अफगानिस्तान में विदेशी बलों की वापसी के बाद से ही तालिबान का कहर जारी है। एक बार फिर तालिबान ने दुनिया को अपना क्रूर रूप दिखाया है। इस महीने की शुरुआत में अफगानिस्तान के मध्य प्रांत गजनी में मलिस्तान जिले पर हमले के बाद तालिबान ने 43 नागरिकों और सुरक्षा बल के सदस्यों की गोली मारकर हत्या कर दी। हालाँकि, तालिबान ने अपने ऊपर लगे इन आरोपों को सिरे से नकार दिया है।
टोलो न्यूज के अनुसार, गजनी की एक नागरिक समाज कार्यकर्ता मीना नादेरी ने रविवार (जुलाई 25, 2021) को काबुल में एक संवाददाता सम्मेलन में बताया कि तालिबान आतंकियों ने मलिस्तान जिले में प्रवेश करने के बाद युद्ध अपराध किए और उन नागरिकों को मार डाला, जो लड़ाई में शामिल नहीं थे। नादेरी ने मलिस्तान के निवासियों का एक संयुक्त बयान पढ़ा, जिसमें कहा गया कि उन्होंने लोगों के घरों पर हमला किया और उनकी संपत्ति लूटने के बाद मकानों को जला दिया गया।
तालिबान ने की आम नागरिकों की हत्या
टोलो न्यूज के अनुसार, हाजी नादिर ने कहा कि उनके बेटे रमजान अली (29) और इशाक अली (31) की 10 दिन पहले तालिबान ने हत्या कर दी। वे सरकारी कर्मचारी या देश के सुरक्षा बलों के सदस्य भी नहीं थे। नादिर ने कहा कि वे अपने परिवारों के साथ मलिस्तान छोड़ने की कोशिश कर रहे थे, क्योंकि इलाके में लड़ाई बढ़ गई थी। वहीं, मारे गए लोगों की बीवियों ने कहा कि तालिबान ने उनके बच्चों के सामने उनके पतियों की आँखों पर पट्टी बाँध दी। उन्हें इलाके की एक मस्जिद के पास ले गए और फिर उन्हें गोलियों से भून दिया।
पत्नियों ने बताया किस तरह तालिबान ने की हत्या
इशाक अली की पत्नी जमाल ने कहा, “हमलोग रास्ते में ही थे कि तालिबान ने हमें रोक लिया। दोनों को तालिबान ले गया और उन्हें मार दिया।” रमजान की पत्नी जुलेखा ने कहा, “उन्हें बाहर ले जाया गया और उनके घर से थोड़ी दूर ले जाकर मार दिया गया।” टोलो न्यूज ने बताया कि मारे गए लोगों के पाँच बच्चे हैं, जो फिलहाल काबुल में हैं और उनमें से सबसे बड़ा सात साल का है। अफगानिस्तान से लगातार इस तरह की घटनाएँ सामने आ रही हैं।
3,000 लोगों ने छोड़ा मलिस्तान
जो लोग मलिस्तान में लड़ाई के बाद विस्थापित हुए हैं, उन्होंने ये भी कहा है कि तालिबान ने लोगों से भोजन इकट्ठा किया और एक घोषणा जारी कर कहा कि वे इस्लामी अमीरात नियमों के आधार पर लोगों, विशेषकर महिलाओं के साथ व्यवहार करेंगे। टोलो न्यूज ने आँकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि तालिबान के हमले के बाद पिछले 10 दिनों में कम से कम 3,000 लोग मलिस्तान से विस्थापित हुए हैं।