की माँग की है।

असम के करीमगंज में सांप्रदायिक हिंसा

असम के करीमगंज में दुर्गा पूजा के दौरान सांप्रदायिक हिंसा भड़क उठी। इस्लामी कट्टरपंथियों ने पूजा स्थल पर पथराव किया, जिसके बाद दोनों समुदायों के बीच झड़पें शुरू हो गईं। पुलिस ने तीन आरोपितों को गिरफ्तार किया और स्थिति को काबू में लाया। यह घटना असम में सांप्रदायिक सौहार्द पर गंभीर प्रश्नचिन्ह लगाती है, जहाँ धार्मिक त्योहारों के दौरान हिंसा और असहिष्णुता बढ़ रही है। पुलिस ने सहाबुल अहमद (21 साल), अब्दुल अहद (18 साल) और एक नाबालिग को भी गिरफ्तार किया है।

इस साल दुर्गा पूजा के दौरान भारत और बांग्लादेश में कई घटनाएँ सामने आईं, जहाँ मुस्लिम कट्टरपंथियों ने पूजा स्थलों पर हमले किए। इन घटनाओं ने धार्मिक असहिष्णुता की गंभीरता को उजागर किया है। दोनों देशों की सरकारों को इस प्रकार की घटनाओं पर सख्त कार्रवाई करनी होगी, ताकि सांप्रदायिक सौहार्द को बनाए रखा जा सके।

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श्रवण शुक्ल
श्रवण शुक्ल
Shravan Kumar Shukla (ePatrakaar) is a multimedia journalist with a strong affinity for digital media. With active involvement in journalism since 2010, Shravan Kumar Shukla has worked across various mediums including agencies, news channels, and print publications. Additionally, he also possesses knowledge of social media, which further enhances his ability to navigate the digital landscape. Ground reporting holds a special place in his heart, making it a preferred mode of work.

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