प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अमेरिका के राष्ट्रपति जो बायडेन से फोन पर बातचीत की है। यह बातचीत सोमवार (26 अगस्त, 2024) को हुई। दोनों वैश्विक नेताओं की बातचीत के केंद्र में यूक्रेन-रूस संघर्ष और बांग्लादेश में सत्ता परिवर्तन के बाद हिन्दुओं पर हो रहे अत्याचार रहे।
भारतीय विदेश मंत्रालय ने बातचीत के बाद इस बात को स्पष्ट रूप से जाहिर किया वहीं अमेरिकी पक्ष ने इसे बातचीत की प्रेस रिलीज से गायब कर दिया। अमेरिका इससे पहले भी बांग्लादेश में हिन्दुओं पर हो रहे अत्याचार को लेकर मौन रहा है और इस पर बोलने से कतराता रहा है।
भारतीय विदेश मंत्रालय द्वारा जारी की बातचीत की प्रेस रिलीज में बताया गया कि पीएम मोदी ने राष्ट्रपति बायडेन को अपनी हालिया पोलैंड और यूक्रेन यात्रा के विषय में जानकारी दी। इसमें बताया गया कि पीएम मोदी ने ने यूक्रेन-रूस संघर्ष का बातचीत से हल हो, इसके लिए अपना पूरा समर्थन दिया है। उन्होंने जल्द शान्ति बहाली की आशा जताई है।
विदेश मंत्रालय द्वारा जारी किए गए प्रेस रिलीज में आगे बताया गया कि दोनों नेताओं ने बांग्लादेश में बिगड़े हालातों पर चिंता जताई है। दोनों नेताओं ने यहाँ कानून का राज दुबारा कायम करने और अल्पसंख्यकों विशेष कर हिन्दुओं के लिए सुरक्षित माहौल बनाने पर जोर दिया है।
हालाँकि, जब इसी बातचीत को लेकर अमेरिकी पक्ष ने अपनी प्रेस रिलीज जारी की तो इसमें अपने रणनीतिक हित वाले मुद्दे ही रखे। अमेरिकी पक्ष द्वारा दी गई जानकारी में बताया गया कि दोनों नेताओं के बीच पीएम मोदी की यूक्रेन यात्रा, यूक्रेन-रूस संघर्ष के शांतिपूर्ण हल को लेकर बात हुई।
इसके अलावा भारत और अमेरिका समेत 4 देशों के समूह QUAD को लेकर भी दोनों नेताओं की बातचीत को लेकर भी इस प्रेस रिलीज में जानकारी दी गई। हालाँकि, इस प्रेस रिलीज से बांग्लादेश पर हुई बातचीत को पूरी तरीके से गायब कर दिया गया।
ना ही इसमें बांग्लादेश में बिगड़े हालातों को लेकर कुछ कहा गया, ना ही बांग्लादेश में हिन्दुओं पर हुए अत्याचार या उनकी सुरक्षा की बातचीत का जिक्र किया गया। अमेरिका इससे पहले भी लगातार बांग्लादेश में हिन्दुओं के उत्पीड़न पर बोलने से इनकार करता रहा है।
12 अगस्त, 2024 को बांग्लादेश में हिन्दुओं पर हमलों की कई खबरों के बीच जब अमेरिका के व्हाईट हाउस से पूछा गया कि उसका इस पर क्या रुख है तो उसकी प्रवक्ता ने कोई टिप्पणी करने से मना कर दिया था। व्हाईट हाउस की प्रवक्ता जीन पियरे ने कहा था कि वह स्थितियों को देख रहे हैं और इससे ज्यादा कुछ नहीं कह पाएँगे।
गौरतलब है कि 5 अगस्त, 2024 को बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना को इस्तीफ़ा देना पड़ गया था। उनके खिलाफ बांग्लादेश के इस्लामी कट्टरपंथियों ने एक महीने तक विरोध प्रदर्शन और हिंसा की थी। इसके बाद उन्हें सत्ता छोड़ कर भारत आना पड़ा था। इस दौरान बांग्लादेश में हिन्दुओं पर भी हमले चालू हो गए थे। हालाँकि, विश्व समुदाय इस पर चुप्पी साधे रहा है।