यूके के संसदीय चुनाव में कश्मीर की ‘आजादी’ की आवाज उठाने को मुद्दा बनाकर वोट माँगा जा रहा है। कंजर्वेटिव पार्टी के नेता ने अपने इलाके के मुस्लिमों को हिंदू घृणा, नरेंद्र मोदी से नफरत और भारत विरोधी प्रचारों के जरिए आकर्षित करने की कोशिश की है। इस नेता का नाम मार्को लोंगी है, जो इस्लामियों से वोट माँग रहा है, ताकि वो ब्रिटेन की संसद में कश्मीर “आज़ादी” का मुद्दा उठा सकें।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, डुडले में ब्रिटिश पाकिस्तानी और कश्मीरी समुदाय के लोगों को संबोधित करते हुए कंजर्वेटिव पार्टी के नेता मार्को लोंगी ने पहले तो बकरीद की शुभकामनाएँ दी, उसके बाद भारत विरोधी आग उगलना शुरू किया। उसने कहा, ‘भारत में बीजेपी फिर से चुनी गई है, इसका मतलब है कि आने वाले महीनों में ‘कश्मीर के लोगों के लिए कठिन समय’ होगा। नरेंद्र मोदी ने हाल में साफ कहा कि वो कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्ज देने जा रहे हैं, जिसका मतलब होगा कि कश्मीरियों की संप्रभुता का अधिकार और स्पेशल स्टेटस छिन जाएगा।’ इस दौरान हिंदू विरोधी, भारत विरोधी पर्चा भी बाँटा गया।
कंजर्वेटिव पार्टी में टोरियों के तौर पर माने जाने वाले मार्को लोंगी ने कहा कि वो साल 2019 में सांसद बने थे, तो ‘कश्मीरी पर हो रहे भारत सरकार के अत्याचारों’ को लेकर मुखर रहे थे। लोंगी ने दावा किया कि उन्होंने कश्मीर से जुड़े कार्यक्रमों में हिस्सा लिया और कश्मीर में भारत सरकार की कार्रवाईयों की निंदा की।
इस पर्चे में लेबर पार्टी की संसदीय उम्मीदवार सोनिया कुमार पर विशेष तौर पर निशाना साधा गया है और उनके उपनाम ‘कुमार’ को हाईलाइट किया गया है। पर्चे में लिखा है, “मैं यह फैसला आप पर छोड़ता हूँ। अगर आप मुझे वोट देते हैं, तो मैं आपसे वादा करता हूं कि मैं संसद में कश्मीर के लिए अपनी आवाज और भी बुलंद करूँगा और संसद में कश्मीरियों के लिए खड़े होने में सबसे आगे रहूँगा।”
लीसेस्टर ईस्ट में लेबर संसदीय उम्मीदवार राजेश अग्रवाल ने लोंगी द्वारा जारी किए गए पर्चे की निंदा की और कहा, “यह समुदायों को विभाजित करने का एक शर्मनाक प्रयास है और मुस्लिम और हिंदू दोनों समुदायों के लिए अपमानजनक है। लोंगी जिस तरह की राजनीति कर रहे हैं, वो बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए।” उन्होंने यूनाइटेड किंगडम के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक से लोंगी का समर्थन वापस लेने की अपील की। उन्होंने कहा, “ऋषि सुनक को पार्टी से पहले देश को प्राथमिकता देनी चाहिए और लोंगी के अभियान के लिए अपनी पार्टी का समर्थन तुरंत वापस लेना चाहिए और ब्रिटिश भारतीयों को अलग-थलग करने के प्रयास के लिए माफ़ी माँगनी चाहिए।”
Rishi Sunak should put country before party and immediately remove his Party’s support for Mr Longhi campaign and apologise for attempting to alienate British Indians.” (2/2)
— Rajesh Agrawal (@RajeshAgrawal) June 17, 2024
दूसरी ओर, मार्को लोंगी ने पर्चे का बचाव करते हुए कहा कि वह बस “अपने निर्वाचन क्षेत्र में अपने कश्मीरी समुदाय का मुखर समर्थन कर रहे थे।” उसने आगे तर्क दिया कि डुडले में बहुत ही मिश्रित समुदाय है और वह बहुत से लोगों का प्रतिनिधित्व करते हैं। उन्होंने कहा, “अतीत में उनमें से कई लोगों ने मुझसे कहा है कि वे कश्मीर में जो कुछ हो रहा है, उससे बहुत चिंतित हैं।”
लोंगी ने इस बात पर जोर दिया कि यह पर्चा “राजनीति” का हिस्सा है, “यह राजनीति है, है न? क्या आप किसी ऐसे व्यक्ति को चाहते हैं जो लगातार कश्मीरियों का समर्थन करता रहा है, जहाँ मानवाधिकारों का हनन हुआ है या आप सोनिया कुमार नामक किसी ऐसे व्यक्ति को चाहते हैं, जिसके बारे में किसी ने कभी सुना ही न हो? मुझे नहीं लगता कि मेरे लिए अपने कश्मीरी समुदाय के सदस्यों के सामने इस बात को उजागर करना कोई समस्या है।” जब उनसे पूछा गया कि उन्होंने कुमार के उपनाम को क्यों उजागर किया, तो उन्होंने कहा, “उनके पास सिर्फ़ स्टारमर का एक पर्चा है। मैं चाहता हूँ कि लोग जानें कि मैं स्टारमर के खिलाफ़ नहीं खड़ा हूँ, मैं कुमार के खिलाफ़ खड़ा हूँ।”
लोंगी ने आगे दावा किया कि वह केवल व्यापक समुदायों के भीतर एक समूह का प्रतिनिधित्व कर रहे थे और यह विशेष रूप से कश्मीरियों का प्रतिनिधित्व कर रहा था। सोनिया कुमार ने पर्चे पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।