Sunday, November 17, 2024
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गुरु नानक की जयंती मनाने Pak गई शादीशुदा सिख महिला ने गूँगे-बहरे इमरान से कर लिया निकाह, बन गई ‘परवीन सुल्ताना’: रिपोर्ट

पाकिस्तान जाकर महिला ने 'ऑफिस ऑफ जस्टिस ऑफ पीस' में याचिका दायर की और अपने सिख पति की उपस्थिति में इमरान से शादी किया। साथ ही इस्लाम अपनाने के बाद उसने अपना नाम 'परवीन सुल्ताना' रख लिया।

कोलकाता की एक शादीशुदा सिख महिला गुरु नानक की जयंती मनाने पाकिस्तान गईं, लेकिन वहाँ एक प्रेमी के झाँसे में आकर इस्लाम अपना लिया। इसके बाद उसने भारत न लौटने का निर्णय ले लिया। इतना ही नहीं, उक्त महिला ने लाहौर के एक मुस्लिम व्यक्ति के साथ निकाह भी कर लिया है। उक्त महिला सिखों के प्रथम गुरु नानक देव जी की जयंती समारोह में हिस्सा लेने सिख जत्थे के साथ करतारपुर साहिब गई थी, लेकिन वहाँ जाकर उसने मुस्लिम व्यक्ति से निकाह कर इस्लाम अपना लिया।

हालाँकि, महिला के वहाँ से न लौटने की इच्छा के बावजूद उसने वापस आना पड़ा, क्योंकि पाकिस्तान नियम-कानून के हिसाब से वो वहाँ नहीं रह सकती थी। शुक्रवार (26 नवंबर, 2021) को जब वाघा-अटारी बॉर्डर से सिख जत्था वापस आया, तब पाकिस्तान के प्रशासन ने महिला को भी वापस भेज दिया। रंजीत कौर (बदला हुआ नाम) ने लाहौर के रहने वाले मुहम्मद इमरान से निकाह किया था। ये जानने वाली बात है कि उक्त महिला गूँगी-बहरी है, अर्थात वो सुन और बोल नहीं सकती।

‘जी न्यूज़’ की खबर के अनुसार, उक्त महिला का पति भी गूँगा-बहरा है। साथ ही जिस मुहम्मद इमरान से उसने निकाह किया था, वो भी गूँगा-बहरा है। वो पहले से ही सोशल मीडिया के जरिए इमरान के संपर्क में थी, जिसके जानकारी उसके पति को भी थी। पाकिस्तान जाकर महिला ने ‘ऑफिस ऑफ जस्टिस ऑफ पीस’ में याचिका दायर की और अपने सिख पति की उपस्थिति में इमरान से शादी किया। साथ ही इस्लाम अपनाने के बाद उसने अपना नाम ‘परवीन सुल्ताना’ रख लिया।

मुहम्मद इमरान मूल रूप से पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में स्थित राजनपुर का रहने वाला है। 23 नवंबर को ये निकाह हुआ और उसी दिन महिला ने एक पाकिस्तानी अदालत में जाकर अपने सिख पति को तलाक भी दे दिया। इस जत्थे से भारत वापस लौटने वाले में अंतिम यही दोनों थे। पाकिस्तानी प्रशासन ने तीर्थाटन के वीजा पर उन्हें वहाँ नहीं रुकने दिया, जिसके बाद महिला को अलग से पाकिस्तान के वीजा के लिए अप्लाई करना पड़ेगा। पाकिस्तानी अधिकारी राणा सजवल ने इसकी पुष्टि की है कि उसने 24 नवंबर को 100 रुपए की एफिडेविट महिला को दी थी।

इस घटना पर टिप्पणी करते हुए शिरोमणि अकाली दल (डेमोक्रेटिक) के अध्यक्ष परमजीत सिंह सरना ने कहा कि उन्होंने सिख जत्थे से अपील की है कि उक्त महिला और उसके पति को पवित्र गुरुद्वारों में ‘दर्शन और दीदार’ करने से रोका जाए। सरना ‘दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधन कमिटी’ के अध्यक्ष भी हैं। उन्होंने कहा कि ये घटना परेशान करने वाली है और ऐसी घटनाओं के कारण ही सिखों के तीर्थाटन करने पाकिस्तान जाने पर प्रतिबंध लग जाता है। सिख संस्था इस पर क्या कार्रवाई करेगी, इसका उन्हें इंतजार है।

इसी तरह की एक घटना अप्रैल 2018 में भी सामने आई थी, जब बैशाखी के त्योहार में पाकिस्तान तीर्थाटन के लिए गई एक सिख महिला ने वहाँ जाकर इस्लाम अपना लिया था और अपने वीजा आगे बढ़ाने की सिफारिश की थी। पंजाब के होशियारपुर के मनोहर लाल की बेटी किरण बाला ने लाहौर के मोहम्मद आज़म से निकाह कर लिया था। लाहौर के जामिया निमिया सेमिनरी में एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने के बाद उक्त महिला ने अपना नाम अमना बीबी रख लिया था।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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