अफगानिस्तान में मारे गए दिवंगत फोटो पत्रकार दानिश सिद्दीकी समेत चार भारतीयों को फीचर फोटोग्राफी श्रेणी में प्रतिष्ठित पुलित्जर पुरस्कार 2022 से सम्मानित किया गया है। रॉयटर्स समाचार एजेंसी के फोटो पत्रकार दानिश सिद्दीकी को उनके सहयोगियों अदनान आबिदी, सना इरशाद मट्टू और अमित दवे के साथ भारत में कोरोना के कारण हुई मौतों की तस्वीरें खींचने के लिए सम्मानित किया गया है।
The Pulitzer Prize for feature photography is awarded to Adnan Abidi, Sanna Irshad Mattoo, Amit Dave and the late Danish Siddiqui of Reuters for the coverage of COVID in India https://t.co/qiFwmaxrLM pic.twitter.com/R0KjZVwx0h
— Reuters (@Reuters) May 9, 2022
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका के सबसे प्रतिष्ठित पुरष्कारों में से एक पुलित्जर पुरस्कार 2022 के विजेताओं की घोषणा सोमवार (9 मई, 2022) को देर शाम की गई। न्यायाधीशों ने दानिश सिद्दीकी के काम को ब्रेकिंग फोटोग्राफी कैटेगरी से हटा दिया था। समिति ने लिखा कि उनका काम लोगों में गहरा सेंस पैदा करता है। हालाँकि, दानिश सिद्दीकी को यह पुरस्कार दूसरी बार मिला है। इससे पहले 2018 में रोहिंग्या पर फोटोग्राफी के लिए उन्हें पुलित्जर पुरस्कार से नवाजा गया था।
बता दें कि 38 वर्षीय दानिश सिद्दीकी की पिछले साल जुलाई में कंधार शहर के स्पिन बोल्डक जिले में अफगान सैनिकों और तालिबान के बीच हुई झड़पों को कवर करने के दौरान बेरहमी से हत्या कर दी गई थी। इससे पहले भी दानिश सिद्दीकी ने पुलित्जर पुरस्कार जीता है। रोहिंग्या संकट के कवरेज के लिए रॉयटर्स टीम के हिस्से के रूप में उन्हें 2018 में इस प्रतिष्ठित पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। इन तस्वीरों में सिद्दीकी ने म्यामांर के रोहिंग्या शरणार्थियों की समस्या को दिखाया था।
गौरतलब है कि दानिश सिद्दीकी ने दिल्ली के जामिया मिलिया इस्लामिया से अर्थशास्त्र में स्नातक किया था। इसके बाद उन्होंने जामिया के ही एजेके मास कम्यूनिकेशन रिसर्च सेंटर से 2007 से डिग्री ली थी। हालाँकि, उन्होंने अपना करियर टेलीविजन न्यूज के संवाददाता के रूप में शुरू किया था, बाद में वह फोटो पत्रकारिता की ओर मुड़ गए और 2010 में उन्होंने इंटर्न के रूप में रॉयटर्स ज्वाइन किया था।
बता दें कि इस बार का पुलित्ज़र पुरष्कार जहाँ भारत में कोरोना के दौरान हुई मौतों और जलती चिताओं को दिखाने के कारण रॉयटर्स के फोटो पत्रकार दानिश सिद्दीकी और उनकी टीम को मिला है। वहीं यदि मौतों की बात करें तो अमेरिका में कोरोना से भारतकी तुलना में कहीं ज़्यादा मौतें हुई हैं। लेकिन अमेरिका में वहाँ के पत्रकारों को दूसरी श्रेणी में पुलित्ज़र पुरष्कारों से नवाजा गया है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, वाशिंगटन पोस्ट ने सार्वजनिक सेवा पत्रकारिता में पुलित्जर पुरस्कार जीता है, जिसने यूएस कैपिटल में 6 जनवरी 2021 के विद्रोह को कवर किया था। वहीं मियामी हेराल्ड को सर्फसाइड कोंडो के ढहने पर ब्रेकिंग न्यूज रिपोर्टिंग के लिए पुलित्जर अवार्ड से सम्मानित किया गया, जबकि न्यूयार्क टाइम्स ने राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय रिपोर्टिंग दोनों में ही पुरस्कार जीता है।
रिपोर्ट के अनुसार, न्यूयार्क टाइम्स ने सीरिया, इराक और अफगानिस्तान में अमेरिकी हवाई हमलों से नागरिकों की मौत की रिपोर्टिंग के लिए अंतर्राष्ट्रीय रिपोर्टिंग श्रेणी में पुलित्ज़र पुरष्कार हासिल किया है।
बता दें कि पुलित्जर पुरस्कार पत्रकारिता के क्षेत्र का अमेरिका का सर्वोच्च पुरस्कार है, जिसकी शुरुआत 1917 में हुई थी। जोसेफ पुलित्जर ने अपनी वसीयत में इस पुरस्कार को शुरू करने की बात कही थी। जानकारी के लिए बता दें कि पुलित्जर पुरस्कार को 21 कैटेगरी में दिया जाता है। जिसमें पत्रकारिता, रिपोर्टिंग, फोटोग्राफी सहित कई अन्य विधाएँ भी शामिल होती हैं।
इसमें 15 पत्रकारिता श्रेणियाँ और सात कला श्रेणियाँ हैं। इसके साथ ही पुलित्जर पुरस्कार जीतने वाले को 15,000 अमेरिकी डालर दिए जाते हैं। वहीं पुलित्जर की पब्लिक सर्विस कैटेगरी के विजेता को गोल्ड मेडल से नवाजा जाता है।