Monday, December 23, 2024
Homeरिपोर्टअंतरराष्ट्रीयचर्च में पादरी ने बेटे-बेटी के साथ मिल कर 3 साल की बच्ची को...

चर्च में पादरी ने बेटे-बेटी के साथ मिल कर 3 साल की बच्ची को मार डाला, ‘भूत उतारने’ के लिए पीट रहे थे: असीम शक्तियों का दावा, कोर्ट सुनाएगा फैसला

बच्ची के ऊपर से 'शैतान' का असर खत्म करने के लिए चर्च में ही वीभत्स हत्या की वारदात को अंजाम दिया गया और कुछ घंटों के बाद हत्यारे बच्ची के शव को वहींं छोड़कर भाग निकले, जब उन्हें लगा कि बच्ची मर चुकी है और 'वापस' नहीं आ सकती।

अमेरिका में एक पादरी ने अपनी बेटी और बेटे के साथ मिलकर अपनी 3 साल की नातिन को मार डाला। वो कथित तौर पर बच्ची के ऊपर से ‘शैतान’ के असर को खत्म करने की कोशिश कर रहे थे। इस दौरान कई घंटों की पिटाई और प्रताड़ना से बच्ची की मौत हो गई।

अमेरिका के कैलिफोर्निया में 3 साल की बच्ची की ‘शैतान’ के नाम पर पीट कर हत्या कर दी गई। हत्या का आरोप बच्ची की माँ, मामा और नाना पर है। बच्ची का नाना चर्च में पादरी था और उसका दावा है कि उसके पास ‘हीलिंग’ की ईश्वरीय शक्तियाँ है। वो आत्माओं से संवाद कर सकता है। वो ‘चंगाई’ के माध्यम से मानव का कल्याण करता है। बच्ची के ऊपर से ‘शैतान’ का असर खत्म करने के लिए चर्च में ही वीभत्स हत्या की वारदात को अंजाम दिया गया और कुछ घंटों के बाद हत्यारे बच्ची के शव को वहींं छोड़कर भाग निकले, जब उन्हें लगा कि बच्ची मर चुकी है और ‘वापस’ नहीं आ सकती।

क्रोन24 की रिपोर्ट के मुताबिक, कैलिफोर्निया के सैन जोसे चर्च में 24 सितंबर 2021 को बत्या कर दी गई थी। बच्ची का नाम एरेली नाओगी प्रॉक्टर था। सैंटा क्लारा काउंटी की डेपुटी डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी रेबेकाह वीजे ने इस मामले में पूरी रिपोर्ट तैयार की है, जिसपर लगातार सुनवाई चल रही है। इस मामले में अभी आरोप तय नहीं हो पाए हैं, जबकि बच्ची की माँ, मामा और नाना, तीनों को ही अलग-अलग समय पर गिरफ्तार किया जा चुका है। अब 10 मई 2024 को कोर्ट फैसला लेगी कि इस मामले में हत्या का केस चलाया जाए या नहीं।

रिपोर्ट के मुताबिक, जज हैनले शे की कोर्ट में चल रही बहस में बताया गया है कि हत्यारों के नाम क्लॉडिया हर्नांडेज, मामा रेने ‘आरोन’ हर्नांडेज सैंटोस और नाना रेने ट्रिगुएरोस हर्नांडेज है। उन्होंने खुद को बेगुनाह बताया है और कहा कि वो बच्ची पर हावी हो चुके ‘शैतान’ को भगाने का प्रयास कर रहे थे। रेने ट्रिगुएरोस हर्नांडेज खुद पादरी है और उसने दावा किया है कि उसके पास ‘हीलिंग पॉवर’ हैं।

बच्ची अरेली को जब ‘शैतान’ की गिरफ्त से ‘आजाद’ कराया जा रहा था, तब उसने खुद को बचाने के लिए काफी संघर्ष किया था और मरने से पहले अपनी माँ को ‘आई लव यू’ भी बोला था। 50 पन्नों के अभियोग पत्र में ये बातें विस्तार से लिखी है। इस पूरे घटनाक्रम के बारे में बताते हुए बच्ची की 25 वर्षीय माँ ने बताया कि उसकी बेटी पर शैतान का कब्जा था। उसकी आँखें बदली हुई थी और वो पूरी तरह से अलग दिख रही थी।

ये लोग सुबह 7 बजे के आसपास बच्ची को लेकर चर्च में गए थे। जहाँ बच्ची के नेता रेने ने बतौर पादरी एक प्रार्थना सभा का आयोजन किया और करीब 12.20 बजे दोपहर में शैतार की पिटाई कई। इस दौरान बच्ची को ‘सुपरमैन’ की तरह टाँग दिया गया। बच्ची की पिटाई के दौरान उल्टी हुई और उसने दम तोड़ दिया। शाम को करीब 6 बजे उन लोगों ने बच्ची को चर्च में ही छोड़ दिया और फरार हो गए। पोस्ट मार्टम रिपोर्ट में पता चला कि पिटाई की वजह से बच्ची के मस्तिष्क में सूजन, फेफड़ों में खून, गर्दन की चोटें और उसके मुंह के अंदर घावों सहित कई भयानक चोटें आईं।

इस मामले में तीनों ने खुद को हत्या का दोषी मानने से इनकार कर दिया। बच्ची के मामा ने कहा कि बच्ची ईश्वर द्वारा भेजी गई उपहार थी, जिसे उसने वापस ले ले लिया। वहीं, बच्ची की माँ ने कहा कि उसे अभी भी लगता है कि अरेली के ऊपर शैतान का साया था, वो अरेली की आत्मा को अपने साथ ले गया।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

किसी का पूरा शरीर खाक, किसी की हड्डियों से हुई पहचान: जयपुर LPG टैंकर ब्लास्ट देख चश्मदीदों की रूह काँपी, जली चमड़ी के साथ...

संजेश यादव के अंतिम संस्कार के लिए उनके भाई को पोटली में बँधी कुछ हड्डियाँ मिल पाईं। उनके शरीर की चमड़ी पूरी तरह जलकर खाक हो गई थी।

PM मोदी को मिला कुवैत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘द ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर’ : जानें अब तक और कितने देश प्रधानमंत्री को...

'ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर' कुवैत का प्रतिष्ठित नाइटहुड पुरस्कार है, जो राष्ट्राध्यक्षों और विदेशी शाही परिवारों के सदस्यों को दिया जाता है।
- विज्ञापन -