अमेरिका की खुफिया एजेंसी सीआईए (CIA) के प्रमुख विलियम बर्न्स ने प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ की है। सीआईए चीफ ने कहा है कि पीएम मोदी के रुख के कारण रूस पर असर हुआ है। यही कारण है कि रूस-यूक्रेन युद्ध में अब तक परमाणु हथियारों का प्रयोग नहीं हुआ। साथ ही, इसके उपयोग होने के संकेत भी नहीं हैं।
विलियम बर्न्स ने पीबीएस के साथ एक इंटरव्यू में कहा है, “मुझे लगता है कि प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने परमाणु हथियारों के उपयोग के बारे में बार-बार अपनी चिंताएँ जाहिर की हैं। इसका रूस पर भी प्रभाव पड़ रहा है।” बर्न्स का यह बयान कई मायने में खास है। अव्वल तो यह कि विगत सप्ताह रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा था कि देश के रक्षा के लिए वह “सभी साधनों” का उपयोग करेंगे।
पुतिन ने यह भी कहा था, “अभी तक रूस ने पहले परमाणु हथियारों के प्रयोग के बारे में नहीं सोचा है। किसी भी स्थिति में रूस परमाणु हथियारों के प्रयोग से बचेगा, लेकिन इसका यह मतलब नहीं निकाला जाना चाहिए कि परमाणु हथियारों का प्रयोग बिल्कुल ही नहीं होगा।” पुतिन ने स्पष्ट चेतावनी दी थी कि अगर रूस की सीमा पर कोई हमला हुआ तो फिर परमाणु युद्ध की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता है। उनके इस बयान को परमाणु हथियारों के उपयोग को लेकर स्पष्ट चेतावनी के रूप में देखा जा रहा था।
बर्न्स ने यह भी कहा है, “मुझे लगता है कि चेतावनी सिर्फ डराने के लिए है। आज हमें सामरिक परमाणु हथियारों का उपयोग करने की योजना का कोई स्पष्ट सबूत नहीं दिख रहा है।”
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित दुनियाभर के कई नेताओं ने हाल ही में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से टेलीफोन पर या व्यक्तिगत रूप से बातचीत की है। इस बातचीत का उद्देश्य यूक्रेन और रूस के बीच युद्ध को ‘युद्ध विराम’ स्थिति में ले जाना था।
शुक्रवार (16 दिसंबर 2022) को प्रधानमंत्री मोदी ने व्लादिमीर पुतिन से फोन पर बात की थी। इस बातचीत में उन्होंने कहा था कि बातचीत और कूटनीति ही आगे बढ़ने का एकमात्र रास्ता है। इससे पहले सितंबर 2022 में उज्बेकिस्तान के समरकंद में आयोजित हुई संघाई सहयोग संगठन (SCO) की बैठक से अलग पीएम मोदी ने पुतिन से मुलाकात की थी।
समरकंद में मोदी ने पुतिन से कहा था, “इस मुद्दे पर मैंने आपसे बात की थी। आज हम इस पर बात करना चाहेंगे कि शांति के रास्ते पर आगे कैसे बढ़ा जा सके। भारत और रूस कई दशकों तक एक साथ रहे हैं। मैं यूक्रेन संघर्ष पर आपकी स्थिति जानता हूँ। मैं आपकी चिंता समझता हूँ। मैं जानता हूँ कि आप इन चिंताओं को समझते हैं। हम चाहते हैं कि ये संकट जितना जल्दी हो सके खत्म हो।
यही नहीं, इसी साल अक्टूबर में पीएम मोदी ने यूक्रेनी राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेन्स्की से भी बात की थी। इसमें उन्होंने कहा था कि परमाणु हथियारों का उपयोग करने से सार्वजनिक स्वास्थ्य और पर्यावरण पर विनाशकारी प्रभाव हो सकते हैं।