यूक्रेन के साथ जारी युद्ध (Russia Ukraine War) के बीच अमेरिकी सोशल मीडिया दिग्गज मेटा (Meta Inc) प्लेटफॉर्म्स इंक एकतरफा कार्रवाई कर रही है। कंपनी ने कुछ देशों में फेसबुक और इंस्टाग्राम (Facebook And Instagram) यूजर्स को रूस और उसके सैनिकों के खिलाफ हिंसा (Violence) को भड़काने के लिए अपनी हेट स्पीच की पॉलिसी को लचीला कर दिया है।
रॉयटर्स द्वारा गुरुवार (10 फरवरी 2022) को एक्सेस किए गए एक इंटर्नल ईमेल से इसका खुलासा हुआ। इसमें लिखा था कि मेटा इंक ने अस्थाई तौर पर अपनी हेट स्पीच की पॉलिसी में कुछ बदलाव किए हैं, ताकि लोग हिंसा भड़काने वाली पोस्ट कर सकें। इसमें रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन औऱ बेलारूसी राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको की हत्या करने के लिए भी उकसाया गया है।
इस पर मेटा के स्पोक्सपर्सन का कहना है, “यूक्रेन पर रूसी हमले के बाद हमने अस्थायी तौर पर राजनीतिक अभिव्यक्ति को लचीला किया है, जैसे रूसी हमलावरों की मौत और हिंसक भाषण सामान्यतया हमारे नियमों का उल्लंघन होते हैं। हम अभी भी रूसी नागरिकों के लिए हिंसा का आह्वान नहीं करेंगे।” ईमेल के मुताबिक, मेटा उन सभी पोस्ट को अपने प्लेटफॉर्म पर जगह देगा, जिसमें व्लादिमीर पुतिन और अलेक्जेंडर लुकाशेंको की हत्या की बात कही जाएगी।
Facebook owner Meta is also temporarily allowing some posts that call for death to Russian President Putin or Belarusian President Lukashenko in countries including Russia, Ukraine and Poland, according to internal emails to its content moderators https://t.co/0joPML3sxw
— Reuters (@Reuters) March 10, 2022
रॉयटर्स की रिपोर्ट कहती है कि मेटा की हिंसा वाली ये पॉलिसी आर्मेनिया, अजरबैजान, एस्टोनिया, जॉर्जिया, हंगरी, लातविया, लिथुआनिया, पोलैंड, रोमानिया, रूस, स्लोवाकिया और यूक्रेन जैसे देशों में मान्य होगी।
मेटा के ईमेल हेट स्पीच प़ॉलिसी में बदलावों को हाईलाइट किया गया है। इसमें लिखा गया है, “हम T1 हेट स्पीच की इजाजत देने के लिए स्पिरिट-ऑफ-द-पॉलिसी छूट जारी कर रहे हैं। अन्यथा इस हेट स्पीच पॉलिसी के तहत हटा दिया जाएगा, जब (A) रूसी सैनिकों और यूद्ध बंदियों को टार्गेट करना। (B) यूक्रेन पर रूसी हमले के मुद्दे पर रूसियों को निशाना बनाना।” यहीं नहीं ईमेल में यह भी कहा गया है कि मेटा सामान्य तौर पर वर्जित माने जाने वाले नाज़ी समर्थक आज़ोव बटालियन की प्रशंसा भी करने देगा।
अपनी हेट स्पीच की नीति में बदलाव के फैसले के बचाव में मेटा का तर्क है कि रूसी सेना का इस्तेमाल रूसी सैनिकों के लिए प्रॉक्सी के तौर पर किया जाता है। मेटा का यह दावा है कि उसकी पॉलिसी में बदलाव से रूसियों पर हमले को दिखाया जा सकेगा।
इस मामले में विवाद बढ़ने के बाद कहा है, “फेसबुक ने कहा कि यूक्रेन पर आक्रमण के कारण उसने ‘रूसी आक्रमणकारियों को मौत’ जैसे बयानों की इजाजत देने के लिए हेट स्पीच के मामले में अपने नियमों को अस्थायी रूप से आसान कर दिया है, लेकिन नागरिकों के खिलाफ खतरे को नहीं।”
#UPDATE Facebook said that due to the invasion of Ukraine it has temporarily eased its rules regarding violent speech to allow statements like “death to Russian invaders,” but not credible threats against civilians: AFP News Agency
— ANI (@ANI) March 11, 2022
खास बात ये है कि मेटा ने ये फैसला ऐसे वक्त में किया है जब रूसी मीडिया को बैन किए जाने के बाद रूसी सरकार ने देश में फेसबुक को ही बैन कर दिया था। मेटा के प्रवक्ता जो ओसबोर्न कहते हैं, “कुछ समय के लिए यूक्रेन की रक्षा के संदर्भ में या यूक्रेन नेशनल गार्ड के हिस्से के रूप में उनकी भूमिका में आज़ोव रेजिमेंट की प्रशंसा के लिए एक संकुचित अपवाद बनी रही है।”