एनबीसी न्यूज करेस्पॉन्डेंट रिचर्ड एंजेल (Richard Engel) ने रविवार (15 अगस्त 2021) को एक वीडियो शेयर किया जिसमें तालिबान द्वारा काबुल जेल से रिहा किए गए कैदी दिखाई दे रहे हैं। केरल की निमिशा फातिमा भी उनमें से एक है। फातिमा ने इस्लामिक स्टेट (ISIS) में शामिल होने के लिए भारत छोड़ दिया था।
Prisoners leaving Kabul jail after being broken out by Taliban. pic.twitter.com/B84F2UrtEA
— Richard Engel (@RichardEngel) August 15, 2021
मातृभूमि की इसी से जुड़ी एक रिपोर्ट में यह दावा किया गया है कि खुफिया जानकारी के मुताबिक तालिबान द्वारा रिहा कैदियों में 8 केरल के रहने वाले हैं जो ISIS में शामिल होने के उद्देश्य से अफगानिस्तान गए थे। इन सभी को अफगानी सेना ने गिरफ्तार किया था। हालाँकि रिपोर्ट में बताया गया है कि ऐसे 21 भारतीय थे जो अफगानिस्तान ऐसे ही उद्देश्य के लिए गए थे। निमिशा फातिमा भी उनमें से एक है। रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि रिहा किए गए ये कट्टरपंथी किसी दूसरे तरीके से भारत आ सकते हैं, ऐसे में बंदरगाह और सीमा पर निगरानी बढ़ा दी गई है।
ज्ञात हो कि फातिमा ने 2016 में इस्लामिक स्टेट में शामिल होने के लिए भारत छोड़ दिया था। उसका शौहर संघर्ष के दौरान मारा गया, जबकि फातिमा को अफगानी सेना ने हिरासत में ले लिया था। फातिमा की माँ अपील की थी कि उसकी बेटी को भारत वापस लाया जाए। लेकिन केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देते हुए इसे अस्वीकार कर दिया था। एक इंटरव्यू में उसकी माँ ने कहा था कि वह अपनी बेटी को भारत लाने के लिए सरकार और सम्बंधित जिम्मेदारों से माँग करती रहेगी। हालाँकि बिंदु अभी भी अपनी बेटी की रिहाई की आधिकारिक पुष्टि की प्रतीक्षा में है।
आपको बता दें कि अफगानिस्तान की सत्ता में आते ही तालिबान द्वारा विभिन्न जेलों में बंद 2300 खूंखार आतंकियों को रिहा करने की खबर भी सामने आई थी। बताया जा रहा है कि तालिबान ने टीटीपी के डिप्टी चीफ फकीर मोहम्मद के अलावा अलकायदा, ISIS और तहरीक-ए-तालिबान के कई खूंखार आतंकियों को जेल से बाहर कर दिया गया है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक तालिबान ने बैतुल्ला मेहसूद, आतंकी फकीर मोहम्मद, वकास मेहसूद, हमजा मेहसूद, जरकावी मेहसूद, जईतुल्ला मेहसूद, हमीदुल्ला मेहसूद और हमीद महसूद जैसे कुख्यात आतंकियों सहित 2,300 आतंकियों को रिहा किया है। वहीं, पाकिस्तान ने तहरीके तालिबान पाकिस्तान (TTP) के आतंकियों को छोड़ने पर भी चिंता व्यक्त की है, क्योंकि टीटीपी पाकिस्तान में काफी सक्रिय है। हालाँकि मातृभूमि की रिपोर्ट में यह दावा किया गया है कि काबुल की बादाम बाग और पुल-ए-चरखी जेलों से रिहा किए गए आतंकियों और कैदियों की संख्या 5000 से भी अधिक है।