अफगानिस्तान (Afghanistan) पर कब्जा करने के बाद तालिबान (Taliban) ने महिलाओं पर कई प्रतिबंध लगा दिए हैं। तालिबान ने अब मीडिया को चेतावनी दी है। तालिबान ने कहा है कि यदि मीडिया संस्थानों में महिला कर्मचारी हिजाब नहीं पहनतीं और पुरुषों के साथ घुलती-मिलती हैं तो मीडिया को बैन किया जाएगा। यही नहीं, अब अफगानिस्तान में महिलाओं के पुतलों का चेहरा ढँकना भी जरूरी हो गया है।
अफगान पत्रकार नातिक मलिकजादा ने एक वीडियो शेयर किया है। इस वीडियो में तालिबानी नेता ने कहा है कि उन्होंने मीडिया संस्थानों को हिजाब का पालन करने के लिए सख्त आदेश जारी किया है। मीडिया में काम करने वाली महिला कर्मचारियों को अच्छे ढंग से हिजाब बनना होगा। साथ ही, ऑफिस में काम करने वाले पुरुष कर्मचारियों के साथ महिलाएँ घुल-मिल भी नहीं सकतीं।
#Afghanistan — Taliban warning media that if their female workers do not maintain hijab in the office and do not stop mingling with their male colleagues in the office, they are going to issue a new verdict to ban the media from operating.
— Natiq Malikzada (@natiqmalikzada) January 16, 2023
Video 👇 pic.twitter.com/n9q81KkLUq
तालिबान ने चेतावनी देते हुए कहा है कि यदि मीडिया इन नियमों का पालन नहीं करती है तो उस पर बैन लगाया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा है कि हर चीज की एक सीमा होती है। जो चीजें खराब हैं और युवाओं को बर्बाद करने का कारण बन सकती हैं उनके बारे में चुप नहीं रहा जा सकता। इसलिए, मीडिया को खुद ही इस मामले में जरूरी फैसले लेने की जरूरत है।
पुतलों पर नकाब
अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद नकाब और हिजाब वाले पुतले वहाँ की पहचान बनते जा रहे हैं। दरअसल, तालिबान ने पुतलों को लेकर फरमान जारी किया था। इस फरमान में पुतलों को हटाने या फिर उनका गला काटने की बात कही गई थी।
इसके बाद दुकानदारों ने गुजारिश करते हुए कहा था कि यदि पुतले हट जाएँगे तो उन्हें कपड़े बेचने में समस्या होगी। इसलिए अब तालिबान ने कहा है कि सभी पुतलों पर नकाब होना चाहिए। इस आदेश के बाद दुकानदारों ने पुतलों के चेहरे को प्लास्टिक या एल्युमिनियम फाइल से ढँक दिया है।
तालिबान के इस फैसले से पीड़ित दुकानदार अजीज ने कहा, “तालिबान के सदाचार मंत्रालय के एजेंट नियमित रूप से दुकानों और मॉल में गश्त करते हैं। एजेंट यह देखते हैं कि पुतलों के सिर पर नकाब है या नहीं।” उन्होंने यह भी कहा, “हर कोई जानता है कि पुतले मूर्ति नहीं हैं। यहाँ कोई भी पुतलों की पूजा करने वाला नहीं है। सभी इस्लामी देशों में कपड़े बेचने लिए पुतलों का इस्तेमाल होता है।”
प्रतिबंधों के बोझ तले दबी अफगान महिलाएँ
साल 2021 में अफगानिस्तान पर कब्जा करने के बाद तालिबान ने कहा था कि वह महिलाओं के अधिकारों की बात करेगा। हालाँकि, सत्ता में काबिज होने के बाद तालिबान ने महिलाओं के अधिकारों का लगातार हनन किया है।
अफगानिस्तान में महिलाओं पर लगे प्रतिबंधों की लंबी फेहरिस्त है। अफगान महिलाओं को अकेले घर से बाहर निकलने की मनाही है। साथ ही, यदि कोई महिला सार्वजनिक स्थानों पर बिना हिजाब के देखी जाती है तो उसके अभिभावक को जुर्माना और जेल की सजा होगी।
तालिबान ने हमेशा ही महिलाओं को शिक्षा से दूर रहने की वकालत की है। इसलिए, वहाँ स्कूल और यूनिवर्सिटी में महिलाओं के प्रवेश को पूरी तरह से प्रतिबंधित किया गया है। इसके अलावा, एनजीओ या किसी अन्य संस्थान में महिलाओं की नौकरी पर भी कई तरह के प्रतिबंध लगाए हैं।