सउदी अरब ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत का सहयोग करने की बात कही है। सऊदी अरब ने ये बातें अपने तेल संयंत्रों पर ड्रोन और मिसाइल हमले के करीब दो सप्ताह बाद कही है। जानकारी के मुताबिक, अब सऊदी अरब आतंकी नेटवर्क तक धन को पहुँचने से रोकने के साथ ही खुफिया सूचनाओं के आदान-प्रदान पर भी रोक लगाने में मदद करेगा।
सऊदी राजदूत डॉक्टर सऊद बिन मोहम्मद अल सती ने कहा, “सऊदी अरब और भारत आतंकवाद से लड़ने में घनिष्ठ रूप से एक दूसरे का सहयोग कर रहे हैं, जिसमें सूचनाओं और खुफिया जानकारी का आदान-प्रदान शामिल है।”
Saudi Arabia has been siding with India in its campaign to rid the region of terrorism and pledged to extend all cooperation to effectively deal with the challenge. https://t.co/eRonut9PFy
— Financial Express (@FinancialXpress) September 25, 2019
बता दें कि, पिछले दो वर्षों में दोनों देशों ने प्रत्यर्पण संधि सहित सुरक्षा के क्षेत्र में कई समझौते किए हैं। सऊदी राजदूत ने कहा, “सऊदी अरब आतंकवाद, आतंक के वित्तपोषण और चरमपंथ के खिलाफ वैश्विक अभियान की अगुवाई कर रहा है। हम आईएसआईएस का मुकाबला करने के लिए 68 देशों के मजबूत वैश्विक गठजोड़ के संस्थापक सदस्य हैं।”
उन्होंने कहा कि सऊदी अरब, भारत को एक घनिष्ठ दोस्त और ‘रणनीतिक साझेदार’ के रूप में महत्व देता है। दोनों देशों के बीच रक्षा तथा सुरक्षा सहयोग को और अधिक बढ़ाया जाएगा।
गौरतलब है कि, 14 सितंबर को सऊदी अरब स्थित दुनिया के सबसे बड़े तेल संयंत्र पर ड्रोन और मिसाइलों से सिलसिलेवार तरीके से हमले किया गया था। वैश्विक तेल बाजार पर भी इसका गंभीर असर पड़ा था। इस हमले की जिम्मेदारी यमन के हूती आतंकी समूह ने ली थी।
भारत ने सऊदी अरब में तेल संयंत्रों पर हुए हमलों की सोमवार (सितंबर 15, 2019) को निंदा की और हर तरह के आतंकवाद का विरोध करने के अपने संकल्प को दोहराया। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा, “हम सऊदी अरब के अबकैक तेल संयंत्र और खुरैस तेल क्षेत्र में 14 सितंबर 2019 को हुए हमलों की निंदा करते हैं।”