पेरिस में पैगंबर मोहम्मद का कैरिकेचर दिखाने के कारण शिक्षक की हत्या के बाद उपजे विवाद पर मुस्लिम देशों ने प्रतिक्रिया देनी शुरू कर दी है। ऐसे में मलेशिया के पूर्व प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद ने भी आज ट्विटर पर जमकर जहर उगला।
उन्होंने न केवल फ्रांसीसी राष्ट्रपति का विरोध किया बल्कि हत्या जैसे कृत्य को जायज ठहराया व आतंक को जस्टिफाई करने का प्रयास किया। अब इसी घृणा फैलाने वाले व मानवता के विरुद्ध किए गए ट्वीट को ट्विटर ने डिलीट किया है। ट्विटर ने इन ट्वीट को नियमों का उल्लंघन बताकर डिलीट किया है।
टाइम्स ऑफ इंडिया के पत्रकार आदित्य राज कौल ने इस संबंध में ध्यान दिलवाते हुए ट्विट्स के स्क्रीनशॉट शेयर करते हुए लिखा,
“ट्विटर आखिरकार जग गया। उसने मलेशिया के पूर्व प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद के साम्प्रदायिक घृणा फैलाने वाले ट्विट्स को डिलीट कर दिया जो न केवल हत्या को जस्टिफाई कर रहे थे बल्कि मानवता के ख़िलाफ़ किए जाने वाले कृत्यों को उकसा रहे थे।”
Twitter has finally woken up and deleted the communal hate tweet of former Malaysian Prime Minister Mahathir Mohamad which was not just justifying killing and terrorism but motivating for acts against humanity. pic.twitter.com/t4DGa1LKJ7
— Aditya Raj Kaul (@AdityaRajKaul) October 29, 2020
बता दें कि मलेशिया के पूर्व पीएम मोहम्मद महातिर ने ट्विटर पर आज फ्रांस की घटना को केंद्र में रखककर 13 ट्वीट किए थे। इनकी शुरुआत में पहले तो महातिर ने ‘दूसरों का सम्मान करे’ संदेश के साथ ज्ञान देने की कोशिश की। लेकिन अपनी बात खत्म करते-करते उन्होंने यह लिख दिया कि मुस्लिमों को फ्रांसीसियों की हत्या का अधिकार है।
उन्होंने लिखा, “मैक्रों यह नहीं दिखा रहे हैं कि वह सभ्य हैं। वह अपमान करने वाले स्कूल टीचर की हत्या करने पर इस्लाम और मुस्लिमों पर आरोप लगाकर पुराने विचार दिखा रहे हैं। यह इस्लाम की सीख में नहीं है।”
उन्होंने आगे लिखा, “हालाँकि, धर्म से परे, गुस्साए लोग हत्या करते हैं। फ्रांस ने अपने इतिहास में लाखों लोगों की हत्या की है जिनमें से कई मुस्लिम थे। मुस्लिमों को गुस्सा होने और इतिहास में किए गए नरसंहारों के लिए फ्रांस के लाखों लोगों की हत्या करने का हक है।”
अपने ट्वीट में मलेशिया के पूर्व पीएम ने महिलाओं के पहनावे पर भी अपने विचार रखे। उन्होंने लिखा, “पश्चिम में महिलाओं के कपड़ों पर एक वक्त में बहुत प्रतिबंध थे। चेहरे को छोड़कर शरीर का कोई हिस्सा खुला नहीं रहता है लेकिन धीरे-धीरे शरीर के कई अंग एक्सपोज किए जाने लगे। कई तटों पर बिलकुल कपड़े नहीं पहने जाते। पश्चिम में लोग इसे सामान्य मानते हैं लेकिन पश्चिम को दूसरों पर इसे बलपूर्वक नहीं थोपना चाहिए। ऐसा करने से इन लोगों की आजादी छीनी जाती है।”
गौरतलब है कि मोहम्मद महातिर का ट्वीट उस समय आया है जब फ्रांस के नीस में एक महिला समेत कम से कम तीन लोगों पर हमला करके हत्या कर दी गई। राष्ट्रपति मैक्रो ने इसे इस्लामी आतंकवादी हमला बताया है।