रूस और यूक्रेन के बीच बीते 10 महीने से युद्ध जारी है। हालाँकि, इसके बाद भी इस युद्ध के खत्म होने के आसार नजर नहीं आ रहे हैं। वहीं, रूस ने यूक्रेन में 3 लाख सैनिकों की तैनाती करने का ऐलान किया है। इससे यूद्ध के और भी भीषण हो सकता है। ऐसे में, रूसी सरकार ने स्वास्थ्य नियमों में बदलाव करते हुए सैनिकों को क्लीनिक में स्पर्म फ्रीज कराने की सुविधा दी है। यह सुविधा पूरी तरह निःशुल्क है।
समाचार एजेंसी टास ने रूसी वकील संघ के अध्यक्ष इगोर ट्रूनोव के हवाले से कहा है कि सरकार ने स्पर्म फ्रीज करने के लिए क्रायोबैंक में बायोमैटेरियल के भंडारण और सैनिकों के बच्चे न होने की बीमारी के इलाज के लिए वित्तीय सहायता को मंजूरी दी है।
कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि रूसी महिलाएँ अपने पतियों को यूक्रेन में लड़ाई के लिए भेजने के लिए इस शर्त पर तैयार हैं कि उनके स्पर्म को सुरक्षित रखा जाए। इससे सैनिक की मौत के बाद भी वह स्पर्म के जरिए प्रेग्नेंट हो सकेंगीं। यह भी कहा जा रहा है कि यूक्रेन पर लगातार हमलों के बीच रूसी सेना को लगातार नुकसान हुआ है। इसलिए अब, रूस ने यूक्रेन के खिलाफ युद्ध तेज करने के लिए 3 लाख सैनिकों की तैनाती का फैसला किया है।
गौरतलब है कि स्पर्म फ्रीजिंग की माँग को लेकर सबसे पहले मोस्कोवस्कीज कोम्सोमोलेट्स अखबार ने बीबीसी के रूसी संवाददाता स्टीव रोसेनबर्ग के हवाले से दावा किया था कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन यूक्रेन के खिलाफ जारी युद्ध को आगे बढ़ाने के लिए स्पर्म फ्रीजिंग कर हैं।
उल्लेखनीय है कि इसी साल नवंबर में अमेरिकी जनरल मार्क मिले ने कहा था कि रूस-यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद से (फरवरी से नवंबर तक) लगभग 100000 (एक लाख) रूसी सैनिक या तो मारे गए हैं या फिर घायल हुए हैं। उन्होंने यह भी कहा था कि यूक्रेनी सेना को भी लगभग ऐसा ही नुकसान हुआ है। वहीं, कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि इस युद्ध में कम से कम 10 हजार रूसी सैनिक मारे गए हैं।