Monday, December 23, 2024
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अरुणाचल भारत का हिस्सा, चीन की घुसपैठ का करते हैं कड़ा विरोध: अमेरिकी विदेश मंत्रालय

हाल ही में पीएम मोदी ने अरुणाचल प्रदेश का दौरा किया था। इस दौरान उन्होंने रणनीतिक तौर पर महत्वपूर्ण सेला सुरंग समेत तमाम परियोजनाओं का उद्घाटन और लोकार्पण किया था। सेला दुनिया की सबसे ऊँचाई पर बनी सुरंग है। पीएम मोदी ने इस दौरान पूर्वोत्तर में किए गए अन्य विकास कार्यों का भी ब्यौरा दिया था।

अमेरिका के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि भारत में चीन की घुसपैठ का वह विरोध करता है। उसने कहा है कि LAC (लाइन ऑफ़ एक्चुअल कण्ट्रोल) के पार की जाने वाली गड़बड़ी के वह पूरी तरह से विरोध में है। अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि अरुणाचल प्रदेश को वह भारत का हिस्सा मानता है।

अमेरिकी विदेश मंत्रालय के उप प्रवक्ता वेदांत पटेल ने अरुणाचल प्रदेश में भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दौरे पर चीन की टिप्पणी को लेकर एक प्रश्न के उत्तर में कहा, “अमेरिका अरुणाचल प्रदेश को भारत की जमीन मानता है और LAC के पार सैन्य घुसपैठ या अतिक्रमण से अपनी जमीन बढ़ाने के दावे के एकतरफ़ा प्रयास का पूरी तरीके से विरोध करता हैं।”

गौरतलब है कि हाल ही में पीएम मोदी ने अरुणाचल प्रदेश का दौरा किया था। इस दौरान उन्होंने रणनीतिक तौर पर महत्वपूर्ण सेला सुरंग समेत तमाम परियोजनाओं का उद्घाटन और लोकार्पण किया था। सेला दुनिया की सबसे ऊँचाई पर बनी सुरंग है। पीएम मोदी ने इस दौरान पूर्वोत्तर में किए गए अन्य विकास कार्यों का भी ब्यौरा दिया था।

पीएम मोदी के इस दौरे के बाद चीन के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता कर्नल झांग ज़ियाओगांग ने कहा था कि जिजांग (तिब्बत का भाषा में नाम) का दक्षिण का क्षेत्र चीन का पारम्परिक रूप से हिस्सा है। उन्होंने कहा था कि भारत ने अरुणाचल प्रदेश को अवैध रूप से स्थापित किया है और बीजिंग इसे कभी नहीं मानेगा।

हालाँकि, यह पहली बार नहीं है जब चीन अरुणाचल प्रदेश में घुसपैठ या उस पर अपना दावा जताता आया हो। चीन लगातार अरुणाचल प्रदेश के इलाकों में घुसपैठ करता है और उसे तिब्बत का एक हिस्सा बताता है। वह अरुणाचल प्रदेश के नागरिकों को ‘नत्थी वीजा’ देता है। चीन ने 1950 के दशक में बौद्धों को भगा कर तिब्बत पर कब्जा कर लिया था और अब उसका दावा है कि अरुणाचल उसकी तिब्बत का एक हिस्सा है। भारत ने चीन को हमेशा इस मामले में कड़ा जवाब दिया है।

चीनी रक्षा मंत्रालय की इस टिप्पणी के बाद भारतीय विदेश मंत्रालय ने भी स्पष्ट रूप से जवाब दिया था। विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा, ” हमारे ध्यान में चीनी प्रवक्ता द्वारा की गई टिप्पणियाँ आई हैं। चीनी रक्षा अरुणाचल प्रदेश को लेकर बेतुके दावे कर रहा है। इस बारे में बार-बार एक ही तरह के दावे दोहराने से इस दावे को कोई सच नहीं मान लेगा। अरुणाचल प्रदेश भारत का अविभाज्य हिस्सा था, है और हमेशा ही रहेगा। अरुणाचल प्रदेश के निवासियों को हमारे इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स का लाभ लगातार मिलता रहेगा।”

गौरतलब है कि चीन लद्दाख और उत्तराखंड वाले क्षेत्र में भी लगातार सीमा पर गड़बड़ी करता रहता है। वह लगातार इन हिस्सों को अपना बताने का दावा करता है। हालाँकि, भारत ने उसके सभी दावे नकारते हुए इन सभी इलाकों में सेना की मजबूत तैनाती कर रखी है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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