बांग्लादेश की एक हिन्दू युवती ने शेख हसीना के खिलाफ इस्लामी कट्टरपंथियों का साथ दिया। उसने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के खिलाफ भी जहर उगला और हिन्दुओं के बांग्लादेश में विरोध प्रदर्शनों को भारत का एजेंडा बताया। हिन्दुओं के खिलाफ बोलने पर उसे इस्लामी कट्टरपंथियों ने खूब सराहा, यहाँ तक कि इस्लामी प्रोपेगेंडा फ़ैलाने वाले चैनल अल जजीरा ने भी उसको जगह दी। अब उसके घर पर ही इस्लामी कट्टरपन्थियों ने हमला बोल दिया है। इसके बाद उसने सरकार की खिलाफत चालू कर दी है।
इस युवती का नाम प्राप्ति तापोशी है। वह बांग्लादेश के जहाँगीरनगर विश्वविद्यालय की छात्रा है। वह लगातार विरोध प्रदर्शन और जलसों में शामिल होती रहती है। उसने लगातार हिन्दुओं के खिलाफ जहर उगला है और बांग्लादेश में होने वाली हिन्दू विरोधी हिंसा को नकारा है।
लेकिन अब प्राप्ति ने फेसबुक पर अपने घर इस्लामी कट्टरपंथियों की लूट को लेकर एक पोस्ट लिखा है। फेसबुक ट्रांसलेशन के अनुसार, प्राप्ति ने लिखा, ” सुनामगंज में कल रात मेरे घर और हिन्दुओं पर हमला, तोड़फोड़ और लूटपाट की गई… अभी तक पुलिस की ओर से मारपीट और लूटपाट के आरोप में किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है। कितने घरों और दुकानों में लूटपाट हुई है, इस बारे में भी सरकार ने साफ़ कोई जानकारी नहीं दी है। प्रशासन कह रहा है कि यहाँ कुछ नहीं हुआ।”
प्राप्ति ने दावा किया कि अगर ऐसा ही माहौल रहा तो हिंदुत्ववादियों की ‘अफवाहें’ और जोर पकड़ेंगी। उसने पुलिस और प्रशासन को सबसे बड़ा दोषी ठहराया। गौरतलब है कि सुनामगंज में लगातार हिन्दू विरोधी हिंसा हो रही है। इस्लामी कट्टरपंथियों ने एक हिन्दू युवक आकाश दास की एक सोशल मीडिया पोस्ट को ईशनिंदा बता कर हिन्दुओं को निशाना बनाया है। 100 से अधिक हिन्दू घरों और साथ ही में मंदिर में भी तोड़फोड़ की गई है। इस कारण से 200 हिन्दू यहाँ से भागने को मजबूर हो गए हैं।
प्राप्ति तापोशी अपने घर पर हुए हमले के बाद भले ही पुलिस और प्रशासन को जिम्मेदार ठहरा रही हो लेकिन इससे पहले वह बांग्लादेश में हिन्दुओं पर अत्याचार को नकार रही थी। वह इसे आरएसएस और भारत का एजेंडा बता रही थी। उसका कहना था कि हिन्दुओं को राजनीतिक लाभ के लिए मोहरा बनाया जा रहा है और उन्हें हिंदुत्व के एजेंडे में धकेला जा रहा है। इसको लेकर उसने जोर-शोर से सोशल मीडिया पर पोस्ट डाली थीं।
प्राप्ति सिर्फ हिन्दू और आरएसएस को ही नहीं गालियाँ देती बल्कि वह BSF के खिलाफ भी विरोध प्रदर्शन कर चुकी है। उसका आरोप था कि BSF ने बांग्लादेश और भारत की सीमा पर बांग्लादेशी नागरिकों की हत्या की है। उसने इस संबंध में एक रैली भी निकाली थी।
यही नहीं उसने पीएम मोदी को लेकर भी अभद्र कार्टून साझा किए थे और भारत पर बांग्लादेश में बाढ़ लाने का आरोप जड़ा था। उसका आरोप था कि भारत ने बाँध के दरवाजे खोल दिए जिसके कारण यह बाढ़ आ गई। हालाँकि, यह पूरी तरह झूठ था।
भारत और हिन्दू विरोधी एजेंडा को बढ़ाने के चलते उसे अल जजीरा ने भी जगह दी थी। प्राप्ति तापोशी को बांग्लादेश की एक्सपर्ट के रूप में अल जजीरा ने बुलाया था। अल जजीरा लगातार भारत के खिलाफ प्रोपेगेंडा करता रहा है।
इके पहले उसने बांग्लादेश में छात्रों के सहारे किए गए इस्लामी कट्टरपंथियों को भी खूब समर्थन दिया था। वह हमास का भी समर्थन करती है। वह इजरायल के खिलाफ हमास और बाकी समूहों की जंग ‘इंतिफादा’ की भी समर्थन है। हालाँकि, उसको अब तक लगता था कि इस्लामी कट्टरपंथियों के कहर से वह बचेगी। लेकिन अब जब उसके गृह नगर सुनामगंज में इस्लामी भीड़ आई तो उसको भी नहीं बख्शा।
गौरतलब है कि 5 अगस्त, 2024 को बांग्लादेश प्रधानमंत्री शेख हसीना के सत्तापलट के बाद से लगातर हिन्दू निशाने पर हैं। बांग्लादेश में इस्लामी भीड़ कहीं ईशनिंदा के बहाने तो कहीं आवामी लीग का समर्थक होने के बहाने हिन्दुओं पर हमला कर रही है। हिन्दुओं की इस प्रताड़ना में यूनुस सरकार पूरा साथ दे रही है।
हिन्दुओं पर प्रताड़ना के खिलाफ बोलने वाले संत चिन्मय कृष्ण दास को भी बांग्लादेश में पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। उनके वकील पर भी जानलेवा हमला हुआ। स्थितियाँ इतनी खराब हैं कि इस्कॉन ने बांग्लादेश में हिन्दुओं को तिलक और तुलसी माला छोड़ने को कहा है। बांग्लादेश में हिन्दुओं के घरों को जलाया और लूटा जा रहा है। बांग्लादेश इस सब हिंसा को नजरअंदाज कर रहा है।