Sunday, November 17, 2024
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अब पुतिन को दे सकेंगे ‘मौत की धमकी’: रूस-यूक्रेन युद्ध में फेसबुक-इंस्टाग्राम ने बदली पॉलिसी, हिंसक पोस्ट की भरमार

"यूक्रेन पर रूसी हमले के बाद हमने अस्थायी तौर पर राजनीतिक अभिव्यक्ति को लचीला किया है, जैसे रूसी हमलावरों की मौत और हिंसक भाषण सामान्यतया हमारे नियमों का उल्लंघन होते हैं। हम अभी भी रूसी नागरिकों के लिए हिंसा का आह्वान नहीं करेंगे।”

यूक्रेन के साथ जारी युद्ध (Russia Ukraine War) के बीच अमेरिकी सोशल मीडिया दिग्गज मेटा (Meta Inc) प्लेटफॉर्म्स इंक एकतरफा कार्रवाई कर रही है। कंपनी ने कुछ देशों में फेसबुक और इंस्टाग्राम (Facebook And Instagram) यूजर्स को रूस और उसके सैनिकों के खिलाफ हिंसा (Violence) को भड़काने के लिए अपनी हेट स्पीच की पॉलिसी को लचीला कर दिया है।

रॉयटर्स द्वारा गुरुवार (10 फरवरी 2022) को एक्सेस किए गए एक इंटर्नल ईमेल से इसका खुलासा हुआ। इसमें लिखा था कि मेटा इंक ने अस्थाई तौर पर अपनी हेट स्पीच की पॉलिसी में कुछ बदलाव किए हैं, ताकि लोग हिंसा भड़काने वाली पोस्ट कर सकें। इसमें रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन औऱ बेलारूसी राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको की हत्या करने के लिए भी उकसाया गया है।

इस पर मेटा के स्पोक्सपर्सन का कहना है, “यूक्रेन पर रूसी हमले के बाद हमने अस्थायी तौर पर राजनीतिक अभिव्यक्ति को लचीला किया है, जैसे रूसी हमलावरों की मौत और हिंसक भाषण सामान्यतया हमारे नियमों का उल्लंघन होते हैं। हम अभी भी रूसी नागरिकों के लिए हिंसा का आह्वान नहीं करेंगे।” ईमेल के मुताबिक, मेटा उन सभी पोस्ट को अपने प्लेटफॉर्म पर जगह देगा, जिसमें व्लादिमीर पुतिन और अलेक्जेंडर लुकाशेंको की हत्या की बात कही जाएगी।

रॉयटर्स की रिपोर्ट कहती है कि मेटा की हिंसा वाली ये पॉलिसी आर्मेनिया, अजरबैजान, एस्टोनिया, जॉर्जिया, हंगरी, लातविया, लिथुआनिया, पोलैंड, रोमानिया, रूस, स्लोवाकिया और यूक्रेन जैसे देशों में मान्य होगी।

मेटा के ईमेल हेट स्पीच प़ॉलिसी में बदलावों को हाईलाइट किया गया है। इसमें लिखा गया है, “हम T1 हेट स्पीच की इजाजत देने के लिए स्पिरिट-ऑफ-द-पॉलिसी छूट जारी कर रहे हैं। अन्यथा इस हेट स्पीच पॉलिसी के तहत हटा दिया जाएगा, जब (A) रूसी सैनिकों और यूद्ध बंदियों को टार्गेट करना। (B) यूक्रेन पर रूसी हमले के मुद्दे पर रूसियों को निशाना बनाना।” यहीं नहीं ईमेल में यह भी कहा गया है कि मेटा सामान्य तौर पर वर्जित माने जाने वाले नाज़ी समर्थक आज़ोव बटालियन की प्रशंसा भी करने देगा।

अपनी हेट स्पीच की नीति में बदलाव के फैसले के बचाव में मेटा का तर्क है कि रूसी सेना का इस्तेमाल रूसी सैनिकों के लिए प्रॉक्सी के तौर पर किया जाता है। मेटा का यह दावा है कि उसकी पॉलिसी में बदलाव से रूसियों पर हमले को दिखाया जा सकेगा।

इस मामले में विवाद बढ़ने के बाद कहा है, “फेसबुक ने कहा कि यूक्रेन पर आक्रमण के कारण उसने ‘रूसी आक्रमणकारियों को मौत’ जैसे बयानों की इजाजत देने के लिए हेट स्पीच के मामले में अपने नियमों को अस्थायी रूप से आसान कर दिया है, लेकिन नागरिकों के खिलाफ खतरे को नहीं।”

खास बात ये है कि मेटा ने ये फैसला ऐसे वक्त में किया है जब रूसी मीडिया को बैन किए जाने के बाद रूसी सरकार ने देश में फेसबुक को ही बैन कर दिया था। मेटा के प्रवक्ता जो ओसबोर्न कहते हैं, “कुछ समय के लिए यूक्रेन की रक्षा के संदर्भ में या यूक्रेन नेशनल गार्ड के हिस्से के रूप में उनकी भूमिका में आज़ोव रेजिमेंट की प्रशंसा के लिए एक संकुचित अपवाद बनी रही है।”

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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