चार बच्चों के साथ पाकिस्तान से भारत में आकर अपने प्रेमी सचिन मीणा के साथ रह ही सीमा हैदर को उसके अम्मी-अब्बू सहित पड़ोसियों ने बहिष्कार कर दिया है। उनका कहना है कि सीमा एक हिंदू के साथ रह रही है। इसलिए सीमा से उनका अब कोई नाता नहीं है। परिजनों ने कहा कि वे नहीं चाहते कि सीमा दोबारा इस्लामी मुल्क पाकिस्तान लौटे।
सीमा के मकान मालिक के 16 साल के बेटे ने भी इस पर कड़ी प्रतिक्रिया दी। सीमा भारत आने से पहले उसी के मकान में किराए पर रहती थी। मकान मालिक के लड़के ने कहा, “उसे अपने बच्चों को वापस पाकिस्तान भेज देना चाहिए। वह वहाँ रह सकती है। अब वह मुस्लिम भी नहीं रही।”
पाकिस्तान में रहने वाले सीमा के पड़ोसी आश्चर्यचकित हैं कि चार बच्चों की लगभग अशिक्षित माँ अपने हिंदू प्रेमी के साथ रहने के लिए अंतरराष्ट्रीय सीमा को पार करने का साहस कैसे किया। उसमें भी उसका प्रेमी उससे कई साल छोटा बताया जा रहा है।
सीमा हैदर का घर पाकिस्तान के गुलिस्तान-ए-जौहर के बीचो-बीच भिट्टैयाबाद के पड़ोस में स्थित कच्ची आबादी में है। सीमा का घर तीन कमरों वाली एक इमारत है। उसमें किसी तरह का कोई रंग-रोगन नहीं है और यह एक संकरी गली में स्थित है। उस गली में कचरा फैला हुआ है और नाली बह रही है।
पड़ोसियों का कहना है कि 12 लाख रुपए में यह मकान सीमा को उसके पति हैदर द्वारा देने की बात गलत है। मकान मालिक के बेटे नूर मुहम्मद ने बताया, “नहीं, वह अपने बच्चों के साथ तीन साल तक हमारे यहाँ किरायेदार थी। वह अपने बच्चों के साथ अकेली रहती थी। उसके ससुर यहाँ से कुछ दूरी पर रहते हैं।”
पड़ोसियों का यह भी कहना है कि सीमा हैदर और गुलाम हैदर ने 10 साल पहले अपने अम्मी-अब्बू की इच्छा के खिलाफ कराची भागकर निकाह किया था।
सीमा के पड़ोसी जमाल जखरानी नाम के बुजुर्ग कहते हैं, “एक दिन हमने उसे टैक्सी बुलाते और अपने बच्चों एवं कुछ बैग के साथ निकलते हुए देखा था। हमने सोचा कि वह जैकोबाबाद में अपने गाँव जा रही है, लेकिन लगभग एक महीने के बाद टीवी चैनलों पर उसके भागने के बारे में सुना तो हम सभी हैरान रह गए।”
जिस इलाके में सीमा हैदर का घर है वहाँ ज्यादातर ग्रामीण इलाकों के जनजाति पश्तून, सिंधी और सेराइकी समुदाय के लोग रहते हैं। ये लोग अपनी महिलाओं को किसी अजनबी से बात करने की अनुमति नहीं देते हैं और उन्हें बुर्का अथवा हिजाब में हमेशा रहना पड़ता है।
समाचार न्यूज एजेंसी के अनुसार, सीमा के पड़ोसी जमाल का कहना है, “अगर वह (सीमा हैदर) कभी वापस आने के बारे में सोचती है तो ट्राइबल समाज उसे माफ नहीं करेगा। दूसरी बात यह है कि एक हिंदू के साथ रहने के उसके फैसले ने अब सभी को नाराज कर दिया है।”
सिंध में हिंदू लड़कियों का अपहरण कर इस्लाम में धर्मांतरित करने और फिर उनका किसी मुस्लिम से निकाह करने के लिए कुख्यात भूरचूंडी दरगाह के मियाँ मिट्ठू ने वापस आने पर सीमा हैदर को सजा देने की घोषणा की है। इतना ही नहीं, उसके समर्थकों ने हिंदुओं के मंदिरों को हमला करन धमकी दी है।
हालाँकि, काश्मोर-कंधकोट के एसएसपी इरफान सामू ने इलाके के हिंदुओं और सिखों को आश्वासन दिया कि उनकी रक्षा की जाएगी। सामू ने कहा, “सीमा का राष्ट्रीय पहचान पत्र कहता है कि उसका जन्म 2002 में हुआ था। इसलिए, उसकी उम्र अभी 21 साल होनी चाहिए और फिर भी उसके 6 साल की उम्र तक के चार बच्चे हैं।”
सामू ने यह भी कहा कि पुलिस ने सीमा के पति गुलाम हैदर को सऊदी अरब से लौटने के लिए कहा है, लेकिन वह केवल वीडियो या फोन कॉल पर ही उनके संपर्क में है। सामू को यकीन नहीं है कि ग्रामीण पृष्ठभूमि वाली एक महिला दुबई और काठमांडू के रास्ते भारत जाने की योजना बनाने का साहस कर पाएगी।
कराची के जिस पुलिस स्टेशन में सीमा के ससुर ने एफआईआर दर्ज कराई थी, वहाँ के एक अधिकारी का कहना है कि यह साधारण मामला नहीं है। अधिकारी ने कहा, “पति भी पुलिस के सामने अपनी कहानियाँ बदलता रहता है। पहले उसने कहा कि उसने घर खरीदा है। अब वह कहता है कि जब वे कराची भागे तो ट्राइबल मामले को निपटाने के लिए सीमा के परिवार को दस लाख रुपए दिया था।”
पड़ोस की मस्जिद के मौलाना समीउद्दीन ने कहा कि सीमा बुरी औरत थी। मौलाना के अनुसार, “पतियों को कभी भी अपनी पत्नियों को वर्षों तक अकेला नहीं छोड़ना चाहिए और माता-पिता को अपनी बहन-बेटियों नजर रखनी चाहिए, वर्ना भविष्य में भी ऐसी और भी घटनाएँ होंगी। मौलवी ने कहा कि सीमा ने मुस्लिमों को शर्मसार किया है। वह देर-सबेर सजा भुगतेगी।