अफगानिस्तान में तालिबानी आतंकियों का आतंक दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। तालिबान के इस्लामी आतंकी क्रूरता की सारी हदें पार करते हुए निर्दोष लोगों को भी मार रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, तालिबान ने एक 21 वर्षीय लड़की की हत्या सिर्फ इसलिए कर दी, क्योंकि उसने टाइट कपड़े पहने थे और उसके साथ कोई पुरुष रिश्तेदार नहीं था। बताया जा रहा है कि अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी के बाद से तालिबानी आतंकी बेगुनाह लोगों को जबरन घरों से बाहर निकालकर मार रहे हैं। उन्होंने जिन इलाकों पर कब्जा कर लिया है, वहाँ शरियत कानून लागू करते हुए महिलाओं के अकेले घर से बाहर निकलने पर प्रतिबंध लगा दिया है।
रिपोर्ट के मुताबिक, यह घटना उत्तरी बल्ख प्रांत के समर कांदियान के एक गाँव की है। इस गाँव पर तालिबानी आतंकवादियों का पूरी तरह से कब्जा है। बल्ख के पुलिस प्रवक्ता आदिल शाह आदिल ने रेडियो आज़ादी को बताया कि 3 अगस्त को आतंकियों ने 21 साल की लड़की नाजनीन की गोली मार कर हत्या कर दी थी।
उन्होंने आगे बताया कि लड़की अपने घर से बल्ख की राजधानी मजार-ए-शरीफ जा रही थी। जैसे ही वह घर से निकलकर गाड़ी में बैठने जा रही, तभी आतंकियों ने गोलियों से भूनकर उसकी हत्या कर दी। पुलिस का कहना है कि लड़की ने उस समय बुर्का पहना हुआ था। वहीं, तालिबानियों ने इन आरोपों को खारिज कर दिया है। तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद ने इस बात से इनकार किया कि उनकी ओर से किसी भी हमले को अंजाम नहीं दिया गया है।
मालूम हो कि तालिबान ने अपने 1996-2001 के क्रूर शासन के दौरान लड़कियों को स्कूल जाने के अधिकार से वंचित रखा था। साथ ही महिलाओं को घर से बाहर काम करने की अनुमति भी नहीं थी।
उस समय महिलाओं को बुर्का पहनना पड़ता था और बाहर जाते समय उनके साथ पुरुष परिजन या किसी पुरुष रिश्तेदार का साथ होना जरूरी होता था। वहीं, उस समय व्यभिचार (adultery) के आरोपितों को सार्वजनिक रूप से पत्थर मार-मार कर मार डाला जाता था।
जैसे-जैसे तालिबान का कब्जा अफगानिस्तान में बढ़ता जा रहा है, वैसे-वैसे उनका लड़कियों और महिलाओं पर अत्याचार भी बढ़ रहा है। तालिबानी आतंकी अफगानिस्तान की लड़कियों और महिलाओं का अपहरण कर रहे हैं और जबरन उनसे निकाह कर रहे हैं।
द सन की रिपोर्ट के मुताबिक, तालिबान ने अपने कब्जे वाले अफगानिस्तान के क्षेत्र के नेताओं को 15 वर्ष से अधिक उम्र की लड़कियों और 45 वर्ष से कम उम्र की विधवाओं की लिस्ट जारी करने का आदेश दिया है। एक मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि तालिबान जैसे ही किसी नए इलाके या शहर पर कब्जा करता है, वैसे ही मस्जिदों से पुलिसकर्मियों और सरकारी कर्मचारियों की पत्नियों और विधवाओं को उन्हें सौंपने का ऐलान करता है।
बता दें कि अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों के वापस लौटने के बावजूद अमेरिका लगातार अफगान सेना की मदद कर रहा है। रविवार को अफगानिस्तान के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता फवाद अमान ने ट्वीट कर जानकारी दी कि उन्होंने पिछले 24 घंटों के दौरान 572 तालिबानी आतंकवादियों को मार गिराया और 309 अन्य को घायल कर दिया है।