अमेरिका के मध्यपश्चिमी राज्य कैंसास में एक महिला को आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक और अल-शाम (Islamic State of Iraq and al-Sham) को मदद पहुँचाने के लिए दोषी ठहराया गया है। ट्रायल के दौरान महिला ने कबूल किया उसने एक अमेरिकी कॉलेज पर हमले की साजिश पर काम किया था। इसके लिए उसने सीरिया में एक महिला दल के 100 से अधिक लड़ाकों को ट्रेनिंग भी दी थी।
जानकारी के मुताबिक, कोर्ट ने कहा है कि 42 साल की एलिसन फ्ल्यूक एक्रेन (Allison Fluke-Ekren) ने 2011-19 के बीच सीरिया, लीबिया और इराक में आतंकी गतिविधियों में शामिल होने की बात कबूल की है। सजा 25 अक्टूबर को सुनाई जाएगी। बताया जा रहा है कि उसे अधिकतम 20 साल की जेल की सजा हो सकती है। पुलिस की चार्जशीट में उसे एक माँ, शिक्षिका और आईएसआईएस बटालियन का सरगना बताया गया है। रिकॉर्ड के मुताबिक, वह आखिरी बार अमेरिका में 8 जनवरी, 2011 को देखी गई थी। इससे पहले उसने इजिप्ट और लीबिया की यात्रा की थी। फिर 2014 में सीरिया का रुख किया था।
सीरिया में छह सरकारी गवाहों में एक गवाह के अनुसार, एकरेन ने अमेरिकी कॉलेज पर हमले की योजना पेश की थी। इसमें कॉलेज कैंपस में विस्फोटक से धमाका करना था। एलिसन ने इस्लामिक स्टेट सैन्य बटालियन के सरगना और आयोजक के तौर पर काम किया। उसने महिलाओं को ऑटोमेटिक फायरिंग एके -47 राइफल, ग्रेनेड और आत्मघाती बेल्ट के इस्तेमाल को लेकर ट्रेनिंग दी थी। एलिसन ने 100 से अधिक महिलाओं को सैन्य ट्रेनिंग दी जिसमें युवा लड़कियाँ भी शामिल थी।
रिपोर्ट के मुताबिक, फ्लूक-एकरेन ने कैंसास यूनिवर्सिटी में बायोलॉजी की पढ़ाई की और इंडियाना के एक कॉलेज में भी दाखिला लिया। सोमवार (6 जून 2022) को अदालत में उसने कहा कि उसके समूह ने जानबूझकर युवा लड़कियों को हथियारों का प्रशिक्षण नहीं दिया था, लेकिन वे भीड़ का हिस्सा हो सकते हैं। समूह को इसका फायदा मिल सकता था। इससे पहले असिस्टेंट यूएस अटॉर्नी राज पारेख ने अदालत में कहा कि कुछ युवा लड़कियों ने जूरी के सामने गवाही दी थी कि उन्होंने फ्लूक-एकरेन से हथियार चलाने की ट्रेनिंग ली थी।
कोर्ट में मंगलवार को खुलासा हुआ कि फ्लूक-एकरेन ने 2012 के हमले के पीछे के आतंकवादी समूह अंसार अल-शरिया के नेताओं की सहायता की थी, जिसने लीबिया में चार अमेरिकियों को मार डाला था। याचिका के दस्तावेजों से पता चलता है कि एकरेन का दूसरा पति उस आतंकवादी संगठन अंसार अल-शरिया का सदस्य था, जिसने उस साल लीबिया के बेंगाजी में एक अमेरिकी परिसर पर हुए घातक हमले की जिम्मेदारी ली थी। उसका पति यूएस सरकार की इमारतों से दस्तावेजों का एक बॉक्स घर ले आया और साथ में कपल ने बॉक्स की सामग्री की जाँच की। एकरेन ने याचिका दस्तावेजों में स्वीकार किया कि उसके पति ने बाद में आतंकवादी समूह के अधिकारियों को अमेरिकी कागजात दिए। हालाँकि मामले में फ्लूक-एकरेन पर हमले में शामिल होने का आरोप नहीं लगा था।
इसके बाद कपल ने लीबिया छोड़ दिया, क्योंकि उस समय, उनका मानना था कि असनर अल-शरिया अब वहाँ हमले नहीं कर रहा था और वे कहीं और हिंसक जिहाद में शामिल होना चाहते थे। 2016 की गर्मियों में, अदालत के दस्तावेजों के अनुसार, फ्लूक-एकरेन ने अपने तीसरे पति, एक बांग्लादेशी आईएसआईएस सदस्य से शादी की, जिसने आईएसआईएस के लिए ड्रोन बनाया। बाद में उसकी हत्या कर दी गई। दस्तावेजों से पता चला है कि फ्लूक-एकरेन की पाँच बार शादी हुई है और पाँच बच्चे हैं।
बाद में एलिसन महिला यूनिट खतीबा नुसायबा बटालियन की नेता बनी, जो इस्लामिक स्टेट के मिशन को बनाए रखने के लिए महिला लड़ाकों का समूह है। इसने इस्लामिक स्टेट का समर्थन करने के लिए शारीरिक, चिकित्सा, हथियारों, मजहबी कक्षाओं के साथ-साथ मार्शल आर्ट की भी ट्रेनिंग दी गई। इसके अलावा उसने वाहन बम विस्फोट पर कोर्स और राइफल एवं सैन्य आपूर्ति के साथ ‘गो बैग’ कैसे पैक करें, इसकी भी ट्रेनिंग दी। एलिसन ने कबूल किया कि वह मई 2019 तक ISIS के साथ जुड़ी हुई थी। फिर 2021 की गर्मियों में स्थानीय सीरियाई पुलिस ने उसे हिरासत में ले लिया। उसे 28 जनवरी, 2022 को अमेरिकी हिरासत में ट्रांसफर कर दिया गया।