इंग्लैंड के स्टोक-ऑन-ट्रेंट में एक डॉक्टर को मुस्लिम महिला को चेहरे से बुर्का हटाने के लिए कहने और उसके साथ दुर्व्यवहार का दोषी पाया गया है। एक पैनल ने डॉक्टर को दुर्व्यवहार करने का दोषी पाया है, जिसके चलते कीथ वॉल्वर्सन को अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ सकता है। यह घटना 2018 में रॉयल स्टोक यूनिवर्सिटी अस्पताल में एक नियुक्ति के दौरान हुई थी।
इस मामले में डॉक्टर कहना है, “मैंने ऐसा इसलिए कहा था, क्योंकि वह अंग्रेजी समझ नहीं पा रही थीं। मैंने उन्हें अपनी बात ठीक ढंग से समझाने और उनकी बात समझने के लिए बुर्का उतारने को कहा था। ताकि मैं फेस एक्सप्रेशन उनकी बात समझ सकूँ।”
55 वर्षीय डॉक्टर ने दावा किया कि उन्होंने श्रीमती क्यू के रूप में जानी जाने वाली महिला से अपना बुर्का उठाने के लिए इसलिए कहा था, ताकि वह उसके होंठों को पढ़कर यह समझ सकें कि वह क्या कहना चाह रही थी, लेकिन उनके कहने के बावजूद कि वह बुर्का नहीं हटाना चाहती थी।
डेली मेल के मुताबिक, डॉ वॉल्वर्सन ने 25 साल से अधिक समय तक जीपी के रूप में काम किया है। इससे पहले उनका रिकॉर्ड बिल्कुल बेदाग था, लेकिन उसके बाद उन्हें कदाचार के 28 आरोपों का सामना करना पड़ा, जिनमें श्रीमती क्यू के साथ नियुक्ति से संबंधित 16 आरोप भी शामिल थे।
कीथ वॉल्वर्सन को उनके इस व्यवहार के लिए एक मेडिकल ट्रिब्यूनल ने तीखी फटकार लगाई है। ट्रिब्यूनल ने कहा कि उन्हें ऐसा करने की कोई जरूरत नहीं थी, जब वह महिला अपना बुर्का नहीं हटाना चाहती थी।
एक मेडिकल प्रैक्टिशनर्स ट्रिब्यूनल सर्विस (एमटीपीएस) पैनल ने कहा कि ऐसी कौन सी गंभीर परिस्थितियाँ थीं, जिसके चलते मुस्लिम महिला को बुर्का हटाने के लिए कहना पड़ा। पैनल ने यह भी कहा कि डॉ वॉल्वर्सन को मरीजों के साथ गलत तरीके से पेश आने का भी दोषी पाया गया है। उन्होंने कहा कि वे अंग्रेजी नहीं आने पर उन्हें हतोत्साहित करते हैं।
पैनल ने फैसला सुनाया है कि डॉक्टर ने मुस्लिम महिला के साथ अनुचित व्यवहार किया। वह दुराचार का दोषी है। इस साल के अंत में तय हो जाएगा कि उसे निलंबित किया जाएगा या फिर मौजूदा मेडिकल रजिस्टार (medical register) से हटाने की सजा दी जाएगी।