Tuesday, November 5, 2024
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बागी प्रिगोझिन ने वैगनर सैनिकों को वापस बुलाया, समझौते के बाद रूस में पुतिन के लिए खत्म हो गया संकट? जिस शहर पर कब्ज़ा किया था उसे भी छोड़ा

यूके के रक्षा मंत्रालय का अनुमान है कि यूक्रेन में प्रिगोझिन के लगभग 50,000 लड़ाके हैं, जो इसे रूस-यूक्रेन संघर्ष में एक महत्वपूर्ण निभाते हैं। वैगनर भारी संख्या में भर्तियाँ करता है। यह भी कहा जा रहा है कि यूक्रेन की जेलों में बंद उसके लगभग 80% सैनिक बाहर निकल आए हैं।

वैगनर (Wagner) नाम के भाड़े का सैन्य ग्रुप चलाने वाले येवगेनी प्रिगोझिन ने रूसी राष्ट्रपति व्लाडिमीर पुतिन की कठोर कार्रवाई के बाद अपनी सेना को वापस बुला लिया है। माना जाता है कि प्रिगोझिन और पुतिन के बीच एक समझौता हुआ है। इस समझौते के तहत प्रिगोझिन बेलारूस चले जाएँगे और उन पर लगाए गए सभी आरोप रूस वापस ले लेगा।

मीडिया रिपोर्ट में कहा जा रहा है कि बेलारूस के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको की मध्यस्थता में यह समझौता हुआ है। क्रेमलिन के प्रवक्ता दमित्री पेस्कोव ने कहा कि प्रिगोझिन पर मुकदमा नहीं चलाया जाएगा। क्रेमलिन ने हमेशा वैगनर के वीरतापूर्ण कार्यों का सम्मान किया है। वैगनर ग्रुप की सेनाओं को रूसी रक्षा मंत्रालय के अधीन कर लिया जाएगा।

शनिवार (24 जून 2023) की सुबह प्रिगोझिन ने घोषणा की थी कि उसकी सेना ने रूस के दक्षिणी कमान के मुख्यालय वाले शहर रोस्तोव-ऑन-डॉन पर कब्जा कर लिया है। इसके बाद राष्ट्रपति पुतिन ने इस विश्वासघात और पीठ में खंजर घोंपने जैसा बताया था। उन्होंने कहा था कि ऐसा करने वालों को कठोर दंड दिया जाएगा।

इस बीच प्रिगोझिन द्वारा अपने रूसी सेना को ललकारने की बात भी सामने आई थी। प्रोगोझिन ने यह भी दावा किया था कि उनकी सेना ने एक रूसी हेलीकॉप्टर को मार गिराया है। हालाँकि, राष्ट्रपति पुतिन की घोषणा के 12 घंटे के अंदर प्रिगोझिन ने रोस्तोव शहर छोड़ दिया। प्रिगोझिन ने राजधानी मास्को की ओर बढ़ रही अपनी सेना को भी वापस लौटने का आदेश दे दिया।

बेलारूसी राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको की मध्यस्थता में हुए समझौते के बाद प्रिगोझिन ने सेना को वापस भेज दिया। तब तक प्रिगोझिन की सेना मास्को के 125 मील के दायरे में पहुँच गई थी। शनिवार की रात जब प्रिगोझिन शहर से बाहर जा रहे थे, तब लोग उनसे हाथ मिला रहे थे और उनके साथ सेल्फी ले रहे थे।

कौन है वैगनर ग्रुप

वैगनर ग्रुप एक निजी सैन्य कंपनी है, जिसकी स्थापना रूस में की गई थी। इसे साल 2014 में तब प्रमुखता मिली, जब इसने पूर्वी यूक्रेन में रूस समर्थक अलगाववादी ताकतों का समर्थन किया। शुरुआत में यह लगभग 5,000 लड़ाकों के साथ अफ्रीका और मध्य पूर्व में काम कर रहा था, तब से इसका काफी विस्तार हुआ है।

यूके के रक्षा मंत्रालय का अनुमान है कि यूक्रेन में उसके लगभग 50,000 लड़ाके हैं, जो इसे रूस-यूक्रेन संघर्ष में एक महत्वपूर्ण निभाते हैं। वैगनर भारी संख्या में भर्तियाँ करता है। यह भी कहा जा रहा है कि यूक्रेन की जेलों में बंद उसके लगभग 80% सैनिक बाहर निकल आए हैं।

रूस में भाड़े की सेना अवैध है। इसके बावजूद वैगनर समूह एक छद्म सैन्य संगठन के रूप में काम करता है और रूसी शहरों में खुलेआम भर्ती करता रहा है। वैगनर की गतिविधियाँ यूक्रेन से परे फैली हुई हैं। इसके भाड़े के सैनिक सीरिया, लीबिया, मध्य अफ़्रीकी गणराज्य और माली में संघर्षों में शामिल हैं। जहाँ पर इस समूह के सैनिक हैं, वहाँ उन पर हत्या, यातना और युद्ध अपराध के आरोप लगे हैं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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