पिछले कुछ समय से भारत विरोधी रुख अपनाने वाले मलेशिया के प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद ने सोमवार को कहा है कि वह भारत के खिलाफ किसी तरह की जवाबी कार्रवाई नहीं करेंगे। ज्ञात हो की महातिर कश्मीर मुद्दे से लेकर नागरिकता कानून (CAA) को लेकर भारत की तीखी आलोचना कर चुके हैं।
रिपोर्ट्स के अनुसार, मलेशिया के प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद ने सोमवार (जनवरी 20, 2020) को स्पष्ट किया कि उनका देश अपने पाम ऑइल के आयात का बहिष्कार किए जाने पर भारत के खिलाफ कोई जवाबी कार्रवाई नहीं करेगा। उन्होंने यह माना कि भारत जैसी विशाल अर्थव्यवस्था के सामने मलयेशिया कहीं नहीं टिकता है, इसलिए जवाबी कार्रवाई का सवाल ही नहीं उठता है।
मुस्लिम बहुल मलेशिया के 94 वर्षीय मलेशियाई पीएम ने कहा, “हम जवाबी कार्रवाई करने के लिहाज से बेहद छोटे हैं। हमें इससे उबरने का तरीका और साधन ढूँढना होगा।”
गौरतलब है कि मलेशिया ने विवादित इस्लामिक धर्मगुरु जाकिर नाइक का स्थायी निवासी का दर्जा खत्म करने से भी मना कर दिया है। मलेशिया के इस फैसले को लेकर भी भारत नाराज है। जाकिर नाइक पर भारत में धर्म के नाम पर हेट स्पीच देने और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप हैं। वह मलेशिया में पिछले तीन सालों से रह रहा है।
खाद्य तेल खरीद रोककर भारत ने दिया था मलेशिया को झटका
मलेशिया के प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद का यह बयान ऐसे समय में आया है जब दुनिया भर में खाद्य तेल के सबसे बड़े खरीददार भारत ने मलेशिया से तेल के आयात पर रोक लगा दी। इस मामले पर महातिर के भारत की नीतियों के खिलाफ हमलावर होने से जोड़कर देखा जा रहा था।
मलेशिया के प्रधानमंत्री ने जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 को निष्प्रभावी किए जाने और नागरिकता कानून में संशोधन किए जाने पर भारत सरकार की आलोचना की थी। जिसके जवाब में भारत ने इस महीने से मलेशिया के पाम ऑइल का आयात रोक दिया। मलेशिया दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा पाम तेल उत्पादक देश है, ऐसे में उसके सबसे बड़े आयातक के बहिष्कार से बहुत बड़ा झटका लगा है।
भारत पिछले पाँच सालों में मलेशिया से खाद्य तेल खरीदने वाला शीर्ष खरीदार रहा, लेकिन अब मलेशिया के लिए तेल बेचना मुश्किल हो गया है। मलेशिया की अर्थव्यवस्था में तेल निर्यात की अहम हिस्सेदारी है।
मलेशियाई महातिर मोहम्मद ने कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के विरोध में भी पाकिस्तान का साथ दिया था। मलेशियाई पीएम ने कहा था कि भारत ने कश्मीर पर कब्जा कर रखा है। 27 सितंबर 2019 को संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक में मलेशियाई प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद ने अपने बयान में कहा था, “संयुक्त राष्ट्र के संकल्प के बावजूद, कश्मीर पर हमला कर कब्जा किया जा रहा है। इस कार्रवाई के पीछे कुछ वजहें हो सकती हैं लेकिन फिर भी ये गलत है। इस समस्या का समाधान शांतिपूर्वक तरीकों से ही होना चाहिए।”